2014 में ज्वाइन किए मैनेजमेंट ट्रेनीज अब हो चुके मैनेजर, इन्हीं के साथ सेवा शुरू करने वाले नॉन एक्स अब भी ओसीटी-एसीटी
कर्मचारी कहते हैं पूर्व सेल अध्यक्ष अनिल चौधरी ने भिलाई दौरे पर कहा गया था-केक का साइज बड़ा होने पर यानी की लाभ बढ़ने पर इसमें सभी कर्मचारियों को बराबर अंश दिया जाएगा। इस लाभ में बराबर का अंश नॉन एक्स को नहीं मिल पा रहा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भारतीय इस्पात प्राधिकरण-सेल उत्पादन व लाभ में अन्य पब्लिक सेक्टर कंपनियों से आगे निकल रही है। बीते वित्तीय वर्ष में सेल द्वारा अब तक का सर्वश्रेष्ठ रेवेन्यू 103473 करोड़ दर्ज किया गया। वहीं, 16039 करोड़ के पीबीटी के साथ 12015 करोड़ का शुद्ध लाभ प्राप्त करने में भी सफलता हासिल की है। कोरोना की वैश्विक महामारी में भी जिस तरह कंपनी के कर्मचारियो के दोनों समूहों कार्यपालक/ग़ैरकार्यपालक द्वारा अपनी मेहनत से कंपनी को इस लाभ के मुकाम पर पहुंचाया, वह प्रशंसा करने योग्य है, पर कंपनी के नियम अपने ही कर्मियों के लिए अलग-अलग है। खास तौर पर शॉप में पसीना बहाकर अपनी जान जोखिम में डालने वाले नॉन एक्स के लिए। जहां, 2014 में अपनी सेवा शुरू किए एक्सक्यूटिव कैडर में आने वाले मैनेजमेंट ट्रेनी अब लगतार प्रमोशन पाकर मैनेजर बन चुके है। वहीं, 2014 में ही जॉइन इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमाधारी अब भी ओसीटी ही है। आईटीआई कर्मी एसीटी…। यह दुखड़ा डिप्लोमा इंजीनियर्स ने सूचनाजी.कॉम को सुनाया है।
प्रोमोशन पालिसी ऐसी है कि ज्वाइनिंग के 7 साल बाद भी वह अपने ग्रेड एस-3 से एस-4 ही जा पाया है, जहां एक मैनेजमेंट ट्रेनी एक साल की ट्रेनिंग के बाद ही जूनियर मैनेजर बनता है, उसके तीन साल बाद असिस्टेंट मैनेजर व डिप्टी मैनेजर के प्रमोशन के बाद मैनेजर पद पर कार्यरत है। यानी उसे कुल 4 प्रमोशन व पदनाम दिया जा चुका है। इधर-एक डिप्लोमाधारी को सेल में पूरे दो साल की ट्रेनिंग के बाद ऑपरेटर कम टेक्नीशियन बनाया जाता है। अब भी उसे अपने पुराने पदनाम ऑपरेटर कम तकनीशियन पर ही सेवाए देनी पड़ रही है। वहीं, आईटीआई कर्मी एस-2 से एस-3 ग्रेड में पदोन्नत होंगे।
भारत सरकार के अधीन एक पब्लिक सेक्टर कंपनी जिसे महारत्न का दर्जा मिला हुआ है। वह अपने कर्मियों को आगे बढ़ाने दो अलग-अलग प्रमोशन पालिसी सालों से बनाई हुई है। जिसमे प्रबंधक श्रेणी त्वरित गति से प्रमोट हो रहे। वहीं, नॉन एक्स की तरक्की कछुए की गति से। जबकि दोनों कि भर्ती राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं द्वारा की जाती है। इंटरव्यू लिए जाते है…।
इस भेदभाव को देश की 6 राष्ट्रीय यूनियने व सैकड़ों लोकल यूनियनें भी देख रही है। सेल में ढेरो यूनियनों के होने के बाद भी इसमें सुधार अब तक नहीं किया जा सका है।
इसके अलावा भी विगत दिनों हुए वेतन समझौते में कर्मियों को अधिकारियों से एमजीबी 2%कम व पक्र्स 8.5%कम दिया गया। साथ ही पर्क्स का बकाया एरियर भी नहीं दिया गया। बल्कि तुलना करें तो अन्य पब्लिक सेक्टर महारत्न, नवरत्न कंपनी में वेतन ग्रोथ का प्रतिशत अधिकारी व कर्मचारियों में बराबर दिया गया है। सेल में ग्रोथ के प्रतिशत में अंतर से अधिकारियों व कर्मियों के बीच वेतन अंतर जो पहले ढाई से तीन गुना था। अब वह और भी बढ़ता जाएगा।
कर्मचारी याद करते हुए कहते हैं कि पूर्व सेल अध्यक्ष अनिल चौधरी द्वारा अपने भिलाई दौरे पर कहा गया था कि केक का साइज बड़ा होने पर यानी की लाभ बढ़ने पर इसमें सभी कर्मचारियों को बराबर अंश दिया जाएगा। परंतु अब तक इस लाभ में बराबर का अंश नॉन एक्स नहीं मिल पा रहा है।