भिलाई स्टील प्लांट में हादसा रोकने सरकार का फरमान, मेंटेनेंस और ऑपरेशन में लगाएं सिर्फ स्किल्ड लेबर
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में हादसों को रोकने के लिए हर स्तर पर मंथन किया जा रहा है। प्रबंधन ने साल 2018 के बाद से अब तक 22 करोड़ रुपए खर्च कर दिया। कंसल्टेंसी एजेंसी की मदद तक ली। चार हादसों के बाद बीएसपी ने टास्क फोर्स गठित किया है, जिसमें आफिसर्स एसोसिएशन व यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हैं। हादसा रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग ने भी बीएसपी को सुझाव दिया है। मेंटेनेंस और ऑपरेशन कार्य में सिर्फ स्किल्ड लेबर को ही लगाने को कहा गया है। अनस्किल्ड लेबर को इन दोनों कार्यों से दूर रखने का निर्देश दिया गया है। खतरनाक कार्यस्थलों पर सिर्फ स्किल्ड लेबर से ही कार्य कराया जाए, ताकि हादसों को रोकने में मदद मिल सके।
बीएसपी के अधिकारी रोज निगरानी भी करें। स्टील मेल्टिंग शॉप में लेडल गिरने की वजह भी जांच के दौरान सामने आ गई। ब्रेक का मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से लेडल गिरा था। मेंटेनेंस को लेकर भी काफी आपत्ति दर्ज कराई गई है। इसलिए मेंटेनेंस आदि कार्य में कुशल श्रमिकों को ही लगाने का आदेश दिया गया है। बीएसपी में मेंटेनेंस का कार्य शत-प्रतिशत ठेका मजदूरों से ही कराया जा रहा है।
वहीं, पिछले 4 दिनों की बात करें तो बीएसपी प्रबंधन के लिए भारी था। संयंत्र में हुए विभिन्न दुर्घटनाओं के बाद डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी ने भिलाई इस्पात संयंत्र के विभिन्न विभागों का दौरा किया। दौरा कर उन्होंने संयंत्र के सुरक्षा का जायजा लिया और उनकी खामियों को लेकर विभाग प्रमुख से बात भी की। कई विभागों में कड़ी फटकार भी लगाई। कई विभागों में तो उन्होंने ऑयल सैलर के अंदर जाकर देखा, जिसकी कल्पना वहां के अधिकारियों ने नहीं की थी। लेकिन यह देखा गया कि ज्यादातर विभागों में डॉक्यूमेंटेशन को बेहतर रखा गया था। और विभाग की हालत बहुत ही खराब थी।
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डिप्टी डायरेक्टर का दौरा खत्म होते ही सांसद विजय बघेल प्लांट पहुंच गए थे। शुक्र था कि सांसद के दौरे से पहले डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी का चार दिन का दौरा था। जिसमें संयंत्र के शॉप फ्लोर के सामने पड़ने वाले टॉयलेट को साफ रखा गया था।