मोजाम्बिक की धरती से सेल, कोल इंडिया, एनटीपीसी, आरआइएनएल और एनएमडीसी निकालेगा हर साल 8 एमटी और कोयला
वर्तमान में दो मिलियन टन मोजाबिक से कोकिंग कोल आ रहा है। इसे बढ़ाकर पहले चरण में चार एमटी और फिर दस एमटी का प्लान है।
अज़मत अली, भिलाई। भारत के स्टील प्लांट और थर्मल पॉवर को भरपूर विदेशी कोयला मिलता रहे, इसके लिए अफ्रीकी देश मोजाम्बिक की धरती पर कोयला खनन बढ़ाया जाएगा। ग्रीन फील्ड एरिया ज़ामबीज़ी माइंस को लेकर कवायद तेज हो गई है। बोर्ड मीटिंग से पास होते ही ग्लोबल टेंडर निकाल दिया जाएगा। यहां सालाना आठ एमटी उत्पादन का लक्ष्य है। इस तरह मोजाम्बिक से आने वाले कोयला का ग्राफ दो एमटी से बढ़कर 10 एमटी हो जाएगा। इस कोयले से सेल, कोल इंडिया, एनटीपीसी, आरआइएनएल और एनएमडीसी को आर्थिक रूप से लाभ होगा। फिलहाल, मोजाम्बिक की डी-बेंगा खदान में कोयले का खनन हो रहा है।
हेड ऑफ माइनिंग ऑपरेशन वीबी सिंह के मुताबिक अभी दो मिलियन टन मोजाबिक से कोकिंग कोल आ रहा है। इसे बढ़ाकर पहले चरण में चार एमटी और फिर दस एमटी का प्लान है। आरआइएनएल और सेल के सभी प्लांट में मोजाम्बिक का कोयला खप रहा है। आरआइएनलए में कोकिंग और थर्मल कोक यूज होता है। मोजाम्बिक में उत्पादन बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ज़ामबीज़ी में खनन बढ़ते ही सेल को भरपूर कोकिंक कोक मिल सकेगा। साथ ही उत्पादन लागत भी नियंत्रित हो सकेगी।
फिलहाल, बेंगा माइंस में खनन किया जा रहा है। यहां कोयला का खनन करने के बाद उसे 600 किलोमीटर की रेललाइन के माध्यम से बेरा पोर्ट लाया जाता है। बेरा बंदरगाह पर शिप में 40 हजार टन कोक को लोड किया जाता है। एक माह में पांच शिप लोड किया गया है। इसके बाद शिप भारत में वाइजैग और हल्दिया-कोलकाता में लाया जाता है। यहां से ट्रेन के माध्यम से भिलाई स्टील प्लांट, बोकारो, राउरकेला आदि प्लांटों तक पहुंचाया जाता है। बताया जा रहा है कि मोजाम्बिक में करीब 120 डालर प्रति टन में प्रोडक्शन कर लेते हैं। वहीं, दूसरी खदानों का रेट 400 डालर से अधिक है। कोकिंक कोल का अधिकतम रेट 600 डालर तक गया थ। कोकिंग कोल स्टील बनाने मे इस्तेमाल होता है।
पांच कंपनियों का ज्वाइंट वेंचर्स
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया-सेल, एनएमडीसी, एनटीपीसी, कोल इंडिया और आरआइएनएल का ज्वाइंट वेंचर्स इंटरनेशनल कोल वेंचर्स लिमिटेड-आइसीवीएल मोजाम्बिक में है। सबसे अधिक शेयर सेल का है और सब कम एनटीपीसी का। हेड ऑफ माइनिंग ऑपरेशन की जिम्मेदारी सेल के जीएम वीबी सिंह निभा रहे हैं, जो जून में रिटायर होने वाले हैं। इनके स्थान पर सेल से जल्द ही किसी एक अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाएगी। सेल का प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर है। मार्च 2022 में सर्वाधिक उत्पादन और डिस्पैच का रिकॉर्ड भी बना और करोड़ों का राजस्व भी हासिल किया।
जानिए किस कंपनी का कितना शेयर
47.83%: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)
25.94 %: राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL)
25.94%: नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड
0.19%: कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
0.1%: एनटीपीसी लिमिटेड