भिलाई इस्पात संयंत्र में होने वाले अधिकांश ठेका इंजीनियरिंग स्टीमेट से 10% से 30% कम में होने के कारण, श्रमिकों को उनका पूर्ण वेतन नहीं मिल पाता।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक भिलाई की कार्यकारिणी की बैठक यूनियन कार्यालय में हुई। अध्यक्ष संजय कुमार साहू ने कार्यकारिणी को अवगत कराया कि यूनियन का सदस्यता अभियान एवं संगठित करने के लिए जोरातराई एवं खुर्सीपार गेट में पर्चा वितरण किया गया है, जिससे श्रमिक अपनी शिकायत लेकर यूनियन ऑफिस में आ रहे हैं। सदस्यता लेकर अपनी समस्या का समाधान कर रहे हैं।
कार्यकारिणी के सदस्यों ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र में श्रमिकों को पूर्ण वेतन नहीं मिलने का मूल कारण है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में होने वाले अधिकांश ठेका इंजीनियरिंग स्टीमेट से 10% से 30% कम में होने के कारण, श्रमिकों को उनका पूर्ण वेतन नहीं मिल पाता।
सेल की ज्वाइंट वेंचर कंपनी एनएसपीसीएल कोई भी ठेका इंजीनियरिंग स्टीमेट से कम में नहीं दिया जाता और सभी श्रमिक को पूरा वेतन एवं बोनस, एडब्ल्यूए, छुट्टी, अंतिम भुगतान को प्रति माह के वेतन में जोड़ कर दे दिया जाता है।
बीएसपी में ठेका श्रमिकों को कम वेतन मिलने का मूल कारण एलपीपी में ठेका
श्रमिक नेताओं ने कहा कि बीएसपी में वर्तमान में हो रहे ठेका में अधिकांश ठेका एलपीपी (लास्ट परचेज प्राइस) स्टीमेट में ठेका दिया जा रहा है जिससे इंजीनियरिंग स्टीमेट से 10 से 30% कम में ठेका होने के बाद, 2 साल कार्य करने के उपरांत मात्र 5% राशि वृद्धि कर नया ठेका निकाल दिया जाता है, जबकि 2 साल में महंगाई भत्ता 10% से ज्यादा वृद्धि हो जाता है।
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ठेका एजेंसी द्वारा एलपीपी स्टीमेट के ठेके में भी 5% से 10% कम में ठेका ले लिया जाता है और अकुशल श्रमिकों को 290 रुपया 300 रुपया एवं 350 रुपया तक ही दिया जाता है। एडब्ल्यूए एवं अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती। जबकि बड़ी कंपनियों द्वारा अधिक राशि में लिए गए ठेके कार्य में सभी भुगतान एवं वेतन सही तरीके से दिया जाता है।
ठेका कार्य 430 से 500 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से
बीएसपी में अधिकांश ठेका कार्य मैनपावर आधारित है, जिसमें प्रबंधन द्वारा प्रतिदिन 430 रुपया से 500 रुपया के हिसाब से ठेका दिए गए हैं, जबकि बीएसपी के द्वारा निर्धारित, सभी सुविधा मिलाकर ठेका वेतन वर्तमान में 640 रुपया है, जिसमें अकुशल श्रमिक का 403 रुपया वेतन 88 :46 रुपया एवं सीपीएफ ई डी एल आई नेशनल हॉलिडे एल छुट्टी एवं बोनस एवं रिटेचमेंट की राशि सम्मिलित है। कम राशि में ठेका होने से ठेका एजेंसी द्वारा श्रमिकों को पूर्ण वेतन एवं सुविधाएं नहीं दी जाती।
इंजीनियरिंग स्टीमेट से कम में ठेका होने से ऑपरेटिंग अथारिटी को संयंत्र चलाने में आती है परेशानी
संजय साहू ने कहा कि ठेका श्रमिकों को कम वेतन मिलने की शिकायत ऑपरेटिंग अथॉरिटी से करने पर ठेका कम राशि मे होने का, कारण बताते हैं। बीएसपी के ऑपरेटिंग अथॉरिटी संयंत्र को चलाने के लिए इंजीनियरिंग स्टीमेट में ठेका प्रक्रिया प्रारंभ करते हैं। लेकिन कांट्रैक्ट सेल आईईडी और फाइनेंस के अधिकारी उसे कम करवा कर एलपीपी में ठेका करवा देते हैं,जिससे बीएसपी के अधिकारी को भी श्रमिकों की समस्या के लिए सामना करना पड़ता है।
कई बार श्रमिकों द्वारा अपने वेतन एवं बोनस के लिए संयंत्र के विभाग प्रमुख के पास जाकर शिकायत करते हैं। लेकिन उसका निदान नहीं हो पाता और कम वेतन मिलने के कारण अच्छे अनुभव प्राप्त श्रमिक काम छोड़कर दूसरे जगह चले जाते हैं, जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र में अच्छे कुशल एवं अनुभव शील श्रमिकों की कमी से जूझना पड़ता है, जिसका प्रभाव संयंत्र के उत्पादन पर होता है। ठेका पद्धति में सुधार करने से संयंत्र के उत्पादन एवं लाभार्जन एवं श्रमिकों को लाभ होगा।
बीएसपी प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा गया
स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक ने ठेका पद्धति में सुधार के लिए भिलाई प्रबंधन को ज्ञापन भी दिया है, ताकि महारत्न कंपनी में काम करने वाले श्रमिकों को उनका वाजिब हक एवं सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो सके। संयंत्र में सुरक्षित कार्य के साथ उत्पादन में वृद्धि हो।
बैठक में श्रमिकों को पूर्ण वेतन दिलाने के लिए आगे संगठित होकर संघर्ष तेज करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंह, आर दिनेश, सुरेश कुमार, गुरुदेव साहू, जसवीर सिंह, गुलाबदास, मनोहर लाल दामन, कोला राजू, अनिल कुमार नारायण, बीएल वर्मा, बसंत चेलक, अशोक कुमार, नारायण साहू, रामकुमार एवं कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।