आज भी याद है रिसाली दशहरा मैदान की वह शाम, इस्पात भवन गेट पर हुआ झाम…तब जाकर मिला ट्रेनिंग पीरियड को सर्विस में जोड़ने का इनाम
लगभग 470 युवा कर्मियों की प्रशिक्षण काल को सेवाकाल में जोड़ने की इस बहुप्रतीक्षित मांग के पूरा होने से लाभार्थी कर्मी इस पूरे मामले को उठाकर निर्णय तक पहुंचाने के लिए सीटू को धन्यवाद दे रहे हैं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। हैलो आप सूचनाजी.कॉम से बोल रहे हैं…। उन्हें जवाब मिला जी हां…। पुष्टि करने के बाद फोन पर ही बंदा भड़क गया। बोला-ट्रेनिंग पीरियड को सर्विस में जोड़वाने के लिए जमीनी लड़ाई हम लोगों ने लड़ी। आज भी याद है रिसाली दशहरा मैदान की वह शाम, जहां प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए रणनीति बनाई गई थी। इसके बाद इस्पात भवन गेट पर हंगामा हुआ था। कर्मचारी अपने हक के लिए सड़क पर उतरे थे। तब जाकर आज ट्रेनिंग पीरियड को सर्विस में जोड़ने का इनाम मिला है। हैरानी की बात यह है कि जो लोग संघर्ष में शामिल ही नहीं थे, वे आप श्रेय ले रहे और राजनीतिक दलों को मिठाई खिला रहे हैं। ऐसे बरसाती मेंढकों के बारे में कर्मचारी बखूबी वाकिफ हैं। इस बात की सच्चाई जानने के लिए सीटू से जुड़े सदस्यों से बातचीत की गई तो उन्होंने अपनी आपबीती बताई।
इधर-लगभग 470 युवा कर्मियों की प्रशिक्षण काल को सेवाकाल में जोड़ने की इस बहुप्रतीक्षित मांग के पूरा होने से लाभार्थी कर्मी इस पूरे मामले को उठाकर निर्णय तक पहुंचाने के लिए सीटू को धन्यवाद दे रहे हैं। वहीं, सकारात्मक पहल करते हुए प्रबंधन के द्वारा इस समस्या के हल निकालने पर प्रबंधन का आभार व्यक्त कर रहे हैं। इस अवसर पर अस्पताल कर्मी अजय आर्य कहते हैं कि प्रशिक्षण काल को जुड़वाने के लिए 2017 से 2021 के बीच हुए संघर्ष एवं बैठकों के वे प्रत्यक्ष गवाह हैं। इस मुद्दे को लेकर बैठकों के बाद संघर्ष एवं संघर्ष के बाद बैठकों का सिलसिला जारी था, जिसके परिणाम स्वरूप प्रशिक्षण काल के जुड़ने से अस्पताल कर्मी बहुत खुश हैं। प्रशिक्षण काल के सेवाकाल में जुड़ने से ना केवल कर्मियों का अपग्रेडेशन एवं प्रमोशन में फायदा होगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी इसका लाभ मिलेगा।
आज भी याद है दशहरा मैदान की वह बैठक

सेक्टर-9 अस्पताल के ही कर्मी संतोष कुमार कहते हैं कि 2 फरवरी 2017 को दशहरा मैदान रिसाली में हुए बैठक की यादें आज भी ताजा है। जब अक्टूबर 2008 के बाद ट्रेनिंग में आए कर्मियों का प्रशिक्षण काल उनकी सेवाकाल में जुड़ने के कारण वे बाद में भर्ती होने के बावजूद हमसे सीनियर हो गए थे। इस बात को उठाने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा था। किंतु लंबे संघर्ष के बाद आज जब प्रशिक्षण काल को सेवाकाल में जोड़ा जा रहा है तो यह बात संज्ञान में आ रही है कि प्रशिक्षण काल के जुड़ने से कई साथियों को इ जीरो एग्जाम में बैठने का अवसर मिल सकता है, जो कि उन कर्मियों के ग्रोथ में मददगार साबित होगा।
प्रबंधन से गुहार लगाने पहुंचे थे इस्पात भवन
2017 से लेकर 2022 के बीच प्रशिक्षण काल को सेवाकाल में जोड़ने की मांग को लेकर कर्मचारी किए जा रहे संघर्षों के दौरान अपनी बात पहुंचाने इस्पात भवन तक गए थे। भिलाई से लेकर एनजेसीएस तक प्रबंधन के उच्च अधिकारियों के साथ विभिन्न स्तर पर बैठक की अंततः परिणाम सबके सामने है।

उचित न्याय के लिए संघर्ष करने का भरोसा दिया था सीटू ने
कोक ओवन के गिरधर प्रसाद चंद्रा बताते हैं कि भिलाई इस्पात संयंत्र में 2003 से डीग्रेट कर भर्ती लिया गया था, जबकि सेल स्तर पर डीग्रेट करके भर्तियां अक्टूबर 2008 से शुरू हुई। इसीलिए अक्टूबर 2008 के बाद भर्ती हुए कर्मियों के ट्रेनिंग पीरियड को सेवाकाल में जोड़ने का आदेश जारी किया गया, जोकि 2003 से 2008 के बीच भर्ती हुए लगभग 500 कर्मियों के साथ अन्याय था। इस दर्द को लेकर कर्मी सीटू यूनियन के पदाधिकारियों के पास गए और अपनी व्यथा को बयां किए। यूनियन ने कर्मियों के साथ किए गए भेदभाव को हर स्तर पर रखने व उनके साथ संघर्ष कर उनकी भावना से प्रबंधन को अवगत कराने व उचित न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
