बीएमएस के विरोध पर बीएसपी वर्कर्स यूनियन के सम्मान समारोह में नहीं आएंगे इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, कार्यक्रम भी कैंसिल
बीएमएस और बीएसपी वर्कर्स यूनियन में खींची सियासी तलवार पर बीडब्ल्यूय अध्यक्ष उज्जवल दत्ता का कहना है कि हाय-तौबा मचाने वालों की कमी नहीं है। अच्छा हुआ कि मंत्रीजी का कार्यक्रम कैंसिल हो गया। अगर, वह आते तो बीएमएस हार का ठीकरा मंत्रीजी और सांसदजी पर फोड़ देता।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के मान्यता प्राप्त यूनियन चुनाव ने इस्पात मंत्रालय तक को हिलाकर रख दिया है। चुनावी माहौल में इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का भिलाई दौरा कैंसिल हो गया है। भिलाई निवास में ठहरने का प्लान कैंसिल करके अब सर्किट हाउस तय किया गया है। फिलहाल, इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन के द्वारा 14 जून को कला मंदिर में आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल होने वाले थे, लेकिन सियासी समीकरण को देखते हुए बीएमएस ने कई सवाल उठा दिए। मामला संघ के जरिए मंत्रालय तक पहुंच गया। चुनाव से पहले अघोषित चुनाव प्रचार का आरोप लगाया गया। इसको लेकर इस्पात मंत्रालय भी हरकत में आ गया।
आनन-फानन में प्रस्ताव दिया गया कि बीएमएस भी एक कार्यक्रम तय कर ले, जिसमें मंत्री शामिल होंगे। कम समय को देखते हुए बीएमस ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है। बीएसपी वर्कर्स यूनियन के लिए इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते तक फिल्डिंग करने वाले सांसद विजय बघेल पर भी खूब दबाव पड़ा। काफी माथापच्ची के बाद यह तय किया गया कि भिलाई में यूनियन के किसी भी कार्यक्रम में मंत्री शामिल नहीं होंगे।
बीएमएस और बीएसपी वर्कर्स यूनियन में खींची सियासी तलवार पर बीडब्ल्यूय अध्यक्ष उज्जवल दत्ता का कहना है कि हाय-तौबा मचाने वालों की कमी नहीं है। अच्छा हुआ कि मंत्रीजी का कार्यक्रम कैंसिल हो गया। अगर, वह आते तो बीएमएस हार का ठीकरा मंत्रीजी और सांसदजी पर फोड़ देता। कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर सेवा करने वाले कर्मचारियों का सम्मान समारोह होना था। बीएमएस ने इसका राजनीतिकरण कर दिया। हम तो सम्मानित करना चाहते थे। बताया जा रहा है कि पिछले चुनाव से पहले बीएमएस ने तत्कालीन इस्पात राज्यमंत्री विष्णुदेव साय को यूनियन दफ्तर के उद्घाटन के लिए बुलाया था। चुनाव के समय फिर बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था।
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