आधे-अधूरे MOU के एक साल पूरे, सेल में एरियर और रात्रि भत्ता अब भी दूर, BWU बोला-काला धब्बा और नासूर
बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने कहा कि एनजेसीएस कमेटी के नाम पर काला धब्बा और बीएसपी कर्मचारियों के लिए आज भी नासूर बना MoU को एक साल हो गए है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी सहित सभी सेल कर्मचारियों के वेज रिवीजन में 58 महीनों की ऐतिहासिक देरी करने के बाद एनजेसीएस में वेतन समझौते के नाम पर बने आधे-अधूरे MoU को आज एक साल पूरे हो गए है। MoU के एक साल होने के बाद भी इसे अंतिम समझौते का रूप नहीं मिल पाया है।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने कहा कि एनजेसीएस कमेटी के नाम पर काला धब्बा और बीएसपी कर्मचारियों के लिए आज भी नासूर बना MoU को एक साल हो गए है। इस अनैतिक MoU के माध्यम से पहले बीएसपी अधिकारियों के 15% एमजीबी और 35% वैरियेबल पर्क्स की तुलना में बीएसपी कर्मचारियों को सिर्फ 13% एमजीबी और 26.5% वैरियेबल पर्क्स ही देकर ठगा गया, उसके बाद पिछले एक साल से 39 महीनों का फिटमेंट एरियर, 58 महीनों का वैरियेबल पर्क्स का एरियर, रात्रि भत्ता, एचआरए, छुट्टियां आदि मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। एनजेसीएस नेता इन मुद्दों के समाधान के नाम पर सिर्फ चर्चा करने दिल्ली जाते है और अपना TA-DA बनाते है।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष ने बताया कि फिटमेंट और वैरियेबल पर्क्स एरियर के रुप में सभी कर्मचारियों का 3 से 10 लाख रुपये अटका पड़ा है। एचआरए और रात्रि भत्ता ना बढ़ने से कर्मचारियों का मासिक वेतन में भी भारी नुकसान हो रहा है। सभी बीएसपी कर्मचारी बीएसपी अधिकारियों के बराबर ही ईएल, सीएल और त्योहारी छुट्टियां पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। फेस्टिवल एडवांस, आवास ॠण, वाहन ॠण, बच्चों के लिए उच्च शिक्षा ॠण आदि मुद्दों पर एनजेसीएस में कोई चर्चा ही नहीं होती।
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उज्जवल दत्ता के मुताबिक एक ओर जहां हर सेल-सेफी मीटिंग में अधिकारियों के कुछ ना कुछ मुद्दे हल हो जाते है, वहीं दूसरी ओर साल भर में दर्जन भर एनजेसीएस मीटिंग होने के बाद भी हम कर्मचारियों का एक भी मुद्दे का समाधान नहीं हो पाता।
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एनजेसीएस कमेटी में लंबित मुद्दों की बढ़ती संख्या और कर्मचारियों के हित की अनदेखी का सबसे बड़ा कारण कमेटी में कम नियमित सेल कर्मचारी का होना है। एनजेसीएस नेताओं का तर्करहित और दिशाहीन निगोशिएशन एवं स्वार्थपूर्ण गतिविधियों ने आज सेल कर्मचारी अन्य पीएसयू कर्मचारियों की तुलना में वेतन और सुविधाओं में बहुत पीछे हो गए हैं। एनजेसीएस कमेटी के पुनर्गठन के पश्चात ही सेल कर्मचारियों का उद्धार संभव है।
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