हर माह होने वाली इन्वेस्टमेंट मीटिंग में पांचों यूनियन के मैनेजिंग ट्रस्टी में से रोटेशन में हर माह 2 ट्रस्टी सदस्यों को बुलाने का निर्णय लिया गया।
अज़मत अली, भिलाई। सेल इम्प्लाइ सुपर एन्युएशन बेनीफिशिएशन फंड (एसईएसबीएफ- SESBF) की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को कोलकाता में हुई। पूर्व कर्मचारियों और अधिकारियों के अनक्लेम एमाउंट को लेकर बड़ा फैसला ले लिया गया है।
SAIL भिलाई स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट को छोड़कर शेष सभी प्लांट और इकाइयों के करीब 13 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों ने SESBF की रकम अब तक नहीं लिया है। अनक्लेम राशि करीब 138 करोड़ रुपए बताई जा रही है। बीएसपी, डीएसपी और आइएसपी का आंकड़ा आने के बाद यह संख्या करीब 200 करोड़ तक पहुंच सकती है। अनक्लेम राशि में नए कर्मचारी नौकरी छोड़कर जाने वाले, टर्मिनेट, सस्पेंड होने वाले भी शामिल हैं।
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बैठक में यह भी तय किया गया है कि सभी प्लांट, सीपीएफ ट्रस्ट, आफिसर्स एसोसिएशन, ट्रेड यूनियन के जिम्मेदार प्रबंधन के साथ मिलकर जागरुकता अभियान चलाएंगे। पूर्व कार्मिकों, उनके परिवार तक संपर्क करेंगे ताकि वह इस राशि को ले सकें।
कर्मचारियों और अधिकारियों के पैसे को सुरक्षित रखने की गारंटी तय की गई है। SESBF ट्रस्ट की बैठक में पिछली बैठक का कार्यवृत्त पारित करने के बाद अकाउंट पर चर्चा पश्चात अकाउंट पारित किया गया। यूपी में फंसे हुए 50 लाख रुपए वापस लाने के लिए क्लेम करने का निर्णय लिया गया।
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हर माह होने वाली इन्वेस्टमेंट मीटिंग में पांचों यूनियन के मैनेजिंग ट्रस्टी में से रोटेशन में हर माह 2 ट्रस्टी सदस्यों को बुलाने का निर्णय लिया गया। SESBF के अनक्लेम खातों का समाधान करने के लिए संयंत्र स्तर पर बैठक करने, इन खातों को सेटल करने के लिए विभिन्न माध्यमों का सहारा लेने का निर्णय लिया गया।
मीटिंग में तय किया गया है कि SESBF का सैलरी का स्लिप दिया जाएगा। इससे दो साल का आंकड़ा कार्मिकों को मिल सकेगा। जुलाई के बाद तय होगा कि रिटायर के बाद ब्याज दर क्या दिया जाएगा, यह तय हो जाएगा।
वहीं, इंवेस्टमेंट को लेकर भी चर्चा की गई। सदस्यों ने कहा कि प्राइवेट कंपनियों में इंवेस्टमेंट नहीं किया जाएगा। जनता का पैसा है, इसलिए कोई रिक्स नहीं लिया जाएगा। 7 जुलाई को मैनेजिंग ट्रस्ट की मीटिंग दिल्ली में है। 19 अगस्त में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी कोलकाता में है।
जानिए क्या होता है अनक्लेम्ड खाते का मतलब
संयंत्र में नौकरी के दौरान व्यवस्था के तहत कर्मियों के मासिक वेतन से निर्धारित पैसा काटकर सीपीएफ, एसईएसबीएफ, पीपीएफ जैसे मदों में जमा किया जाता है। यह पैसा कर्मियों को किसी भी माध्यम से तरीके से सेवा पृथक होने पर अर्थात सेवानिवृत्त होने पर, मृत्यु होने पर, नौकरी छोड़ देने पर, वॉलिंटियर रिटायरमेंट लेने पर आदि पर कर्मी अथवा उनके द्वारा नामित सदस्य द्वारा आवेदन करने पर उक्त रकम दिया जाता है।
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किसी कारणवश कर्मी अथवा उनके नामित सदस्य द्वारा आवेदन नहीं करने पर यहां पर ऐसा जमा किए हुए सप्ताह में ही पड़ा रहता है। इस पैसे को अनक्लेमड पैसा कहते हैं और इन खातों को अनक्लेमड खाते कहे जाते हैं। एक ही कर्मी के दो पत्नियां अथवा नामित सदस्य अथवा सदस्यों द्वारा हिस्से को लेकर कानूनी अड़चन करने पर भी किसी नतीजे पर पहुंचने तक यह अनक्लेमड रकम रह जाता हैं।
मीटिंग में ये रहे शामिल
प्रबंधन की तरफ से एसईएसबीएफ के चेयरमैन ईडी फाइनेंस प्रवीण निगम, मानस रंजन रथ, बीएसपी के ईडी फाइनेंस एके पंडा, एसजी माथुर, स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी एवं बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर, एके सिंह, अरुप मुखर्जी, एटक से विनोद कुमार सोनी, उत्पल कुमार सिन्हा, इंटक से बीएन चौबे, हरजित सिंह, एचएमएस से राजेंद्र सिंह, संजय वढावकर, सुकांता रक्षित, सीटू से काली सान्याल, डीवीएस रेड्डी, सीमांतो चटर्जी आदि शामिल हुए।
















