नॉन एक्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी पर रेल मिल के कर्मचारियों का फूंटा गुस्सा, जीएम इंचार्ज दफ्तर में हंगामा, नए पदनाम से चार्जमेन गायब
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। नए पदनाम को लेकर शुरू हुआ हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। नॉन एक्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी-एनईपीपी को लेकर रेल मिल के कर्मचारियों का गुस्सा फूंट पड़ा। अधिकारियों और समझौता पत्र पर साइन करने वाली ट्रेड यूनियन के नेताओं पर गुस्सा उतारा जा रहा है।
25 नवंबर 2021 को मान्यता यूनियन इंटक के साथ प्रबंधन ने साइन किया, उसके बाद से यूनियने इसकी खामियों को लोगों के बीच रख रही थी। लोग इसको नहीं समझ पा रहे थे, लेकिन जैसे ही लोगों के बीच में पदनाम एवं वरिष्ठता सूची लागू करने के लिए रखी गई और उसे देख कर कर्मियों का आक्रोश फूटा। उन्हें समझ में आया कि उनके साथ क्या हुआ है।
सहायक महासचिव टी. जोगा राव ने बताया कि पदनाम परिवर्तन के नाम पर मान्यता प्राप्त यूनियन ने जिस पदनाम परिवर्तन के ड्राफ्ट में साइन किया है, उसमें चार्जमैन के पद को डिमिनिशिंग में रखा गया था, लेकिन उसके विपरीत वरीयता सूची से चार्जमैन का नाम ही गायब था, जिसे देखकर कर चार्जमैन भड़क गए। अपने-अपने सेक्शन में अपने अपने तरीके से आक्रोश जताने लगे। लेकिन जैसे ही सीटू नेता डीएस रेड्डी एवं जोगाराव कर्मियों के बीच पहुंचे उन्होंने अपने पदनाम से चार्जमैन हटाने की जानकारी दी। इसके बाद आक्रोशित चार्जमैन सीटू नेताओं के साथ जीएम इंचार्ज के ऑफिस पहुंचे। अपना आक्रोश जाहिर किया।
नए एलओपी में सीनियर हो गए है जूनियर
रेल मिल में 3 एलोपी बनाए गए हैं, जिसमें इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और ऑपरेशन है। जिसमें कई कर्मचारी जो अपने पूर्व के एलओपी में सीनियर थे। वह जूनियर हो गए हैं। वहीं, कार्मिक विभाग इस एनईपीपी के कोई फायदे बता पा रहा है। cluster-d में जो चार्जमैन थे, उनका चार्जमैन पद नाम हटा दिया गया है। यह पूरे रेल मेल में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल एवं ऑपरेशन में ऐसे ही किया गया है।
रेलमिल में जारी है हस्ताक्षर अभियान
कर्मियों ने एनईपीपी को हर हाल में लागू नहीं करने की मांग की है। अधिकारियों को एक पद ऊपर दिया। डीजीएम को जीएम बनाया और कर्मियों को एक पद नीचे चार्जमैन से सीनियर टेक्निशियन बनाया। यह कैसा पदनाम परिवर्तन है।
एनपीपी को हर हाल में लेना होगा वापस
श्रमिक नेताओं ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है। और प्रबंधन इसे लागू करने की कोशिश कर रहा है। इसके नकारात्मक तथ्यों को लोगों के सामने रखा जा रहा है, जिसको लेकर कर्मियों में जबरदस्त आक्रोश है और इस पर साइन करने वाले मान्यता यूनियन के नेता निशाने पर हैं। कोई भी इसका जवाब नहीं दे पा रहा है। ऐसे कर्मी विरोधी एनईपीपी को हर हाल में वापस लेना होगा
अधिकारी भी गुमराह है इस मुद्दे पर
चर्चा के दौरान विभाग प्रमुख ने बताया कि उनके द्वारा इस पॉलिसी को रेल मिल में लागू करवाने के लिए उन्हें यह भी तर्क दिया गया था कि इस पॉलिसी को यदि लागू नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में प्रमोशन इंक्रीमेंट एवं यहां तक की अगला वेतन समझौता भी रुक जाएगा। इसीलिए उच्च प्रबंधन ने इसे विभागीय स्तर पर लागू करने के लिए कहा है।
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