आवास मेंटेनेंस की शिकायत करनी है खत्म तो ई-सहयोग से लीजिए आवेदन, कीजिए समस्या समाधान, दफ्तरों का चक्कर लगाने से मिलेगी निजात
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई श्रमिक सभा-एचएमएस ने टाउनशिप के आवास मेंटेनेंस की व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने की मांग की है। ईडी पीएंएड को सुझाव पत्र भी भेजा गया है। जीएम आइआर जेएन ठाकुर को ज्ञापन सौंपा गया है। सीजीएम टाउनशिप से एचएमएस नेताओं ने मुलाकात कर व्यवस्था सुधार पर चर्चा की।
महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने कहा कि टाउनशिप के आवास मेंटेनेंस के अभाव में जर्जर होते जा रहे हैं। कर्मचारी इसकी शिकायत दर्ज कराते हैं, लेकिन निराकरण नहीं हो पाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि शिकायतों की संख्या के अनुरूप निवारण की व्यवस्था नहीं है। उदाहरण स्वरूप दो हजार से ज्यादा शिकायत टारफेटलिंग की है। लेकिन 200 आवासों का ही टारफेटलिंग हो पाया है, यानी शिकायत का 10%ही निराकरण हुआ है।
यूनियन ने मेंटेनेंस की पूरी व्यवस्था परिवर्तन की मांग की है। इससे होने वाले लाभ को भी यूनियन द्वारा बताया गया है। यूनियन द्वारा औद्योगिक संबंध विभाग के महाप्रबंधक जेएन ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर अधिशासी निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन से चर्चा की मांग की है, जिसे स्वीकार करते हुए जल्द ही बैठक कराने की बात कही गई है। ज्ञापन देने वालों में उपाध्यक्ष आदित्य माथुर, महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र, उप महासचिव हरिराम यादव, वरिष्ठ सचिव वीके सिंह, बीजी कारे, प्रवक्ता साजिद खान, देव सिंह चौहान, रघुवर गोंड, अवध बिहारी कुशवाहा, सुधाकर गोंड, आरके सिन्हा आदि उपस्थित थे।
एचएमएस ने आवासों की मेंटेनेंस व्यवस्था परिवर्तन के लिए ये सुझाव दिए
1-सीएंडआईटी द्वारा ई-सहयोग (इंट्रानेट) में सेल्फ क्वार्टर मेंटेनेंस प्रणाली का सिस्टम बनाया जाना चाहिए।
2- कर्मचारी द्वारा ई-सहयोग में जाकर मेंटेनेंस हेतु सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल के ऑप्शन में जाकर किसी एक को चुनकर कर्मचारी द्वारा आवश्यक मेंटेनेंस कार्य की एंट्री किया जाना चाहिए।
3- प्रबंधन द्वारा उक्त मेंटेनेंस कार्य का निरीक्षण कर इस्टीमेट बनाकर रिपेयर कार्य को करने की अनुमति एवं लागत को अपलोड किया जाना चाहिए।
4- कर्मचारी द्वारा स्वयं के खर्च से मेंटेनेंस कार्य को पूर्ण किया जाना चाहिए। कार्य पूर्ण होने के पश्चात कर्मचारी कार्य पूर्ण होने की सूचना ई-सहयोग (इंट्रानेट) पर अपलोड करेगा।
5- प्रबंधन द्वारा रिपेयर कार्य का भुगतान वेतन के साथ किया जाना चाहिए, लेकिन किए गए भुगतान को ग्रास सैलरी में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
इस प्रकार की व्यवस्था से कर्मचारियों को ये लाभ
1- कर्मचारी द्वारा स्वयं मेंटेनेंस कार्य कराने से समय की बचत होगी।
2- कार्य की गुणवत्ता अच्छी होगी, क्योंकि कार्य कर्मचारी की देखरेख में होगा एवं उदाहरण स्वरूप यदि किसी कर्मचारी के आवास की फ्लोरिंग टूटी है तो फ्लोरिंग का खर्च लेकर अपनी सुविधा अनुसार टाइल्स लगा सकता है।
3- किसी ठेकेदार बिचौलिए की भूमिका नहीं होगी। इससे कम लागत में कार्य पूर्ण होगा।