फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों का आरोप-सेक्टर-9 अस्पताल में 500-500 की होती है वसूली
कर्मचारियों की मांग को संज्ञान में लेकर इंटक ने भी प्रबंधन से मांग की है कि इन आरोपों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। अगर, वसूली की जा रही है तो तत्काल बंद की जाए ताकि बीएसपी की छवि धूमिल न होने पाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट द्वारा संचालित सेक्टर-9 अस्पताल में 500-500 रुपए की वसूली होती है। यह आरोप बीएसपी के दमकल कर्मियों ने लगाया है। वसूली के गंभीर आरोप की जानकारी मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक के पदाधिकारियों को दी है। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दुर्घटना पश्चात सोसाइटी से क्लेम करने पर इंश्योरेंस के पेपर पर साइन करने के नाम पर वसूली होती है। सेक्टर-9 अस्पताल में सर्टिफाइड करने के लिए 500 लिया जाता है, जिसे बंद किया जाए।
कर्मचारियों की मांग को संज्ञान में लेकर इंटक ने भी प्रबंधन से मांग की है कि इन आरोपों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। अगर, वसूली की जा रही है तो तत्काल बंद की जाए ताकि बीएसपी की छवि धूमिल न होने पाए। इस बाबत बीएसपी जनसंपर्क विभाग का कहना है कि इसकी शिकायत अब तक सामने नहीं आई है। ऐसा संभव नहीं है। अगर, किसी विभाग में ऐसा हुआ है तो इसकी शिकायत वहां तत्काल करनी चाहिए। प्रबंधन मामले को संज्ञान में लेगा।
स्टील इम्प्लाइज यूनियन इंटक के प्रतिनिधि मंडल ने जनसंवाद कार्यक्रम के तहत फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों से बुधवार को मुलाकात की। कर्मचारियों की समस्या से अवगत हुए। दमकल कर्मियों को भी जोखिम भत्ता देने की मांग की गई है। इंटक नेताओं ने कहा कि फायर ब्रिगेड के कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर संयंत्र एवं कर्मचारियों को बचाने का प्रयास करते हैं। ऐसे कई मिसाल हैं, जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र के फायर ब्रिगेड ने उत्कृष्ट कार्य किए हैं। दमकल कर्मियों ने संयंत्र के साथ-साथ कर्मचारियों को भी अपनी जान जोखिम में डालकर बचाई है। कई बार कर्मचारी वीरगति को प्राप्त हुए।
फायर ब्रिगेड का कार्य हमेशा जोखिम पूर्ण रहता है, इसलिए जिस तरह माइंस में माइंस अलाउंस मिलता है, उसी प्रकार फायर ब्रिगेड के सभी कर्मचारियों को जोखिम भत्ता दिया जाए। अतिरिक्त महासचिव संजय साहू ने कहा कि फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के प्रशिक्षण अवधि को पदोन्नति देते समय जोड़ा जाए। 2003 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के भर्ती यह समय शिक्षा तकनीकी रूप से हासिल करने के बाद भर्ती किया जाता है। इसलिए उनका भी प्रशिक्षण अवधि को जल्द से जल्द जोड़ा जाए।
एनजेसीएस सदस्य व उप महासचिव वंश बहादुर सिंह का कहना है कि फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के लिए नई प्रमोशन पॉलिसी को तैयार कर जल्द लागू किया जाए। यहां पर अधिकतर कर्मचारी एक्सटेंडेड कलस्टर में हैं। इसलिए उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है। नई प्रमोशन पॉलिसी में फायर ब्रिगेड, मेडिकल, शिक्षा विभाग को अलग रखा गया है, ताकि उनके तकनीकी पदनाम के हिसाब से हर कलस्टर में नया नाम दिया जा सके।
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फायर ब्रिगेड में मैन पावर लगातार कम होते जा रहे हैं और नई भर्ती नहीं हो रही है, जिससे कार्य का दबाव अधिक रहता है। पहले 500 से अधिक मैनपावर था, जो कम होकर 150 के आस-पास हो गया है। फायर ब्रिगेड का कार्य अति संवेदनशील एवं तकनीकी रूप से दक्ष कार्य होने के कारण यहां पर आउट सोर्स या ठेकेदारी से नहीं चल सकता, इसलिए स्थाई कर्मचारियों की भर्ती की जाए।
फायर ब्रिगेड को वर्क्स एरिया में रखा जाए, जिससे कि वर्क्स की इंसेंटिव एवं सुविधाएं मिल सके। इस अवसर पर अतिरिक्त महासचिव संजय साहू, उप महासचिव वंश बहादुर सिंह, उप महासचिव तुरिंदर सिंह, सचिव रमाशंकर सिंह, सचिव रमाकांत निषाद, वीसेंट परेरा, आरके तिवारी, एसपी सिंह उपस्थित थे।