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समकालीन कलाजगत में योगदान देने वाले कलाकारों को सांसद विजय बघेल ने नवाजा राष्ट्रीय कलापुरोधा सम्मान

समकालीन कलाजगत में योगदान देने वाले कलाकारों को सांसद विजय बघेल ने नवाजा राष्ट्रीय कलापुरोधा सम्मान
  • सांसद ने कलाकारों के व्यक्तिगत कलासाधना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे परदेशी बेलचंदन जैसे कलाकारों के नाचा-गम्मत को देखकर ही बड़े हुए हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सांसद विजय बघेल ने समकालीन कलाजगत में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कलाकारों को राष्ट्रीय कलापुरोधा सम्मान से विभूषित किया। ललित कला अकादमी के सदस्य की ओर से सम्मानित किया गया। यह सम्मान नाचा गुरु परदेशी बेलचंदन (दुर्ग), लोकगायिका-बसंती तेलासी (दुर्ग), नृत्यांगना-पद्मावती साहू (दुर्ग), लोकगायक-प्रकाश देवांगन (कवर्धा), गीतकार-हर्षकुमार बिन्दु (राजनांदगांव), पंडवानी-ममता अहार (रायपुर), गायन-भारत भूषण परगनिहा (भिलाई), लोकनृत्यकार-अशोक श्रीवास (दल्ली राजहरा), पुरातत्व लेखन-रमेश वर्मा (कुम्हारी), साहित्यकार-चन्द्रहास साहू (धमतरी), विक्रम सिंह (नंदनी-अहिवारा), मूर्तिकार-मीना देवांगन (कोंडागांव), उत्तर कुमार साहू (भिलाई) तथा फोटोग्राफी गौकरण कुमार निषाद (भिलाई) को दिया गया।

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सेक्टर-5 स्थित सांसद विजय बघेल के आवास में आयोजित सम्मान समारोह में वरिष्ठ कलाकारों को छत्तीसगढ़ का सच्चा सपूत और कलापुरोधा निरुपित किया। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में भी कलाकारों और साहित्यकारों की भूमिका उल्लेखनीय रही है।

सांसद ने कलाकारों के व्यक्तिगत कलासाधना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे परदेशी बेलचंदन जैसे कलाकारों के नाचा-गम्मत को देखकर ही बड़े हुए हैं। लोकप्रिय गायिका बसंती तेलासी के श्पथरा मा पानी ओगराबोश्, श्लचकदार कनिहा मैं जावंव कईसे पनिहाश् एवं पारंपरिक देवार गीतों को कालजयी गीत कहा।

सांसद ने अपने संस्मरण में कहा कि लोक नृत्यांगना-पद्मावती साहू के फुर्तीले लोकनृत्यों ने गांव-गांव में लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया था। वहीं लोकगायक-प्रकाश देवांगन के गीत श्मोर खेती-खार रुन-झुन मन भंवरा नाचे झूम-झूमश् एवं पहले छत्तीसगढ़ी राखी गीत और अनेकानेक जस गीतों ने छत्तीसगढ़ी मनोरंजन जगत को एक नया आसमान दिया है।

गीतकार-हर्षकुमार बिन्दु के कर्णप्रिय गीत मौहा झरे-मौहा झरे तो ऐसा कर्णप्रिय गीत है जिसके बगैर कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम पूर्ण नहीं होते। इसी तरह से रायपुर की ममता अहार के पंडवानी पर भी टिप्पणी करते हुए सांसद ने कहा कि उन्होंने 31 देशों में पंडवानी गायन करके छत्तीसगढ़ के मान को बढ़ाया है।

उन्हें शिक्षा के लिए भी राष्ट्रपति पुरस्कृत मिल चुका है। सम्मान समारोह में गायन के लिए भारत भूषण परगनिहा, लोकनृत्य के लिए अशोक श्रीवास, पुरातात्विक लेखन के लिए रमेश वर्मा, साहित्य के लिए चन्द्रहास साहू, विक्रम सिंह, मूर्तिकला के लिए सुश्री मीना देवांगन, उत्तर कुमार साहू के साथ ही उच्च कोटि के फोटो पत्रकारिता के लिए गौकरण कुमार निषाद को सम्मानित किया गया।

इस दौरान लता मंगेश्कर से छत्तीसगढ़ी गीत गवाने वाले संगीतकार मदन शर्मा ने भी अपनी रचना से कलाकारों का स्वागत किया। मंच का सफल संचालन साहित्यकार मेनका वर्मा एवं रुपा साहू ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रवीण कालमेघ व अंकुश देवांगन ने किया।