मोदी सरकार ने बीएमएस को दिया बड़ा तोहफा, स्वीटजरलैंड में भारतीय श्रमिकों के प्रतिनिधित्व का मौका
केंद्र सरकार ने भारतीय मजदूर संघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) जीनेवा-स्वीटजरलैंड में भारत के श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामांकित किया है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भारतीय मजदूर संघ-बीएमएस के लिए अच्छी खबर है। बीएमएस के सदस्यों का हौसला बुलंद है। मोदी सरकार ने बीएमएस को बड़ा तोहफा दिया है। बीएमएस को भारतीय श्रमिकों का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करने का मौका दिया गया है।
केंद्र सरकार ने भारतीय मजदूर संघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) जीनेवा-स्वीटजरलैंड में भारत के श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामांकित किया है। भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष हिरण्यमय पाण्ड्या के नेतृत्व में 27 मई को जीनेवा के लिए प्रतिनिधिमंडल रवाना होगा। अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन के ऐसे सम्मेलन में भारतीय मजदूर संघ का ही प्रतिनिधित्व होता है। अन्य श्रम संगठन के सदस्य सलाहकार के रूप में शामिल होते हैं। बीएमएस की तरफ से अध्यक्ष हिरण्यमय पाण्ड्या, बीके सिन्हा, सुरेंद्र, नीता चौबे और अंजली पटेल का नाम शामिल है।
प्रतिनिधिमंडल 12 जून को स्वदेश लौटेगा। भारतीय मजदूर संघ भारत सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर की है। बीएमएस के नेताओं का कहना है कि देश की नंबर-1 यूनियन को ही विदेश में प्रतिनिधित्व का मौका दिया जाता है। इस वक्त बीएमएस देश की सबसे बड़ी यूनियन है। इसलिए सरकार ये यह मौका बीएमएस को दिया है। यूपीए के समय भी बीएमएस ने विदेशों में देश का प्रतिनिधित्व किया था।
इधर-निजीकरण के खिलाफ छह राज्यों में होगा सम्मेलन
निजीकरण और निगमीकरण को रोकने के लिए भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) छह राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा। राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक अखिल भारतीय अध्यक्ष हिरण्मया पांड्या की अध्यक्षता में भोपाल में हुई। जून से अगस्त के बीच “निजीकरण और निगमीकरण” से संबंधित मुद्दों पर छह राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। यह जन जागरण कार्यक्रम का एक हिस्सा है।
महासचिव बिनय कुमार सिन्हा के मुताबिक ये सम्मेलन कोचीन, भुवनेश्वर, भोपाल, कानपुर, अंबाला और गुवाहाटी में आयोजित किए जाएंगे। बिजली, दूरसंचार, इंजीनियरिंग, बैंकिंग, बीमा इत्यादि जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों के कर्मचारी और रक्षा, रेलवे और डाक क्षेत्रों से संबंधित केंद्र सरकार के कर्मचारी बड़ी संख्या में इन सम्मेलनों में भाग लेंगे।
बैठक में ई-श्रम पोर्टल पर 27 करोड़ से अधिक असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के नामांकन के बाद उत्पन्न होने वाले नए क्षेत्रों और अवसरों पर विस्तार से चर्चा की गई है।
स्ट्रीट वेंडर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट वर्कर्स, फॉरेस्ट वर्कर्स, डोमेस्टिक वर्कर्स, सैनिटेशन वर्कर्स और विभिन्न प्रकार के स्कीम वर्कर्स के बीच काम का विस्तार करने का फैसला किया है। पदाधिकारियों की बैठक ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक के आशा कार्यकर्ताओं को ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड प्रदान करने के निर्णय का स्वागत किया गया।
उद्योग प्रभारी डीके पांडेय ने बताया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में वाराणसी में संगठित क्षेत्र की महिला कर्मचारियों की दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की बैठक आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया।
सीवरेज से होने वाली मौतों पर 2 जुलाई को मंथन
2 जुलाई को दिल्ली में सीवरेज से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सफाई कर्मचारियों का एक राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें इसमें देश भर से प्रतिनिधि भाग लेंगे। कन्वेंशन में आधुनिक तकनीक के उपयोग और मानव मृत्यु को रोकने के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न तरीकों के बारे में चर्चा की जाएगी। अधिवेशन के बाद एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल सामाजिक न्याय मंत्री, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष और नीति आयोग से मुलाकात करेगा।