एसईसीएल की खदान में घुसे सैकड़ों ग्रामीण, चार घंटे तक उत्पादन ठप होते जागा प्रबंधन, गांवों में टैंकर से पहुंचाया पानी
सूचनाजी न्यूज, कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुआई में खनन प्रभावित ग्राम बरभांठा और पंडरीपानी के ग्रामीणों ने तत्काल टैंकरों के माध्यम से पीने का पानी देने, नया बोरखनन करने और गांव के मुख्य तालाब का गहरीकरण करके उसमें पानी भरने की मांग करते हुए चार घंटे से ज्यादा तक गेवरा खदान में उत्पादन ठप कर दिया। सैकड़ों ग्रामीणों के खदान में खुसने और उत्पादन ठप होने के बाद प्रबंधन हरकत में आया।

इस आंदोलन की चेतावनी किसान सभा ने एक सप्ताह पूर्व ही प्रबंधन को दे दी थी। इसके बावजूद एसईसीएल प्रबंधन पेयजल समस्या को हल करने के प्रति उदासीन रहा। गेवरा खदान में कोयला के खनन के कारण दोनों गांवों में जल स्तर काफी नीचे जा चुका है, जिसके कारण प्रभावित ग्रामीणों को पानी के लिये काफी भटकना पड़ रहा है। निस्तारी और मवेशियों के लिए भी जल संकट है। किसान सभा का आरोप है कि एसईसीएल प्रबंधन को केवल मुनाफे से मतलब है और आम जनता को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में उसकी कोई रूचि नहीं है।
सैकड़ों ग्रामीण गेवरा खदान में घुसे, फिर जागा प्रबंधन
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सैकड़ों ग्रामीण मंगलवार को गेवरा खदान में घुस गए और जल संकट का समाधान करने की मांग को लेकर उत्पादन ठप कर दिया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी भी आंदोलनकारियों को खदान में घुसने से नहीं रोक पाई। इससे एसईसीएल को करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है। इस आंदोलन से कोल सेक्शन का कार्य भी प्रभावित हुआ है। किसान सभा नेताओं प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, दामोदर, जगदीश कंवर, रामायण कंवर, सरिता कंवर, सविता, दिलहरण बिंझवार, पुरषोत्तम, रघु, सत्रुहन, लखपत, रेशम और राधेश्याम के साथ जगदीश कंवर, विश्वास सिंह, महेश, दुर्गा पाटले, सुशील आदि ग्रामीण खदान बंद आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे।
देश में दौड़ी 134 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन, ट्रैक से लेकर सिग्नल तक सब सहीhttps://suchnaji.com/the-train-ran-at-a-speed-of-134-km-in-the-country-everything-right-from-the-track-to-the-signal/

ग्रामीणों को जल्द मिलेगा चौबीस घंटे पानी
खदान से आंदोलनकारी ग्रामीणों के न हटने की स्थिति में एसईसीएल प्रबंधन ने तुरंत बरभांठा और पंडरीपानी में पानी का टैंकर पहुंचाया और ग्रामीणों से वार्ता की। प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि प्रतिदिन दोनों गांवों में टैंकरों के माध्यम से जल की आपूर्ति की जाएगी और गांव में पानी की समस्या के स्थाई हल के लिए नया बोर खनन और तालाब का गहरीकरण के लिए कल एसईसीएल के अधिकारी गांव का सर्वे करेंगे। यह भी आश्वासन दिया गया है कि इन गांवों में प्रत्येक दस घरों के बीच एक सिंटेक्स टैंक लगाया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को 24 घंटे पानी मिलना संभव होगा।
मानव तस्करी पर लगाम लगाने आरपीएफ और कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन आया साथ, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के साथ एमओयू साइनhttps://suchnaji.com/rpf-and-kailash-satyarthi-foundation-come-together-to-rein-in-human-trafficking-sign-mou-with-association-for-voluntary-action/