- नई क्रशिंग यूनिट लौह अयस्क के लम्प को क्रश करके उन्हें फाइन्स में बदल देगी, जिसका उपयोग सिंटर प्लांट द्वारा सिंटर बनाने के लिए किया जाएगा।
- क्रश्ड अयस्क फाइन्स की पहली खेप दो दिन पहले सिंटर प्लांट-3 के लिए एमजीआर को भेजी गई थी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के ओएचपी-बी (OHP-B) में बहुप्रतीक्षित लम्प आयरन अयस्क क्रशिंग यूनिट का उद्घाटन, सिंटर संयंत्रों को आपूर्ति किए जाने वाले लौह अयस्क फाइन (iron ore fine) की गुणवत्ता में सुधार हेतु संयंत्र के लिए कई मायनों में एक गेम चेंजर साबित होगा।
संयंत्र के खदानों से सिंटर संयंत्रों को आपूर्ति किए जाने वाले लौह अयस्क के बारीक़ टुकड़ों (फाइन्स) की गुणवत्ता बनाए रखना संयंत्र के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।
संयंत्र के अयस्क खदानों से आपूर्ति किए जा रहे लौह अयस्क के फाइन्स की गुणवत्ता, उच्च गैंग घटक, कम Fe सामग्री और अधिकतम मात्रा में माइनस (-) 1 मिमी फ्रैक्शन के कारण खराब हो गई है।
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इस प्रकार निम्न गुणवत्ता वाले लौह अयस्क के फाइन्स से उत्पादित सिंटर को जब ब्लास्ट भट्टियों में चार्ज किया जाता है, तो स्लैग दर, कोक दर और फ्लक्स संरचना में वृद्धि के साथ ईंधन दर में भी वृद्धि होती है। परिणामस्वरूप ऊर्जा दर में वृद्धि होगी और उत्पादित हॉट मेटल के प्रति टन कार्बन उत्सर्जन में भी वृद्धि होगी।
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नई क्रशिंग यूनिट लौह अयस्क के लम्प को क्रश करके उन्हें फाइन्स में बदल देगी, जिसका उपयोग सिंटर प्लांट द्वारा सिंटर बनाने के लिए किया जाएगा।
इस प्रकार क्रश्ड हुए लौह अयस्क के फाइन्स से तैयार सिंटर को लोहा बनाने के लिए ब्लास्ट भट्टियों में चार्ज किया जाता है। उच्च Fe सामग्री और कम गैंग घटक के कारण क्रशिंग यूनिट से उत्पन्न लौह अयस्क फाइन्स की गुणवत्ता, हमारी घटती कैप्टिव खदानों से आपूर्ति किए गए फाइन की तुलना में बेहतर है।
इस प्रकार, ऐसे उच्च गुणवत्ता वाले क्रश्ड लौह अयस्क के फाइन्स से उत्पादित सिंटर में Fe की मात्रा अधिक होगी, जो स्लैग दर व कोक दर को पूरी तरह से कम करने के साथ-साथ धमन भट्टियों की उत्पादकता बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।
क्रशर यूनिट में क्रश्ड हुए लौह अयस्क के फाइन्स से उत्पादित सिंटर हाई स्ट्रेंथ और बेहतर गुणवत्ता की है, जिसके परिणामस्वरूप हॉट मेटल उत्पादन की तकनीकी-आर्थिक मूल्यांकन या तकनीकी-आर्थिक विश्लेषण में महत्वपूर्ण सुधार होता है।
साथ ही यह ऊर्जा की खपत और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा, जिससे पर्यावरण पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सकेगा। इसके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं, जिसमें औसत गैंग घटक की मात्रा पहले की तुलना में बहुत कम है।
क्रश्ड अयस्क फाइन्स की पहली खेप दो दिन पहले सिंटर प्लांट-3 के लिए एमजीआर को भेजी गई थी। सेल की अन्य इकाइयों द्वारा अब जल्द ही अपनी संबंधित इकाइयों में अयस्क क्रशिंग का कार्य शुरू करने की उम्मीद है।
इस परियोजना को प्लानिंग और अनुमोदन चरण से लेकर कमीशनिंग और उत्पादन तक तीन महीने की रिकॉर्ड समय अवधि में पूरा किया गया। ओएचपी-बी में भंडारित लौह अयस्क ल्म्प्स से पूर्ति किये जाने वाले क्रशिंग यूनिट की उत्पादन क्षमता, प्रति माह 50,000 टन लौह अयस्क उत्पादन की है।
सिंटर बनाने में अत्याधुनिक क्रशिंग यूनिट वजन मापने और भेजे गए उत्पाद के रिकॉर्ड के लिए, पूरी तरह से स्वचालित, मानव रहित वे ब्रिज के साथ सीसीटीवी कैमरा व आरएफआईडी तकनीक से युक्त है।
नई क्रशिंग यूनिट का उद्घाटन निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा 9 दिसंबर 2023 को संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) एके चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (रावघाट) समीर स्वरूप, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (माइंस) बीके गिरी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डाक्टर एम रविन्द्रनाथ, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) तापस दासगुप्ता और मुख्य महाप्रबंधक (ओएचपी) एचके पाठक सहित संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारिगण की उपस्थिति में किया गया था।
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