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SAIL BSP Accident: भिलाई स्टील प्लांट में मालगाड़ी के दो वैगन बंकर में गिरे, लाखों का नुकसान

SAIL BSP Accident: भिलाई स्टील प्लांट में मालगाड़ी के दो वैगन बंकर में गिरे, लाखों का नुकसान
  • मालगाड़ी के दो वैगन बंकर में गिर गए हैं। आरएमपी-1 के बंकर 83 का मामला है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) के भिलाई स्टील प्लांट से अच्छी खबर नहीं आ रही है। लगातार हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा है। एक और हादसा हो गया है। मालगाड़ी के दो वैगन बंकर में गिर गए हैं। आरएमपी-1 के बंकर 83 का मामला है। हादसे की वजह से उत्पादन पर भी असर पड़ना शुरू हो गया है। अफरा-तफरी का माहौल है। प्रबंधन ने एक्शन लेते कइयों पर कार्रवाई कर दिया है। बताया रहा है कि ठेका एजेंसी कार्रवाई के जद में आ गई है।

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भिलाई स्टील प्लांट में कोयले की मालगाड़ी को खाली करने के बाद उसे रॉ-मेटेरियल डिपार्टमेंट ने मेमो देकर वहां से हटाने को कहा। हॉपर में कोल को खाली करने के बाद जैसे ही मालगाड़ी आगे बढ़ी, उसी समय दो वैगन बेपटरी हो गए और बंकर में गिर गए। रेलवे ट्रैक की साफ-सफाई न होने की वजह से इस तरह का हादसा हुआ है। जानकार लोगों का कहना है कि लगातार कोताही बरतने की वजह से इस तरह का हादसा हुआ है।

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पटरी पर कोयले गिरे रहते हैं, जिसकी सफाई की जाती है ताकि ट्रैक खाली रहे। लेकिन साफ-सफाई न होने की वजह से हादसा हो गया। कोयला की वजह से वैगन बेपटरी हो गया।

डैमरेज बचाने के लिए तमाम मापदंड को अपनाए जाते हैं। बावजूद, इस तरह की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। बता दें कि पिछले दिनों ट्रांसपोर्ट एंड डीजल डिपार्टमेंट-टीएंडडी में पिछले मंगलवार को मालगाड़ी और ट्रक में टक्कर हो गई थी।

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ट्रक चालक ने लापरवाही बरती थी। सामने से गुजर रही मालगाड़ी को सीधी टक्कर मारी थी, जिसके चलते ट्रक पलट गया था। यह मामला शांत भी नहीं हो सका था कि एक और मामला सामने आ गया है। वहीं, सेफ्टी को लेकर हर तरफ से सवाल उठाए जा रहे हैं। असुरक्षित कामकाज को लेकर कर्मचारियों की तरफ से गंभीर आरोप तक प्रबंधन पर लगाए गए हैं। जिम्मेदारों पर सीधी कार्रवाई के बजाय किसी अन्य को बली का बकरा बना दिया जाता है।

खास बात यह है कि चार-चार जीएम के बावजूद एक सलाहकार तक टीएंडडी में हैं, बावजूद हादसों पर कोई लगाम नहीं है। ऐसे में सलाहकार के रखने औचित्य पर सवाल उठाया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि डैमरेज चार्ज को बचाने के लिए सुरक्षा के तमाम मापदंडों को ताक पर रख दिया जाता है, जिसकी वजह से आयेदिन हादसे हो रहे हैं। नियमित और ठेका मजदूरों पर दबाव बनाकर काम लिया जा रहा है।