प्रेम प्रकाश पांडेय ने किया भिलाई टाउनशिप की विद्युत व्यवस्था को सीएसपीडीसीएल को हैंडओवर करने का विरोध, कहा-60 प्रतिशत मिलेगी महंगी बिजली और कटौती भी, नहीं मिल सकेगी 5 करोड़ की सब्सिडी, दें बिजली बिल हॉफ का लाभ
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने भिलाई टाउनशिप की विद्युत व्यवस्था को सीएसपीडीसीएल को हैंडओवर करने का विरोध किया है। पूर्व मंत्री का कहना है कि बिजली व्यवस्था हैंडओवर करने से टाउनशिपवासियों के साथ बीएसपी को भी नुकसान होगा। वर्तमान में करीब 16 करोड़ का नुकसान बीएसपी को है। सीएसपीडीसीएल को हैंडओवर करने के साथ ही 116 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। वहीं, टाउनशिप की बिजली दर भी सीएसपीडीसीएल की अपेक्षा कम है और कटौती भी नहीं होती है। ऐसे में टाउनशिपवासियों को नुकसान कराना उचित नहीं है।
भिलाई टाउनशिप के घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को एक मार्च 2019 से छूट का लाभ दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी भिलाई स्टील प्लांट को ज्ञापन सौंपा है। निवेदन किया गया है कि भिलाई स्टील प्लांट के टाउनशिप में विद्युत आपूर्ति के काम को सीएसपीडीसीएल को हस्तांतरित न किया जाए। यह बात उन्होंने फेसबुक लाइव कार्यक्रम में कही।
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छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा की जा रही 400 यूनिट तक की बिजली बिल में आधी छूट का लाभ देने के लिए 27/02/2019 को आदेश जारी किया गया, जिसे एक मार्च 2019 से सम्पूर्ण राज्य में प्रभावी किया गया है। इस आदेश के अनुसार राज्य शासन द्वारा 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर बिजली बिल आधा करने का प्रावधान सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर लागू होता है।
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि बीएसपी-टीईईडी भी सीएसपीडीसीएल की तरह विद्युत की खुदरा बिक्री हेतु एक लाइसेन्सी है तथा ये दोनों लाइसेन्सी अपने लाइसेन्स की फीस छ.ग. राज्य विद्युत नियामक आयोग में जमा करवाते हैं। दोनों पर विद्युत अधिनियम, 2003 एवं आयोग द्वारा बनाये गए सारे विनियम एवं नियम समान रूप से लागू होते हैं।
दोनों लाइसेन्सी के पास घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता है, जो छत्तीसगढ़ की सीमा के अंदर निवास करते हैं। ये घरेलु उपभोक्ता छ.ग. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिकृत किए गए लाइसेन्सी से घरेलू उपयोग हेतु विद्युत क्रय करते हैं।
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पूर्व मंत्री ने तर्क के साथ की बात, जानिए आप
-प्रेम प्रकाश पांडेय का कहना है कि राज्य शासन द्वारा अपने आदेश में यह कहा गया है कि राज्य के सभी घरेलु उपभोक्ताओं को 01 मार्च 2019 से प्रतिमाह खपत की गयी 400 यूनिट तक की बिजली पर प्रभावशील विद्युत् दरों के आधार पर आकलित बिल की राशि को आधा किया जाएगा।
-पिछले पैरा में यह स्पष्ट किया गया है क़ि बीएसपी टीईईडी एवं सीएसपीडीसीएल दोनों एक ही प्रकार के लाईसेंसी हैं।
-विद्युत् नियामक आयोग द्वारा बीएसपी टीईईडी एवं सीएसपीडीसीएल के लिए टैरिफ निर्धारित करते हुए जो आदेश पारित किये जाते हैं, उसमे दोनों लाईसेंसी के घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओ हेतु टैरिफ निर्धारित किया जाता है।
-अतः यह स्पष्ट है कि सीएसपीडीसीएल की तरह ही बीएसपी टाउनशिप एरिया में घरेलु विद्युत् उपभोक्ता निवास करता हैं। अतः राज्य शासन का उक्त आदेश भिलाई टाउनशिप में रह रहे घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओं पर भी लागू होता है।
-अतः इन्हे भी छूट लागू के होने की तारीख 01/03/2019 से बिजली बिल में आधे छूट का लाभ बिना किसी भेदभाव के मिलना चाहिए।
-वैसे तो बिजली बिल में छूट के आदेश में राज्य के घरेलु विद्युत् उपभोक्ताओं में कोई भेद नहीं किया गया है, किन्तु यदि ऐसा किया भी गया होता तो ऐसा प्रावधान गैर-सैंवधानिक होता, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 में नागरिको को दी गयी समता के अधिकार का उल्लंघन होता।
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हैंडओवर होते बढ़ जाएगी बिजली की दर, मकान खाली कराना होगा मुश्किल
प्रेम प्रकाश पांडेय का कहना है कि सीएसपीडीसीएल द्वारा विद्युत सप्लाई चालू करने से विद्युत् की कटौती शुरू होगी। विद्युत दर बढ़कर 2 रूपये 76 पैसे से बढ़कर लगभग 4 रुपये हो जाएगा। टाउनशिप के मकानों में कब्ज़ा किए लोगो से मकान खली करवाना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि अभी बिजली की सप्लाई रोकना बीएसपी प्रबंधन के हाथ में है, जबकि सीएसपीडीसीएल द्वारा सप्लाई शुरू हो जाने पर बीएसपी प्रबंधन उन पर निर्भर हो जाएगा।
बीएसपी प्रबंधन 5.10 करोड़ रुपये देती है टाउनशिपवासियों को सब्सिडी, हो जाएगी बंद
वर्तमान में टाउनशिप सप्लाई के लिए बीएसपी टीईईडी द्वारा विद्युत् पीपी-1, पीपी-2 एवं पीपी-3 (एनएसपीसीएल) से खरीदी जा रही है, जिसमे से पीपी-1 एवं पीपी-2 की बिजली टाउनशिप के नागरिको को मुफ्त में मिल रही है। अर्थात पीपी-1 एवं पीपी-2 से सप्लाई हो रही बिजली का कोई भी भार टाउनशिप की जनता पर नहीं आ रहा है। सीएसपीडीसीएल को विद्युत् आपूर्ति का काम मिल जाने से यह सुविधा भी जाती रहेगी। इसके अलावा यह भी कि प्रत्येक वर्ष बीएसपी प्रबंधन द्वारा लगभग 5.10 करोड़ रुपये की सब्सिडी टाउनशिप के लोगो को दी जा रही है। वह भी बंद हो जाएगी। जो लोग सीएसपीडीसीएल को विद्युत् आपूर्ति का काम देना चाहते है, वो जनता को यह बात को क्यों नहीं बता रहे। इन बातों को छुपाया जाना, इन लोगो की मंशा पर प्रश्न खड़ा करता है।
इन कारणों की वजह से पूर्व मंत्री ने जताई असहमति
- बीएसपी प्रबंधन के हाथ से टाउनशिप एरिया में बिजली सप्लाई का कंट्रोल निकल जाएगा। अनधिकृत रूप से मकानों को कब्ज़ा किए लोगो की विद्युत् आपूर्ति को काटा नहीं जा सकेगा। फलस्वरूप मकानों पर से अवैध कब्ज़ा हटाना असंभव सा हो जाएगा।
- घरेलु उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 25 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाएगी।
- बीएसपी टाउनशिप एरिया में सीएसपीडीसीएल के एंट्री से पावर कट भी शुरू हो जाएगा।
- वर्तमान में बिजली सप्लाई में होने वाली हानि को बीएसपी प्रबंधन द्वारा सब्सिडी देकर वहन किया जा रहा है, जोकि सीएसपीडीसीएल की सप्लाई शुरू होने पर बंद हो जाएगी।
- बीएसपी टाउनशिप एरिया में बिजली की सप्लाई हेतु प्लांट के पीपी 1 एवं पीपी 2 से मिल रहे बिना पैसे की बिजली की सप्लाई भी बंद हो जाएगा तथा सीएसपीडीसीएल तो यह लाभ अपनी जेब से देने से तो रहा।
- वर्तमान में राज्य की बिजली कंपनियों के माली हालत ख़राब होने के कारण सीएसपीडीसीएल के प्राइवेटाइजेशन का खतरा हमेशा बना रहेगा।
- रहा सवाल बिजली बिल में छूट की बात वो तो राज्यशासन के आदेश में बिलकुल स्पष्ट है कि इसका लाभ तो टाउनशिप की जनता को अवश्य मिलना चाहिए और लागू होने की दिनांक अर्थात 01/03/2019 से ही मिलना चाहिए।