15 साल में सेल में बढ़ी 137% लेबर प्रोडक्टिविटी, इकाइयों में बर्नपुर सबसे छोटी, लेकिन आंकड़े में टॉप पर, बोकारो दूसरे, बीएसपी तीसरे, राउरकेला चौथे और दुर्गापुर 5वें स्थान पर
साल 2006-07 में सेल की लेबर प्रोडक्टिविटी 200 टन प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष थी। पिछले 15 साल में में 137% का इजाफा हुआ है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के लेबर प्रोडक्टिविटी में इस्को बर्नपुर टॉप पर है। प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष क्रड स्टील प्रोडक्शन के आंकड़े में सेल की सभी बड़ी इकाइयां पीछे हैं। सबसे बड़ी इकाई भिलाई स्टील प्लांट तीसरे स्थान पर है।
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सेल के लेबर प्रोडक्टिविटी की बात की जाए तो प्रति कर्मचारी 474 है। इकाइयों के रेस में इस्को बर्नपुर-560, बोकारो-534, बीएसपी-468, राउरकेला-458 और दुर्गापुर स्टील प्लांट-378 टन प्रति वर्ष प्रति कर्मचारी है।
बता दें कि सेल में 62 हजार कर्मचारी हैं। लेकिन लेबर प्रोडक्टिविटी वर्क्स एरिया में कार्यरत कर्मचारियों के आंकड़े से निकाला जाता है। इसमें अवकाश को शामिल नहीं करते हैं। इस्को बर्नपुर के टॉप पर होने की सबसे बड़ी वजह उसका ब्लास्ट फर्नेस कल्याणी है। 10 हजार टन से अधिक इस्पात उत्पादन करने की वजह से लेबर प्रोडक्टिविटी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं, दो साल पहले तक नंबर-1 रहने वाला भिलाई स्टील प्लांट पिछड़ता गया।
बीएसपी का आंकड़ा 500 टन प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष का रहता था, लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा 468 पर आकर थम गया है। इसी तरह राउरकेला स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस-5 दुर्गापुर ने लेबर प्रोडक्टिविटी की दर को काफी हद तक स्थिर करके रखा हुआ है। बता दें कि साल 2006-07 में सेल की लेबर प्रोडक्टिविटी 200 टन प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष थी। पिछले 15 साल में में 137% का इजाफा हुआ है। 200 का आंकड़ा बढ़कर 474 टन तक पहुंच चुका है। वहीं, लगातार कर्मचारियों की संख्या भी कम होती जा रही है।
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लेबर प्रोडक्टिविटी-2021-22
सेल-474
इस्को बर्नपुर-560
बोकारो स्टील प्लांट-534
भिलाई स्टील प्लांट-468
राउरकेला स्टील प्लांट-458
दुर्गापुर स्टील प्लांट-378