EPFO गाइडलाइन पर भड़के पेंशनर्स, 10 जनवरी को देशभर में प्रोटेस्ट

-सुप्रीम कोर्ट ने पेंशनर्स के हित में 4 नवंबर 2022 को फैसला दिया था।
-ईपीएफओ द्वारा 29 दिसंबर को सर्कुलर जारी किया गया।
-पेंशनर्स इसे पूर्णतया भ्रमित करने वाला सर्कुलर बता रहे।
-1-9-2014 के पूर्व अथवा 1-9-2014 के बाद रिटायर होने वालों को लाभ न मिलने का आरोप।
-सुप्रीम कोर्ट की अवमानना और उसके पूर्व आदेशों का भी उल्लंघन बताया जा रहा है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 29 दिसंबर 2022 को जारी ईपीएफओ (EPFO) गाइडलाइन का विरोध शुरू हो गया है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा देश भर में 10 जनवरी को धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले 4 नवंबर 2022 के गलत व्याख्या का आरोप लगाया जा रहा है। विरोध करने वालों का कहना है कि भ्रमपूर्ण गाइडलाइन द्वारा लाखों पेंशनर्स को उच्च पेंशन से वंचित किया गया। रायपुर ईपीएफओ कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन होगा। प्रदर्शनकारी काली पट्टी भी लगाएंगे।

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राष्ट्रीय संघर्ष समिति (ईपीएस-95) छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी ने बताया कि ईपीएस-95 (EPS 95) पेंशनर्स से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले 4 नवंबर 2022 के क्रियान्वय के उद्देश्य से ईपीएफओ द्वारा 29 दिसंबर 2022 को जारी किए गए दिशा-निर्देश पूर्णतया भ्रमित करने वाले हैं। और इस तरह से तैयार किए गए हैं कि 1-9-2014 के पूर्व अथवा 1-9-2014 के बाद रिटायर होने वालों को किसी भी तरह के लाभ से वंचित कर दिया जाए, जो कि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना और उसके पूर्व आदेशों का भी उल्लंघन है।

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केंद्रीय “राष्ट्रीय संघर्ष समिति” द्वारा केंद्र सरकार और ईपीएफओ को नोटिस दिया गया है कि 9 जनवरी तक ईपीएफओ के संदर्भित परिपत्र दिनांक 29-12-2022 को वापस लिया जाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक दूसरा उचित परिपत्र ऐसे ढंग से जारी किया जाए कि सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उसका लाभ मिल सके। अन्यथा 10 जनवरी 2023 को देश के सभी भविष्य निधि कार्यालयों के समक्ष धरना-प्रदर्शन होगा। विरोध के तौर पर सभी सदस्य काली पट्टी लगाएंगे और स्थानीय तौर पर भी ज्ञापन सौंपे जाएंगे।

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एलएम सिद्दीकी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में निवासरत सभी ईपीएस-95 पेंशनर्स को आगाह किया गया है कि ईपीएफओ के अन्यायपूर्ण व्यवहार के खिलाफ एकजुट हों। 10 जनवरी को सुबह 10 बजे, “क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय, पंडरी, रायपुर” के सामने , काली पट्टी लगा कर, इकठ्ठे होकर धरना प्रदर्शन करें। तत्पश्चात, लगभग साढ़े बारह बजे, Regional Provident Fund Commissioner, Chhattisgarh, Raipur को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।

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संगठन ने सभी जिलों के अध्यक्षों, महासचिव, संगठन सचिवों, और मित्रवत संगठनों से आग्रह किया गया कि अधिक से अधिक संख्या में आएं, ताकि हमारे विरोध का स्वर उच्च अधिकारियों तक पहुंचे। ईपीएफओ द्वारा संशोधित गाइडलाइन, सुप्रीम कोर्ट के सही फैसलों के आधार पर जारी किया जाए।

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ईपीएफओ के दोषपूर्ण गाइडलाइन का विरोध विभिन्न सेवानिवृत्त कर्मचारियों के संगठनों द्वारा भी किया जा रहा है। एनएमडीसी रिटायर्ड एम्प्लॉयज वेलफेयर एसोसिएशन, एक्स बीएसपी ऑफिसर्स एसोसिएशन, बालको रिटायर्ड एम्प्लॉयज वेलफेयर एसोसिएशन, राज्य वन विकास सेवा निवृत्त कर्मचारी संगठन, एनटीपीसी रिटायर्ड एम्प्लॉयज वेलफेयर एसोसिएशन इत्यादि ने भी दोषपूर्ण गाइडलाइन को पेंशनर्स के हित के विरोध में बताया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले दिनांक 4 नवंबर 2022 के पैराग्राफ 44(ix) में स्पष्टता आरसी गुप्ता मामले के निर्णय को माना है और उसे क्रियान्वय का निर्देश भी दिया है, जिसके अनुसार 1 सितंबर 2014 के पूर्व और यहां तक कि बाद वाले भी उच्च पेंशन के हकदार हैं। लेकिन ईपीएफओ ने इसे नकारने का कुप्रयत्न किया है।

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