- नियमित एवं ठेका श्रमिकों की मांगों पर मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक से हुई चर्चा।
- यूनियन ने कहा-खदानों में ठेका मजदूरों के लिए बनी बेहतर व्यवस्था को कुछ लोग तहस नहस करना चाहते हैं। वह भिलाई के प्रदूषण को राजहरा के ठेका में लाकर थोपने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे रोकना बहुत जरूरी है।
सूचनाजी न्यूज, राजहरा। भिलाई स्टील प्लांट के ग्रुप ऑफ माइंस राजहरा के कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों की फाइल मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक के सामने खोली गई। भिलाई इस्पात संयंत्र के सीजीएम पर्सनल संदीप माथुर दल्ली राजहरा के दौरे पर पहुंचे। यूनियन नेताओं और कर्मचारियों से बातचीत हुई।
बीएसपी प्रबंधन पर भेदभाव का गंभीर आरोप
बैठक में खदान के नियमित एवं ठेका कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। नियमित कर्मचारियों के मुद्दों को उठाते हुए सीटू सचिव प्रकाश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि वेतन समझौते में जो भेदभाव कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच दिल्ली में किया गया, अब उसी प्रकार का भेदभाव खदान कर्मचारियों के साथ दल्ली राजहरा में भी किया जा रहा है। खदान के अधिकारियों को 12 अतिरिक्त सीएल का प्रावधान इनकैशमेंट के साथ लागू किया गया है और इसी तरह अधिकारियों को अटेंडेंस के आधार पर नया रिवॉर्ड स्कीम भी चालू किया गया है। लेकिन इन दोनों मामले में कर्मचारियों की उपेक्षा करते हुए खदान कर्मचारियों पर लागू नहीं किया गया है।
इसलिए जल्द से जल्द प्रबंधन माइंस कर्मचारियों को भी अतिरिक्त 12 सीएल इंकैशमेंट के साथ, पांच एफएल का इंकैशमेंट एवं अटेंडेंस के आधार पर नई रिवॉर्ड स्कीम चालू की जाए। इसी तरह ठेका श्रमिकों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी में तरह-तरह की बाधाएं आ रही हैं। उन्हें दूर कर सभी ठेका श्रमिकों को ग्रेच्युटी का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
राजहरा टाउनशिप की हालत जर्जर
टाउनशिप की जर्जर हालत पर चर्चा करते हुए एटक अध्यक्ष राजेंद्र बेहरा ने कहा कि टाउनशिप में मेंटेनेंस तथा आवास आवंटन का पूरा सिस्टम ध्वस्त हो चुका है। मेंटेनेंस कार्य ठेकेदार नहीं कर रहे हैं और उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कर्मचारी काफी परेशान हैं। इसलिए टाउनशिप में सिविल मेंटेनेंस कार्य एवं आवास आवंटन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। खदानों में कार्यरत आपरेटरों के वाशिंग एलाउंस का मुद्दा भी उन्होंने उठाया।
राजहरा का हॉस्पिटल ही बीमार है
हॉस्पिटल की खराब हालत पर चर्चा करते हुए सीटू के ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि अस्पताल की हालत बेहद खराब है। राजहरा माइंस अस्पताल केवल एक रेफरर सेंटर बनकर रह गया है। इसलिए अस्पताल की व्यवस्था को जल्द से जल्द दुरूस्त किया जाए।
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खाली आवास ठेका मजदूरों को और लाइसेंस पर दें
सीटू अध्यक्ष पुरषोत्तम सिमैया ने कहा कि टाउनशिप में खाली हो रहे आवासों को ठेका श्रमिकों को दिया जाए एवं सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए जल्द से जल्द सभी प्रकार के आवासों को लाइसेंस पद्धति से आवंटित करने की प्रक्रिया चालू की जाए।
ठेका कर्मियों की विभिन्न समस्याओं को उठाते हुए सीएमएसएस से शैलेश ने कहा कि खदानों में ठेका मजदूरों के लिए बनी बेहतर व्यवस्था को कुछ लोग तहस नहस करना चाहते हैं। वह भिलाई के प्रदूषण को राजहरा के ठेका में लाकर थोपने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे रोकना बहुत जरूरी है। अन्यथा विस्फोटक स्थिति पैदा हो सकती है।
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ठेकेदार समय पर नहीं करते भुगतान
सोमनाथ उइके ने कहा कि महीनों पूर्व बनी सहमति के बावजूद ठेका मजदूरों को दी जाने वाली चिकित्सा सुविधा आज तक प्रारंभ नहीं हुई, जिससे कर्मचारियों में बेहद आक्रोश है। अधिकांश ठेकेदार समय पर वेतन भुगतान नहीं कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि विभागीय वेतन भुगतान में भत्तों को भी शामिल किया जाए। पीएफ राशि जमा करने की भी व्यवस्था करवाई जाए।
समस्याओं को पहले सुना, फिर प्रबंधन ने दिया जवाब…
-उक्त तमाम चर्चा में प्रबंधन द्वारा बताया गया कि राजहरा माइंस हास्पिटल को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अपोलो हॉस्पिटल से चर्चा जारी है। इसे अंतिम रूप देने से पहले यूनियनों से चर्चा की जाएगी।
-ठेका मजदूरों के लिए 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा करने की योजना पर भी प्रबंधन विचार कर रही है। नवंबर माह तक इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
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-ठेका श्रमिकों के विभागीय वेतन में भत्तों को शामिल करने एवं काटी गई पीएफ राशि को श्रमिकों के अकाउंट में जमा करने हेतु भी प्रबंधन ने सहमति व्यक्ति की।
-साथ ही कहा अन्य उठाए गए तमाम मुद्दों को गंभीरता से लेकर प्रयास किया जाएगा।
-इसके साथ ही भिलाई इस्पात संयंत्र की जरूरत के अनुरूप आयरन ओर की आपूर्ति हेतु सभी से अपील की।
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जानिए बैठक में प्रबंधन और यूनियन से कौन-कौन रहा शामिल
सीटू की ओर से सचिव प्रकाश सिंह क्षत्रिय,अध्यक्ष पुरुषोत्तम सीमैया, कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र सिंह, एटक से अध्यक्ष राजेंद्र बेहरा, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ से अध्यक्ष सोमनाथ उइके, शैलेश और प्रबंधन की ओर से मुख्य महाप्रबंधक संदीप माथुर, महाप्रबंधक कार्मिक नॉन वर्क्स एण्ड माइंस एसके सोनी, महाप्रबंधक कार्मिक आईआर जेएन ठाकुर, सहायक महाप्रबंधक कार्मिक आईओसी राजहरा एमडी रेड्डी, प्रबंधक कार्मिक डॉक्टर जेएस बघेल, प्रबंधक कार्मिक जोत कुमार, प्रबंधक कार्मिक सिकंदर इंदौरिया,अतिरिक्त श्रम कल्याण अधिकारी रतीश मिश्रा, संत राम साहू, एमडी चंद्राकर, संध्या रानी वर्मा, घनश्याम पारकर, इत्यादि उपस्थित थे।
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