भिलाई स्टील प्लांट में पैसे की बर्बादी और हादसा रोकना आसान, छुपाओ नहीं बताओ…

Preventing wastage of money and accidents in Bhilai Steel Plant is easy, don't hide, tell…
दुर्घटनाएं घट जाने के बाद मैकेनिकल, ऑपरेशन एवं इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट अक्सर एक दूसरे पर दोषारोपण करते हैं।
  • यदि स्थाई श्रमिकों की तरह ही ठेकेदार के श्रमिक भी स्थाई रूप से अलग-अलग विभागों में पदस्थ हो तो सुरक्षित रूप से काम लेना ज्यादा आसान होगा।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कोई भी दुर्घटना तब घटती है, जब उस दुर्घटना से जुड़ी हुई छोटे-छोटे कारण को नजरअंदाज किया जाता है। और वह छोटी-छोटी घटनाएं एक बड़ी घटना का रूप ले लेती है जिसे हमेशा छुपाने की कोशिश की जाती है। किंतु उसका विश्लेषण होना बहुत जरूरी है।

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धान काटने वाले मजदूरों से कराते हैं टेक्नीकल काम

अक्सर देखने को मिला है कि धान काटने वाले किसानों को लाकर रेल कटवाते हैं। यह कोई व्यंग नहीं है, बल्कि संयंत्र के सुरक्षित उत्पादन प्रणाली से जुड़ा हुआ मामला है। किसान साल भर में कभी एक बार तो कभी दो बार 2 से 3 माह के लिए खाली रहते हैं। ऐसे समय वे काम की तलाश में प्लांट की तरफ आते हैं।

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संयंत्र के ठेकेदारों को भी 200 से 250 रुपए तक रोजी में काम करने वाले मजदूरों की तलाश रहती है और उन्हें यह खाली बैठे किसान आसानी से मिल जाते हैं, जिनका गेट पास बनाकर कभी रेल मिल में रेल कटवाने के काम में लगाते हैं तो कभी प्लेट मिल वायर रॉड मिल, मर्चेंट मिल, कोक ओवन, ब्लास्ट फर्नेस, सेंटर प्लांट सहित संयंत्र के अन्य विभागों के उत्पादन अथवा मेंटेनेंस कम में लगा देते हैं।

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ठेका में भी होनी चाहिए स्थाई ठेका श्रमिक

बीएसपी में देखने को मिलता है कि एक ठेका खत्म होते ही जब दूसरा ठेका दिया जाता है और कोई नया ठेकेदार दूसरा ठेका लेते ही वहां काम करने वाले ठेका श्रमिक भी बदल देते हैं। अर्थात वहां काम करने वाले ठेका कर्मी, जिनको उस काम का अच्छा अनुभव प्राप्त हो चुका है, उन्हें हटाकर दूसरे ठेकेदार द्वारा रखे जा रहे नए ठेका श्रमिक आ जाते हैं।

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यदि स्थाई श्रमिकों की तरह ही ठेकेदार के श्रमिक भी स्थाई रूप से अलग-अलग विभागों में पदस्थ हो तो सुरक्षित रूप से काम लेना ज्यादा आसान होगा। ठेकेदार बदलते रहे किंतु ठेका श्रमिक ना बदले तब काम में सुरक्षा की गारंटी बढ़ जाती है।

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अधिकारी बीएसपी कर्मियों से कहते हैं कि लेना होगा इन सभी से काम

वरिष्ठ बीएसपी कर्मी बताते हैं कि ठेका कर्मियों के नाम पर कहीं से भी अकुशल मजदूरों को लाकर विभाग में दे दिया जाता है। एवं वरिष्ठ कर्मियों, सुपरविजन करने वाले कर्मियों अथवा चार्ज मेंन एवं शिफ्ट इंचार्ज आदि से कहा जाता है कि इन कर्मियों से काम लेना होगा। इसीलिए इनको काम सिखाएं एवं इनसे काम लीजिए। प्रबंधन की इस तरह की व्यवस्था संयंत्र के लिए घातक स्थिति निर्मित कर रही है।

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मैकेनिकल ऑपरेशन एवं इलेक्ट्रिकल के बीच जारी रहता है टसल

दुर्घटनाएं घट जाने के बाद अक्सर यह देखने को मिलता है कि मैकेनिकल ऑपरेशन एवं इलेक्ट्रिकल तीनों मिलकर उस दुर्घटना के तह में जाने के बजाय अक्सर एक दूसरे पर दोषारोपण करते हैं। और समय बीतने के साथ-साथ उस पूरे मामले को ही ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। फिर जैसे ही कोई घटना घटती है। वही पुराना खेल शुरू हो जाता है। अर्थात हर चीज का तात्कालिक समाधान निकालिए और आगे बढ़ते चलिए।

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