नया पेंशन स्टार्ट होने के तीसरे माह में बकाया बढ़ी हुई पेंशन के हिसाब से पैसा वापस मिल जाएगा
अज़मत अली, भिलाई। ईपीएस 95 (EPS 95) के लिए ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरें या नहीं…। कितनी रकम मिलेगी, कितनी रकम कटेगी? कौन-कौन लाभ के दायरे में आएगा…? ऑनलाइन फॉर्म भरने की कौन-कौन सी शर्ते हैं…वगैरह-वगैरह। इन जटिल सवालों क जवाब केंद्रीय कर्मचारी जानना और समझना चाहते हैं। हर कोई अपने-अपने तरीके से संतुष्ट करने की कोशिश कर रहा है।
Suchnaji.com आपको एक्सपर्ट की जुबानी सारे जवाब उपलब्ध करा रहा है। ईपीएफओ (EPFO) से जुड़े प्रश्न आप यहां पढ़ने जा रहे हैं। बोकारो इस्पात कमगार यूनियन (AITUC) के उपाध्यक्ष व फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड सेल इम्प्लाइज के महासचिव राम आगर सिंह ने सेल (SAIL) सहित तमाम केंद्रीय कर्मचारियों-अधिकारियों के सवालों का जवाब दिया है। ईपीएस 95 के कुछ प्रश्न एवं उसके उत्तर आप भी पढ़ें…।
आप भी जानिए EPS-95 से जुड़े सवालों का जवाब
प्रश्न: पेंशन क्या सबको मिलेगी?
उत्तर: सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर 2022 के फैसले के अनुसार सितंबर 2014 के पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस स्कीम के लाभ से वंचित कर दिया गया है।
सितंबर 2014 के बाद वाले कर्मचारियों को इस पेंशन में शामिल होने के लिए ऑप्शन भरने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 4 महीना और इसे लागू करने के लिए 2 माह का समय सीमा तय किया है।
प्रश्न: क्या सितम्बर 2014 को जो 58 वर्ष पूरा कर लिए हैं और रिटायर्ड इसके बाद किए हैं वो इसके हकदार है?
उत्तर: कोर्ट ने इसके लिए कोई आदेश नहीं दिया है, बल्कि उस आदेश में यह दर्ज है कि जो सितंबर 2014 को सेवा में है वो इसके हकदार हैं, पर ईपीएफओ ने सितंबर के बाद सेवानिवृत्त होने वाले वैसे लोगों को इसके लाभ से मना कर दिया है और जो अगस्त 2016 में भी सेवांनिवृत हुए हैं, उन्हें इसमें ऑप्शन भरने से मना कर दिया है, क्योकि वो 58 वर्ष जिस माह में पूरा हुआ है, उसी को कट ऑफ डेट मान रहा है।
प्रश्न: अभी ऑनलाइन ऑप्शन का जो पोर्टल ईपीएफओ ने लॉन्च किया है, उसने पैरा 11( 3 ) और पैरा 11 ( 4) के अंतर्गत ऑप्शन भरने के लिए जिस दस्तावेज को अपने अपने पोर्टल में अपलोड करने की बात कही है वह कौन कौन सा दस्तावेज है?
उत्तर: पारा 11 (3 ) के अन्तर्गत यानि जो लोग इस इस स्कीम के प्रारंभ होने के समय मांगा गया ऑप्शन फॉर्म भरा था, उसका प्रमाण और जिन्होंने सितंबर 2014 के बाद मांगे गये ऑप्शन को ऑप्ट किया था या किया है, उसका प्रमाण अपलोड करने को कहा जा रहा है। परन्तु अधिकांश लोगों ने एटक को छोड़कर अन्य यूनियनों के वहकावे में आकर इस दोनो ऑप्शन के लिए फॉर्म नहीं भरा था। इसलिए अब वे इसका प्रमाण देने में असमर्थ हैं।
ये खबर भी पढ़ें: EPS 95: SAIL का बड़ा बयान-सिर्फ ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म भरने से पेंशन का कोई अधिकार नहीं…17 अप्रैल तक करें आवेदन
प्रश्न: कोर्ट के निर्णय के अनुसार हक़दार लोगों को ऑप्शन भरने की सीमा 3 मई है तो क्या इसकी सीमा को बढ़ाया जाएगा या नहीं?
उत्तर: कई रिव्यु पिटिशन सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। इसलिए इसकी सीमा को आगे ले जाने की प्रबल संभावना है।
प्रश्न: ईपीएफओ ने ऑनलाइन ऑप्शन भरने के लिए तीन शर्त रखी है। आधार को अपलोड करना जो मालिक को करना है, पैरा 11 (3) , 11( 4) और पीएफ के क्लॉज 26 ( 6) को भी अपलोड करना। पर अधिकांश लोगों के पास उपरोक्त कागज़ात नहीं है और यह पेपर मालिक के पास जमा है तो लोगों को क्या करना होगा?
उत्तर: इसके लिए नियोकता से सम्पर्क किया जा रहा है और सेल सहित अधिकांश प्रतिष्ठानों ने इसका प्रबंध करने का आदेश सम्बन्धित अधिकारिओं को दे दिया है। जिन कारखानों, स्कूलों, अन्य जगहों पर यह काम रूका हुआ है तो वहां कार्यरत एटक और अन्य यूनियनों को इसमें पहल कर इसको एम्प्लॉयर को उपलब्ध करवाने के लिए अप्रोच और दवाब डालना चाहिए। वैसे, सेल प्रबंधन ने ये दस्तावेज उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है।
प्रश्न: क्या इस स्कीम में शामिल होने वाले लोगों को अपने हिस्से की रकम जो वास्तविक वेतन का 8.33% होगी को समय समय पर मिलने वाले ब्याज के साथ जमा करनी होगी?
उत्तर: हां, बिना इस रकम को जमा किये सब पेपर और ऑप्शन रहने के बाद भी पेंशन प्रारंभ नहीं होगा।
प्रश्न: क्या जब पेंशन चालू होगा तो उसका बकाया रकम का भी भुगतान होगा?
उत्तर: निश्चित तौर पर और नया पेंशन स्टार्ट होने के तीसरे माह में बकाया बढ़ी हुई पेंशन के हिसाब से पैसा वापस मिल जाएगा अर्थात जिस साल जिस माह में कोई आदमी 58 वर्ष पूरा किया होगा, उसी माह से बढ़ी पेंशन की रकम से जितना पैसा पुराने पेंशन के हिसाब से मिल गया होगा, उस रकम को घटाकर जो रकम बनेगी। वही रकम उसे एरियर के रूप में मिल जाएगी और आगे बढ़ी पेंशन मिलती रहेगी।
प्रश्न: क्या अब पूंजी वापसी का विकल्प उप्लब्ध नहीं है?
उतर: नहीं, अब उस प्रोविजन को बंद कर दिया गया है।
प्रश्न: पेंशन की गणना किस रूप में की जाएगी?
उत्तर: पेंशन योग्य सेवा, पेंशन योग्य वेतन (बेसिक+डीए) को 70 से भाग देने से जो परिणाम आएगा। वही नया पेंशन होगा, पर इसमें गणना दो हिस्से में होगी। पहला सितंबर 2014 के पहले 12 माह के वेतन का औसत और दूसरा 2014 के बाद वाले का 60 माह के वेतन का औसत।
प्रश्न: क्या यह सही है कि 20 साल की सेवा अवधि के बाद 2 वर्ष का अतिरिक्त पेंशन योग्य सेवा में जोड़ दिया जाता है?
उत्तर: निश्चित रूप से हां।
ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 का ऑनलाइन फॉर्म कैसे भरें: EPS 95 ka Online form kaise bharen
प्रश्न: सुप्रीम कोर्ट में रिट के मुख्य बिन्दू क्या हैं?
उत्तर: कोर्ट से यह अपील की गई है कि यह सितंबर 2014 के पहले और बाद 2 श्रेणी में पेंशन के हकदार लोगों को बांटना नैसर्गिक न्याय नहीं है और जब आरसी गुप्ता के केस में कोर्ट ने यह मान लिया है कि वह आदेश क्रिस्टल क्लियर है, तो फिर सितंबर 2014 के बाद वाले रिटायर्ड लोगों को इसके लाभ से वंचित करना एक त्रुटि पूर्ण निर्णय है, जिसे बदला जाना चाहिए। दूसरी मांग यह भी की गई है कि ऑप्शन भरने की कोई समय सीमा नहीं होनी चाहिए। जैसा आरसी गुप्ता के आदेश में दर्ज है।
प्रश्न: सरकार क्यों इस योजना का इतना विरोध कर रही है?
उत्तर: अभी सरकार को प्रति माह सिलिंग रकम यानि 15000 रुपए पर 1.16% रकम देनी होती है। वास्तविक वेतन के 8.33% पर 1/16% रकम देने से सरकार को इस फंड में ज्यादा पैसा देना होगा। यही मुख्य कारण है, क्योंकि वेतन वृद्धि के साथ यह देय रकम बढ़ती जाएगी। इसलिए सरकार जमकर सभी तिकड़म लगाकर इसे लागू होने से रोक रही है। यही इसके विरोध का मुख्य कारण है।
एटक ने कहा-सबको पेंशन फॉर्म भरना चाहिए, बहकावे में न आएं
राम आगर सिंह ने कहा कि सभी हकदार लोगों को इस ऑप्शन को भरना चाहिए, क्योंकि एक बार तीसरे लाभ के नाम पर लोगों गुमराह करने के चलते आजतक हमें कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है।
पेंशन का विकल्प फिक्स्ड डिपाजिट और पीएफ नहीं हो सकता है। फिक्स्ड डिपोजिट या मंथली सेविंग स्कीम पर मिलने वाले ब्याज की रकम कम होती जा रही है, जिसका उदाहरण इस वर्ष पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की रकम को सबसे निचले स्तर पर यानी 8.15 % कर दी गई है। यह आगे और भी कम हो सकती है। दूसरा पेंशन में मिलने वाली रकम कभी कम नहीं होगी।
तीसरा अगर मालिक ने कर्मचारियों के हिस्से की रकम पेंशन स्कीम में नहीं भेजी है तो भी उस कर्मचारी का पेंशन चालू हो जाएगा और बकाये रकम को वसूलने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। साथ ही एक और महत्वपूर्ण बात सबको ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर कोई बैंक डूब जाता है तो उसने जमा रकम मे अधिकतम 5 लाख रुपये ही वापस मिलेगा चाहे उसमें जमा रकम कितनी भी क्यों न हो।
पेंशन को बता रहे सामाजिक सुरक्षा, मोहताज होने से बचें
एटक के केंद्रीय नेता का कहना है कि यह एक सामाजिक सुरक्षा है। इससे घर परिवार वाले लोग रिटायर्ड लोगों की देखभाल अच्छी तरह करते हैं, जिससे कि दुधारू गाय दूध देती रहे और उनकी आर्थिक मदद रिटायर्ड लोगों को मिलने वाले पैसे से हो सके। जबकी फिक्स्ड डिपोजिट वाली रकम पर परिवार के सदस्यों और संतोनों की निगाह उसके जमा धन को अपने कामों में खर्च करवाने की जुगत में लगी रहती है और पैसा खत्म हो जाने पर रिटायर्ड लोग छोटी रकम के लिए भी अपने बच्चे के मोहताज हो जाते हैं। इसलिए इस गलती को कभी भी न दोहराएं।