एनजेसीएस बैठक में हंगामा तय, सीटू बोला-एरियर्स, ट्रांसफर और निलंबन पर होगी पहले बात, 11 को सेल इकाइयों में प्रदर्शन
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें 19 जुलाई को आहूत की गई एनजेसीएस बैठक में अपनाई जाने वाली रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि एनजेसीएस की बैठक में वेतन समझौते को लेकर किए गए आंदोलन के दौरान जिन युवा कर्मियों को प्रबंधन द्वारा दमनात्मक कार्यवाही करते हुए निलंबित एवं स्थानांतरित किया गया उनके निलंबन एवं स्थानांतरण को वापस लेने की मांग को मजबूती से उठाया जाएगा।
11 जुलाई को सेल के सभी इकाइयों में होगा प्रदर्शन
एनजेसीएस बैठक से पूर्व 11 जुलाई 2022 को सभी इकाइयों में सिर्फ इसी मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा और सेल चेयरमैन के नाम ज्ञापन भेजा जाएगा।
दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट की मांग
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 10 वर्षीय वेतन समझौते से होने वाले घाटे की भरपाई के लिए 2 अतिरिक्त इंक्रीमेंट की मांग की जाएगी।
नए पे-स्केल के साथ दो अतिरिक्त ग्रेड शुरू करने की भी मांग
यह निर्णय भी लिया गया कि पे स्केल उप समिति की अनुशंसा के अनुरूप नए पे स्केल को तत्काल लागू करने के साथ दो नए ग्रेड एस -12 एवं एस -13 शुरू करने की मांग की जाएगी, क्योंकि एस-11 ग्रेड के कई कर्मी ऐसे हैं, जिन्हें 10 वर्षों से भी अधिक हो गया है, कोई पदोन्नति या क्रमोन्नति नहीं मिला है क्योंकि पदोन्नति /क्रमोन्नति के लिए कोई अतिरिक्त ग्रेड नहीं है।
39 माह का एरियर्स वैधानिक अधिकार
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नए मूल वेतन और डीए का 39 माह का एरियर्स कर्मियों का वैधानिक अधिकार है। एरियर्स को छोड़कर एनजेसीएस समझौता संपन्न नहीं हो सकता है।
पर्क्स के मुद्दे पर भेदभाव स्वीकार नहीं
पर्क्स के मुद्दे पर किसी भी स्थिति में अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच कोई भेदभाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा और जिस तरह से अधिकारियों को पर्क्स का एरियर दिया गया है उसी तर्ज पर कर्मियों को भी पर्क्स का एरियर दिया जाए। ज्ञात हो कि कर्मचारियों को 6% पर पहले से ही मिल रहा था। अधिकारियों को जिस तरह देय तिथि से पुराने पर्क्स और नए पर्क्स के अंतर की राशि का एरियर्स दिया गया है, उसी तरह कर्मचारियों को भी 6% पर्क्स और नए पर्क्स के अंतर की राशि का एरियर्स दिया जाए।
मैनपावर कमी पहुंच चुकी है खतरनाक स्थिति में
खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी मैनपावर की कमी को भी एनजेसीएस में मजबूती से उठाया जाएगा। कई इकाइयों से इस तरह की रिपोर्ट आई है की वर्क्स एरिया के निरंतर उत्पादन प्रक्रिया वाले कई विभाग ऐसे हैं जहां सभी प्रचालन प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए भी मेन पावर नहीं है जिसके कारण बिना किसी के निगरानी के उत्पादन चल रहा है जो अत्यंत खतरनाक है।