आईएनएस गोमती नौसेना से कार्यमुक्त, लखनऊ गोमती नदी के तट पर म्यूजियम में दिखेंगी यादें, सेल का कर्मचारी छह साल तक कर चुका है जहाज की सेवा, आखिरी पल का बना साक्षी
देश की सेवा में महत्वपूर्ण 34 साल गुजारने वाले भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस गोमती रिटायर हो गया। मुंबई के नेवल डॉक यार्ड में एक भव्य औपचारिक और मार्मिक समारोह में सूर्यास्त के समय कार्यमुक्त कर दिया गया।
अज़मत अली, भिलाई। देश की सेवा में महत्वपूर्ण 34 साल गुजारने वाले भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस गोमती रिटायर हो गया। मुंबई के नेवल डॉक यार्ड में एक भव्य औपचारिक और मार्मिक समारोह में सूर्यास्त के समय कार्यमुक्त कर दिया गया। कप्तान सुदीप मलिक की कमान में जहाज को डिस्चार्ज किया गया।
ये खबर भी पढ़ें: Paradip Port: माल ढुलाई की लागत घटेगी, स्टील निर्यात को मिलेगा बढ़ावा और कोयले का आयात होगा सस्ता
इसके साक्षी भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी अमित कुमार भी बने। अमित इसी जहाज पर साल 2011 से 2017 तक सेवा दे चुके हैं। जहाज के कार्यमुक्त होने के अवसर पर इन्हें भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। नौसेना से रिटायरमेंट के बाद अमित भिलाई स्टील प्लांट में सेवा दे रहे हैं।

इस जहाज की विशेषताओं, कार्यमुक्त होने और गुजरे जमाने को याद कर अमित भावुक हो गए। सूचनाजी.कॉम को बताया कि मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हर कोई भावुक नजर आया। सोमालिया तक पेट्रोलिंग करने वाले आइएनएस गोमती में इजराइल की बराक मिसाल तक लैस थी। यूरोप टूर पर भी इसी जहाज से गए थे। 2012 में इजिप्ट, फ्रांस, इजराइल और स्पेन तक का दौरा किया था।
आइएनएस गोमती का नाम गोमती नदी पर रखा था
आईएनएस गोमती का नाम गतिशील नदी गोमती से लिया गया है और 16 अप्रैल 1988 को तत्कालीन रक्षा मंत्री केसी पंत द्वारा बॉम्बे के मझगांव डॉक लिमिटेड में इसे कमीशन किया गया था। गोदावरी क्लास गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज आईएनएस गोमती कार्यमुक्त किए जाने के समय पश्चिमी बेड़े का सबसे पुराना योद्धा था। अपनी सेवा के दौरान, उसने ऑपरेशन कैक्टस, पराक्रम और इंद्रधनुष तथा कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यासों में हिस्सा लिया। राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा में उल्लेखनीय भावना और असाधारण योगदान के लिए उसे दो बार, पहली बार 2007-08 में और फिर 2019-20 में प्रतिष्ठित यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

लखनऊ के गोमती तट पर बनेगा म्यूजियम, यादें रहेंगी ताजा
कार्यमुक्त किए जाने के बाद, जहाज की विरासत को लखनऊ में गोमती नदी के सुरम्य तट पर स्थापित किए जा रहे एक ओपन एयर संग्रहालय में जीवंत रखा जाएगा। जहां उसकी कई युद्ध प्रणालियों को सैन्य और युद्ध अवशेषों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। राडार, इलेक्ट्रानिक वार शेयर इक्यूपमेंट आदि का कोई भी दीदार कर सकेगा। यूपी के सेक्रेटरी भी इस दौरान मौजूद रहे।
ये खबर भी पढ़ें: कोयले की बोली लगाने और एक्सचेंज में बिजली बेचने वाले निजी उत्पादकों के लिए आयातित कोयले के साथ 10 प्रतिशत की ब्लेंडिंग अनिवार्य
