- एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance and Corporate Affairs Minister Nirmala Sitharaman) ने संसद में पेश ‘केन्द्रीय बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25)’ में अवयस्क बच्चों के लिए एक नई पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ (New Pension Scheme ‘Vatsalya’) की घोषणा की गई है।
इस पेंशन योजना (Pension Scheme) में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। वयस्कता की आयु होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा।
केन्द्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों (Central Government Employees) के लिए संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारियों ने रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है।
उन्होंने कहा कि एक ऐसा समाधान निकाला जाएगा जिससे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकल सके और साथ ही आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता भी बनाई रखी जाएगी।
श्रमिकों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-श्रम पोर्टल (E- Shram Portal) का अन्य पोर्टलों के साथ समग्र एकीकरण वन-स्टॉप समाधान को सुगम करेगा।
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केन्द्रीय बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25) में श्रमिकों के लिए कई सेवाओं के प्रावधान की सुविधा का प्रस्ताव भी किया गया है। इनमें रोजगार और कौशल प्रशिक्षण से संबंधित सेवाएं शामिल होंगी। वित्त मंत्री ने प्रस्तावित किया कि ई-श्रम पोर्टल (E- Shram Portal) का अन्य पोर्टलों के साथ समग्र एकीकरण करने से ऐसा वन-स्टॉप समाधान सुगम होगा। तेजी से बदल रहे श्रम बाजार, कौशल जरूरतों और उपलब्ध रोजगार भूमिकाओं के लिए खुली संरचना वाले डाटाबेस और रोजगार आकांक्षियों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं से जोड़ने वाले तंत्र को इन सेवाओं में शामिल किया जाएगा।
अगली पीढ़ी के सुधारों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, केन्द्रीय बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25) में उद्योग और व्यापार के लिए अनुपालन की आसानी बढ़ाने हेतु श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल को नवीकृत करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके पीछे सरकार की सोच यह है कि विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में हमारी यात्रा की गति को तेज करने के लिए उन्हें सशक्त बनाया जाएं और वे अपनी गतिविधियों को कार्यान्वित कर सकें।