सेल अधिकारियों को 2018-19 में 5% के बजाय 3% मिला था पीआरपी, 66 करोड़ बकाया लेने की कवायद शुरू

सभी इकाइयों में सीजीएम की वेकेंसी बढ़ाने। ई-7 व ई-8 के प्रमोशन में फास्ट ट्रैक प्रमोशन को दरकिनार करते हुए केवल 5 साल या उससे अधिक पूर्ण करने वाले अधिकारियों को ही प्रमोट करने की मांग।

अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के अधिकारियों ने एक और बकाया वसूली की तरफ कदम बढ़ा दिया है। वित्तीय वर्षीय का रिजल्ट आने के बाद सेल के अधिकारियों ने बारी-बारी से हर बकाया वसूली पर जोर लगा दिया है। साल 2018-19 में पीआरपी मद में अधिकारियों को तीन प्रतिशत ही राशि दी गई थी। अधिकारियों का कहना है कि पांच प्रतिशत का हक है। मुनाफा कमाकर कंपनी को दिया है। इसलिए उस मुनाफे का बचा हुआ दो प्रतिशत और भुगतान किया जाए। पीआरपी मद में उस वक्त 99 करोड़ ही दिया गया था, जबकि 165 करोड़ रुपए बंटना था। पीआरपी मद में 66 करोड़ कम बंटा था, जिसे लेने की कवायद शुरू कर दी गई है।

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स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी के चेयरमैन व बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 का इन्क्रीमेंटल पीआरपी पाने का हक अधिकारी वर्ग को है। डीपीई की गाइडलाइन पर अमल करने का वक्त आ गया है। डीपीई का नियम है कि अगर किसी एक वर्ष के प्रॉफिट से दूसरे वर्ष का प्राफिट कम होता है तो ऐसी स्थिति में पीआरपी तीन प्रतिशत दी जाएगी। साल 2017-18 में सेल माइनस 758 करोड़ में था। 2018-19 में 3338 करोड़ का प्रॉफिट हुआ। माइनस से जीरो पर आए और फिर प्रॉफिट किया। बावजूद, इस्पात मंत्रालय ने तीन प्रतिशत ही पीआरपी देने की अनुमति दी। जबकि प्रॉफिट में आने पर पांच प्रतिशत पीआरपी का हक मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए दो प्रतिशत बकाया पीआरपी की मांग की जा रही है।

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इसके लिए इस्पात मंत्रालय से रिव्यू करने की मांग की गई है। चार हजार से ज्यादा प्रॉफिट करने के बाद भी तीन प्रतिशत ही पीआरपी मिला। इस मद में 99 करोड़ ही बंटा था, जबकि 165 करोड़ बंटना था। पीआरपी मद में 66 करोड़ कम बंटा था। इसी राशि की मांग की जा रही है। इस्पात मंत्री, सेक्रेटरी तक गुहार लगाई है। इस पर मंत्रालय में मीटिंग होने की उम्मीद है।

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ओए काउंसिल मीटिंग में अध्यक्ष सेफी व ओए-बीएसपी नरेन्द्र कुमार बंछोर ने पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई सेल प्रबंधन से सेफी पदाधिकारियों की बैठक की विस्तृत जानकारी काउंसिल के समक्ष रखी। सेल प्रबंधन ने सभी विषयों पर चर्चा की एवं अधिकतर विषयों पर सकारात्मक आश्वासन दिया। सेफी अध्यक्ष ने आशा जताई कि लंबे समय से अपेक्षित पे-फिक्सेशन का उचित समाधान शीघ्र ही हो जाएगा। इस विषय पर सेल अध्यक्ष सोमा मण्डल से व्यक्तिगत चर्चा हुई है एवं कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) कारपोरेट आफिस ने सेफी पदाधिकारियों के साथ जेओ पे-फिक्सेशन के सभी बिन्दूओं पर विस्तृत चर्चा की। इस मुद्दे का शीघ्र समाधान का अनुमोदन कुछ दिनों में किया जाएगा। सेफी पदाधिकारियों ने सेल अध्यक्ष सोमा मण्डल, निदेशक वाणिज्यिकी वीएस. चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त) एके. तुलसीयानी, कार्यपालक निदेशक पीएंडए समीर स्वरूप आदि से उनके कार्यालयों में चर्चा की।

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जानिए अधिकारियों के किन मुद्दों पर चर्चा हुई…

-जूनियर अधिकारी 2008 व 2010 बैच का पे-फिक्सेशन।
-ई-3 से ई-4 ग्रेड प्रमोशन में 100 प्रतिशत कवरेज।
-सभी इकाइयों में सीजीएम की वेकेंसी बढ़ाने।
-ई-7 व ई-8 के प्रमोशन में फास्ट ट्रैक प्रमोशन को दरकिनार करते हुए केवल 5 साल या उससे अधिक पूर्ण करने वाले अधिकारियों को ही प्रमोट करना।
-सेल मेडिक्लेम पालिसी में सुविधाओं में विस्तार।
-वित्त वर्ष 2018-19 का इन्क्रीमेंटल पीआरपी का भुगतान।
-सेल पेंशन योजना में 9 प्रतिशत की दर से मासिक/त्रैमासिक भुगतान एनपीएस में, सेल पेंशन के कार्पस पर 01.01.2007 से ब्याज का भुगतान एन.पी.एस. में।
-सेल के सभी इकाइयों में समान एचआरए पालिसी लागू किया जाना है।
-प्रमोशन पालिसी में संशोधन, 39 महीने का एरियर्स 01.01.2017 से।
-जूनियर अधिकारी 2018 बैच को नोशनल सिनियारिटी।
-सेल का टर्नओवर एक लाख से अधिक होने के अवसर पर सभी कार्मिकों को स्पेशल गिफ्ट प्रदान करने की मांग की।
-विनिवेश के स्थान पर स्टील क्षेत्र सार्वजनिक उपक्रमों का रणनीतिक विलय।
-ग्रेज्यूटी का भुगतान जनवरी 2017 से फरवरी 2018 के मध्य सेवानिवृत्त अधिकारियों को करने।
-एक माह के भीतर सेल-सेफी मीटिंग करने के लिए।

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