EPS 95 Pension News: पीएम मोदी और ईपीएफओ पर पेंशनर्स की दर्दभरी और कटाक्ष वाली टिप्पणी

  • औसतन 1171 का पेंशन दिया गया, जो एक मुट्ठी भीख जैसी थी।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। EPS 95 Pension News: ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) पर एक और पोस्ट ने केंद्र सरकार पर बड़ा सवाल उठा दिया है। पेंशनर्स Indranath Thakur ने लिखा-यद्यपि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के विकास, सांस्कृतिक विरासत के रक्षक और  विश्वमित्र के रूप में विश्व में भारत को स्थापित करने के लिए अप्रतिम योगदान देने वाले स्वीकार किए जाते हैं। मानवीय संवेदनाओं की रक्षा के लिए किये गये उनके प्रयास भी सराहनीय हैं।

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फिर भी यह समझ  से बाहर है कि उन्होंने लाखों EPS 95  सेवानिवृत्त बुजुर्गों की आशाओं  का अनादर क्यों किया? औद्योगिक क्षेत्रों के गरीब कामगारों ने सरकारी स्कीम के अनुरूप भविष्य निधि फंड में योगदान किया था कि पेंशन के रूप में वे कुछ पा सकेंगे। किन्तु उन्हें ठगा गया।

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उन्हें औसतन 1171 का पेंशन दिया गया, जो एक मुट्ठी भीख जैसी थी। भारत  की सरकार ने  EPS 95 पेंशनर्स के आठ सालों की शान्ति पूर्ण आन्दोलन का निरादर किया। उन्हें  ठेंगा दिखा दिया। यह सरकार की सबसे बड़ी चूक थी।   मोदीजी का यह व्यवहार पेंशनर्स को पच नहीं रहा है। पेंशनर्स ने कहा-किन्तु याद रहे, “जो पेंशनर्स का काम करेगा, वही देश पर राज करेगा।”

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अस्सी लाख बूढ़े कामगार उम्र के इस पड़ाव में उपेक्षित और त्यक्त महसूस करते हैं। क्या सरकार तोड़ फोड़ तथा हिंसात्मक आन्दोलन को ही तरजीह देना जानती है? एकनिष्ठ भाव से चुपचाप राष्ट्र निर्माण के लिए सेवा करनेवाले, जीवन खपाने वाले, निरीह कर्मवीरों के जमा किए पैसों की  छीन झपट से क्या सरकार की शोभा बढ़ेगी?

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 “हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते!”

सुप्रीम कोर्ट ने जब श्रमिकों/ कर्मचारियों के साथ न्याय किया था  तो  EPFO को दिया गया यह  दायित्व कि पेंशनर्स के लिए सम्यक न्यूनतम पेंशन की बहाली की जाए। क्या यह सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी? किन्तु, मोदीजी की सरकार चुप क्यों बैठ गई? मोदी सरकार से हमें ऐसी उम्मीद नहीं की थी। “हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते!”

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हृदय टुकड़े टुकड़े होने के लिए लाचार

पेंशनर्स ने आगे लिखा-मोदी सरकार याद रखे कि “जो पेंशनर्स का काम करेगा,वही देश पर राज करेगा।” श्रममंत्री भूपेंद्र यादव अब कहीं दिखाई नहीं देंगे। ठगे अनुभव कर रहे बुजुर्ग पेंशनर्स का अभिशाप कहीं सच साबित हो गया,  यह सोचकर  हमारा हृदय टुकड़े टुकड़े होने के लिए लाचार हो जाता है।

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  मोदीजी की रक्षा सर्वशक्तिमान सर्वव्यापी श्री राम करें  

हम वैसे लोग हैं’ जिनका दिमाग जो आदेश देता है, उनका दिल उसकी गवाही देने से इंकार कर रही है। मगर मरता क्या नहीं करता? मोदीजी की रक्षा सर्वशक्तिमान सर्वव्यापी श्री राम करें। उन्हें जैसे रखें। किन्तु मोदीजी का यह नेगलेक्ट  हमारी समझ में नहीं आता है।

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