SAIL चेयरमैन से लेकर बोकारो के डायरेक्टर इंचार्ज तक आए कर्मचारियों के राडार पर, सड़क पर मुर्दाबाद के लगे नारे…
-अविलंब एनजेसीएस की बैठक बुलाकर वेज रिवीजन को अंतिम रूप देते हुए जल्द से जल्द एकमुश्त एरियर का भुगतान करने की मांग।
-प्लांट अटेंडेंट, एमआईबी एवं अन्य बचे हुए कर्मचारियों के ट्रेनिंग पीरियड को प्रमोशन में जोड़ा जाए।
-वेज रिवीजन आदोलन का दंश झेल रहे साथियों का निलंबन एवं स्थानांतरण बिना शर्त अविलंब रद्द किया जाए।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ-एचएमएस ने सेल प्रबंधन से लेकर बोकारो प्रबंधन तक को अपने राडार पर ले लिया। 39 माह से बकाया एरियर और ठेका मजदूरों के मुद्दों पर आक्रोश जाहिर किया। प्रबंधन पर ढिलाई और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया। महामंत्री राजेंद्र सिंह ने सेल चेयरमैन और बोकारो स्टील प्लांट के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश के खिलाफ खुलकर नारेबाजी की। बोकारो स्टील प्लांट के महात्मा गांधी चौक पर गुरुवार शाम पांच बजे सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। भ्रष्ट मैनेजमेंट मुर्दाबाद, भ्रष्टाचार बंद करो, लूट-खसोट बंद करो…। ठेका मजदूरों को न्यूनतम वेतन देना होगा और बकाया भुगतान करना होगा आदि नारेबाजी की गई।
राजेंद्र सिंह ने कहा कि 9 महीने बीत जाने के बाद भी वेज रिवीजन अधूरा है। एमओयू पर हस्ताक्षर होते ही अधिकारियों का रिवीजन तुरंत हो गया और उन्हें सारी सुविधाएं मिल भी गई। मगर इस मजदूर विरोधी प्रबंधन को मजदूरों से क्या मतलब? मई के एनजेसीएस कोर कमेटी की बैठक के बाद सेल चेयरमेन ने वादा किया था कि जून में रिवीजन को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। मगर अभी तक कुछ नहीं हुआ।
प्लांट अटेंडेंट, एमआईबी एवं कुछ अन्य के ट्रेनिंग पीरियड को प्रमोशन से न जोड़ना साफ-साफ इनकी …नीति को दर्शाता है। उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाकर इंसेंटिव रिवार्ड खत्म करने की साजिश हो रही है। बोकारो प्रबंधन भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका है। आश्रित, विस्थापित और स्थानीय बेरोजगार नियोजन के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं, मगर नियोजन बंद है। ठेका प्रथा का बाजार गर्म है। चहेतो को ठेका बांटा जा रहा है। कमीशन का खेल चल रहा है। ठेका मजदूरों का शोषण गुलामी एवं बधुआ मजदूरी का जीता जागता उदाहरण है।
ये गंभीर आरोप एनजेसीएस सदस्य व स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी अध्यक्ष एवं क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ-एचएमएस के महामंत्री राजेंद्र सिंह ने सेल चेयरमैन और बोकारो स्टील प्लांट के डायरेक्टर इंचार्ज पर लगाए हैं। इन्हीं विषयों को लेकर बोकारा स्टील प्लांट के कर्मचारी महात्मा गांधी चौक पर शाम को प्रदर्शन करेंगे। नगर के आवास, सड़क, स्ट्रीट सड़क और नाला-नाली जर्जर हो चुके हैं। करोडों का टेंडर होता है, पर पता नहीं पैसा कहां जाता है?

राजेंद्र सिंह ने कहा-निर्देशक प्रभारी ने पदभार ग्रहण करने के बाद यूनियन से पहली मीटिंग में तीन वर्ष के अंदर बोकारो को इंदौर बनाने का वादा किया था। इंदौर तो बना नहीं पाए नर्क बना कर रख दिया। खाली आवासों को नगर सेवा के अधिकारी अवैध रूप से किराए पर लगाकर वसूली कर रहे हैं। देखने वाला कोई नहीं है। एक समय एजुकेशन हब कहलाने वाले बोकारो की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। निजी विद्यालय कर्मचारियों के बच्चे के फीस के बदले मोटी रकम वसूल रहे हैं और संयंत्र के विद्यालय नशे और जुए के अड्डे बन चुके हैं।
अस्पताल की हालत तो इतनी दयनीय है कि कर्मचारी अपने परिजनों को अस्पताल ले जाने से डर रहे है। डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ का घोर अभाव है। डॉक्टरों का व्यवहार भी अपमानित करने वाला है। इसलिए संयंत्र एवं नगर की रक्षा के लिए 23 जून को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन की घोषणा की गई है।
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जानिए कर्मचारियों की मांगों के बारे में
- अविलंब एनजेसीएस की बैठक बुलाकर वेज रिवीजन को अंतिम रूप देते हुए जल्द से जल्द एकमुश्त एरियर का भुगतान किया जाए।
-प्लांट अटेंडेंट, एमआईबी एवं अन्य बचे हुए कर्मचारियों के ट्रेनिंग पीरियड को प्रमोशन में जोड़ा जाए।
-इंसेंटिव रिवार्ड एवं मनी टेबल का नवीकरण किया जाए।
-वेज रिवीजन आदोलन का दंश झेल रहे साथियों का निलंबन एवं स्थानांतरण बिना शर्त अविलंब रद्द किया जाए।
-कोरोना से मृत्त कर्मचारियों के आश्रितों को नियोजन दिया जाए।
-निजी विद्यालयों में बच्चे की पढ़ाई में लगने वाले ट्यूशन फीस को कर्मचारियों को प्रतिपूर्ति की जाए।
- -कर्मचारियों को दो आवास का विकल्प एवं सभी प्रकार के आवास सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाइसेंस पर दिया जाए।
-डॉक्टर, नर्स एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की बहाली कर बीजीएच को फिर से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जाए।
-नगर के सभी आवास, सड़क, नाला-नाली का मरम्मतीकरण कर दुरुस्त किया जाए।
-बिजली कटौती पर अविलंब रोक लगाया जाए।
-ठेका मजदूरों के लिए झारखंड सरकार का मिनिमम वेज एक धोखा है,अविलंब सेल वेज लागू किया जाए।
-ठेका मजदूरों के आश्रितों के सुरक्षित भविष्य के लिए बिना पैसे काटे कम से कम 15 लाख रुपये का ग्रुप इंश्योरेंस किया जाए।
-ठेका श्रमिकों को भी ग्रेच्युटी, अवास भत्ता, साइकिल भत्ता और कैंटीन भत्ता के साथ-साथ सभी सुविधा दी जाए।