सूचनाजी न्यूज, भिलाई। डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन भिलाई (Diploma Engineers Association Bhilai) के प्रतिनिधि मंडल (डेलिगेशन) ने मंगलवार को केन्द्रीय इस्पात मंत्री से मुलाकात की। डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन ऑफ इस्पात (Diploma Engineers Federation of Steel) के कार्यकारी अध्यक्ष सह डेब अध्यक्ष राजेश शर्मा के नेतृत्व में भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एचडी.कुमारस्वामी से भेंट की।
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केन्द्रीय इस्पात मंत्री एचडी.कुमारस्वामी (Union Steel Minister HD. Kumaraswamy) के पहले भिलाई आगमन पर SAIL में डिप्लोमा इंजीनियर के पदनाम परिवर्तन की शुरुआत को एक पॉजिटिव पहल बताया। साथ-साथ आगे जरूरी सुधार के लिए चर्चा हुई। इसमे जूनियर इंजीनियर पदनाम को एस-3 ग्रेड से लागू करने और सीनियर डिप्लोमा इंजीनियर्स को SAIL में नॉन वर्क्स एरिया में दिए गए पदनाम की तरह सेक्शन इंजीनियर पदनाम देने की मांग रखी गई।
प्रतिनिधि मंडल द्वारा इस बात से भी अवगत कराया गया कि मौजूदा समय में युवा डिप्लोमा इंजीनियर अफसर वर्ग में पदोन्नति के लिए हो रहे एग्जाम देने में बहुत देरी से पात्र हो पा रहे हैं। क्योंकि एस-6 के बाद पांच वर्ष के एक्सपीरिएंस की नियमावली मौजूदा पॉलिसी में रखा गया हैं।
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संघ की यह मांग हैं कि डिप्लोमा इंजीनियर एस-6 में आने के बाद ही एक्जीक्यूटिव कैडर की परीक्षा के लिए पात्र कर दिया जाए।
SAIL में अनेक वरिष्ठ डिप्लोमा इंजीनियर वर्षों से एस-11 में स्टेगनेंट हैं। परिणाम स्वरूप उनके मोटिवेशन में निरंतर कमी आ रही हैं। ऐसे डिप्लोमा इंजीनियर्स को आगे बढ़ाने उन्हें स्टेग्नेशन इंक्रीमेंट देने की मांग की गई ताकि उन्हें भी निरंतर मोटिवेशन मिलें।
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डेब के इस प्रतिनिधि मंडल में मुख्य तौर पर अध्यक्ष राजेश शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहम्मद रफी, संगठन सचिव पवन साहू के साथ ही जोनल प्रभारी अजय तमुरिया, सौरभ सुमन व अन्य मौजूद रहे।
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