Save FSNL: हाथों में चिराग लेकर सड़क पर उतरे बीएसपी के भी अधिकारी-कर्मचारी, सरकार एफएसएनएल को बेचे नहीं सेल में करे मर्ज

फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड-एफएसएनएल को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों को देंगे पत्र। सरकार पर दबाव बनाने की होगी मांग।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। एफएसएनएल को बचाने की जंग में हर कोई शामिल होने को बेताब है। फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड-एफएसएनएल के कर्मचारी और अधिकारी एक मंच पर आ चुके हैं। इनका साथ भिलाई स्टील प्लांट के अधिकारी, कर्मचारी दे रहे हैं। डिप्लोमा इंजीनियर्स के साथ ठेका मजदूर भी खुलकर सामने आ चुके हैं। भिलाई में एफएसएनएल को बचाने की मुहिम को लेकर अधिकारियों-कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए कैंडिल मार्च निकाला। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के प्रगति भवन से हाथों में कैंडिल और बैनर लिए कार्मिक सड़क पर उतरे। सरकार से सेल में मर्ज करने की मांग की ताकि कंपनी को बचाया जा सके। निजी हाथों में बेचने के बजाय मर्ज का सुझाव दिया गया है।

मंगलवार को एफएसएनएल मुख्यालय के सामने गेट मीटिंग हो चुकी है। अब गुरुवार को कैंडिल मार्च निकाला गया। एफएसएनएल को सेल में मर्ज करने की मांग की जा रही है। सार्वजनिक इस्पात उपक्रमों का विनिवेश की जगह रणनीतिक विलय कराने के लिए राजनीतिक दलों पर भी दबाव डाला जाएगा। यह भी फैसला लिया गया कि छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों को भिलाई इस्पात बिरादरी की ओर से इसके लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा।

संयुक्त मंच से सेफी अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर, ओए-एफएसएनएल अध्यक्ष सतेन्द्र कुमार झा, छगनलाल नागवंशी, सीटू महासचिव एसपी.डे, एटक के महासचिव विनोद कुमार सोनी, एफएसएनएल श्रमिक संगठन से मो. असलम, हरिप्रताप तोमर, घनश्याम सोनी, केके. उपाध्याय, एसआरयू-ओए के अध्यक्ष आर.सी. भोई, ओए-बीएसपी के महासचिव परविंदर सिंह, कोषाध्यक्ष अंकुर मिश्र, उपाध्यक्ष निखिल पेठे, सचिव रेमी थॉमस, अखिलेश मिश्रा, सेफी सदस्य श्रीनिवास, एफएसएनएल-ओए के उपाध्यक्ष के. गिरीश कुमार, सचिव दीपक तोमर आदि मौजूद रहे।

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ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार से गुहार लगाई जा रही है कि सार्वजनिक संपत्तियों काे बेचने से रोका जाए। लेकिन सरकार, मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को ही बेच रही है। वर्तमान में फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड को छत्तीसगढ़ के एनएमडीसी नगरनार स्टील प्लांट में 270 करोड़ रुपए का कार्य मिला है, जिसका प्रारंभ आगामी माह में प्रस्तावित है, जिसमे सैकड़ों स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार का मौका मिलेगा। वर्तमान में फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड में विभिन्न इकाईयों में लगभग 600 स्थायी एवं 3000 अस्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं।
सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उपक्रमों के अधिकारियों का एपेक्स संगठन सेफी प्रारंभ से ही सार्वजनिक उपक्रमों के अंधाधुंध निजीकरण एवं विनिवेश के स्थान पर, पुर्नगठन तथा रणनीतिक समायोजन पर जोर देता रहा है।

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सेफी ने नई दिल्ली में 4.04.2021 को आयोजित सेफी काउंसिल की बैठक में इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विलय हेतु संकल्प पारित किया था। जिससे सेफी से संबद्ध इस्पात मंत्रालय के अधीन उपक्रम आरआईएनएल, सेल, नगरनार इस्पात संयंत्र, एनएमडसी, मेकॉन आदि का रणनीतिक विलय कर इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत एक मेगा स्टील पीएसयू का गठन किया जा सके। सेफी के संकल्प को आधार बनाकर 15.12.2021 को लोकसभा में इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विलय के विषय पर चर्चा की गई।

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जानिए जेपी शुक्ला समिति अनुशंसा रिपोर्ट

जेपी शुक्ला समिति ने फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड के विभिन्न इकाईयों का साइट निरीक्षण और सुक्ष्म एवं गहन अध्ययन के उपरांत यह अनुशंसा किया कि फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड को सेल का सब्सिडरी कंपनी बनाया जाए या फिर सेल आरआईएनएल एवं एमएसटीसी लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम बनाया जाए, जिसमे सेल मेजारिटी शेयरधारक हो।

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