SAIL RFID: बोकारो स्टील प्लांट के खिलाफ DLC धनबाद में परिवाद दायर, मामला अब उलझा

  • यूनियन नेताओं का कहना है कि अब उपमुख्य श्रमायूक्त के यहां सुनवाई होने पर प्रबंधन को आरएफआईडी लगाने के लिए कारण बताना होगा कि इससे क्या उपयोगिता है।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल (SAIL) के सभी प्लांट में आरएफआइडी (RFID) को लेकर कवायद चल रही है। बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन ने इसे अनिवार्य कर दिया है। साथ ही विवाद भी शुरू हो गया है।

ये खबर भी पढ़ें :Chhattisgarh Election News: भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू और PCC चीफ दीपक बैज सहित ये दिग्गज लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ बोकारो का कहना है कि एक तरफा तरीके से बायोमेट्रिक अटेंडेस प्रणाली (Biometric Attendance System) लागू करने के विरुद्ध औद्योगिक परीवाद दायर किया है।

ये खबर भी पढ़ें :Big News: छत्तीसगढ़ में इन नए सब्जेक्ट में शुरू होगी पढ़ाई, शिक्षा मंत्री का आया बड़ा बयान

इसके लिए बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन को पार्टी बनाया गया है। आरएफआईडी सिस्टम को लगाने में खर्च हुए पैसे पर जब ऑडिटर ने सवाल किया तो उस पैसे की उपयोगिता दिखाने के लिए प्रबंधन ने बगैर श्रमिक यूनियनों की सहमती का ही एक तरफा तरीके से कर्मचारियों के ऊपर जबरदस्ती थोप दिया।

ये खबर भी पढ़ें :Big News: छत्तीसगढ़ में इन नए सब्जेक्ट में शुरू होगी पढ़ाई, शिक्षा मंत्री का आया बड़ा बयान

वहीं, कर्मचारी यूनियनों की बगैर सहमती से कोई भी नई व्यवस्था कोई भी प्रबंधन लागू ही नहीं कर सकती है। 2012 के वेज रीविजन में किए गए समझौते की अवधि 31 दिसम्बर 2016 को ही खत्म हो गई है। अभी तक 2017 वेतन समझौते का एमओए नहीं हुआ है। जब तक वेतन समझौते का एमओए नहीं होता है तथा वेज रीविजन के अधूरे मुद्दों का समाधान नहीं होता है, तब तक एक तरफा तरीके से लागू किसी भी सिस्टम को न तो यूनियन मानेगी तथा न ही कर्मचारी मानेंगे।

ये खबर भी पढ़ें :International Women’s Day 2024: BSP की महिला कर्मचारियों-अधिकारियों का कार्यस्थल पर ही सम्मान करेगा BMS

कर्मियों से 30 मिनट अतिरिक्त कार्य 

यूनियन नेताओं का कहना है कि अब उपमुख्य श्रमायूक्त के यहां सुनवाई होने पर प्रबंधन को आरएफआईडी (RFID) लगाने के लिए कारण बताना होगा कि इससे क्या उपयोगिता है।

दूसरी तरफ सामान्य पाली में कार्यरत कर्मियों से 30 मिनट अतिरिक्त कार्य लेने का भी सर्कुलर में जिक्र किया गया है। जब श्रम कानूनों में आठ घंटे कार्य लेने का जिक्र है तो बीएसएल प्रबंधन आठ घंटे तीस मिनट कार्य ले रहा है। इसकी शिकायत भी डीएलसी से किया गया है।

ये खबर भी पढ़ें :BSP की जमीन पर खुलेगा CGHS सेंटर-दवाखाना, कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और आश्रित परिवार का ऐसे होगा इलाज

मशीनों में करोड़ों रुपया क्यों लगाया गया

एक तरफ बीएसएल में 8400 कर्मचारी पर 1800 अधिकारी है। वहीं, गेट पर सीआईएसएफ (CISF) का पहरा अलग से है। अधिकारी अक्षम हैं, जिसके कारण उपस्थिति जांचने के लिए मशीनों की जरूरत पड़ रही है। या बगैर किसी उपयोगिता का ही मशीनों पर करोड़ों रुपया खर्च किया गया है।

ये खबर भी पढ़ें :ये खबर भी पढ़ें :बोकारो स्टील प्लांट के मजदूर उतरे सड़क पर, टेबल के नीचे से लेनदेन पर दहाड़े राजेंद्र सिंह, देखिए वीडियो

वहीं, जब गेट पर सीआईएसएफ द्वारा बगैर आउटपास का छोड़ा ही नहीं जाता है तो फिर सिर्फ उपस्थिति जांचने के लिए मशीनों में करोड़ों रुपया क्यों लगाया गया? वहीं, 1800 अधिकारी की भूमिका प्रबंधन की है तो फिर आगे अधिकारी वर्ग का प्रबंधन में क्या रोल रहेगा? ऑडिटर द्वारा मशीनों पर किए गए खर्च की उपयोगिता पर जब सवाल उठाया गया तो आनन-फानन मे आरएफआईडी को लागू कर दिया गया।
-हरिओम-अध्यक्ष, बीएकेएस बोकारो

ये खबर भी पढ़ें :सरकार, EPFO ने स्पष्ट कर दिया-एक भी मांग EPS 95 के प्रावधान में है ही नहीं, पूरी कैसे हो!