Social Media Comments: तो क्या कंपनी को सेल प्रबंधन समझता है बाप की जागीर…

कर्मचारियों का कहना है कि पर्क्स, एरियर, पदनाम आदि विषयों पर प्रबंधन अधिकारी वर्ग को सारी सुविधा देता है, वहीं कर्मचारियों को उपेक्षित कर रहा।


सूचनजी न्यूज, भिलाई। सेल प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच खाई बढ़ती जा रही है। इसकी झलक आपको सोशल मीडिया पर दिख जाएगी। कर्मचारियों के दुखड़े को साझा करने का मंच सोशल मीडिया बना हुआ है। फेसबुक, वाट्सएप और टेलीग्राफ जहां भी आप जाएं, कर्मचारियों के तीखे बाण प्रबंधन पर चलते दिखेंगे। प्रबंधन पर निकलने वाले भड़ास को अधिकारी वर्ग भी पढ़ते हैं, लेकिन खामोशी एख्तियार किए रहते हैं, क्योंकि कहीं न कहीं प्रबंधन की चूक है, जिसकी वजह से कर्मचारी वर्ग भड़ास निकाल रहा है।

रविवार को सोशल मीडिया पर सेल कर्मचारियों की तरफ से किए गए कुछ पोस्ट का पोस्टमार्टम सूचनाजी.कॉम कर रहा है। एक कर्मचारी ने तल्ख शब्दों में सेल प्रबंधन को आड़े हाथ लिखा। कर्मचारी के शब्दों को हू-ब-हू आप भी पढ़ें। ‘आज सेल कंपनी को सेल प्रबंधन अपने बाप की जागीर समझता है…। और कंपनी का बलात्कार करने की हर अंतिम प्रयास कर रहा, जो निकृष्ट से निकृष्ट क्यों न हो। और इसका लाइसेंस कहें या मौन स्वीकृति सरकार ने दे रखी है। कैबिनेट ने स्टील मिनिस्टर की सहमति से सेलकर्मियों का सेल प्रबंधन ने यनियनों को साथ लेकर संयुक्त रूप से 13% एमजीबी, 26.5 पर्क्स और 6%पेंशन, 2012 से बिना पर्क्स एरियर और 39 महीने का बेसिक हड़पने की खुल्लम खुल्ला जुर्रत की है। जबकि एक ही कंपनी में एक रूल की दुहाई देते नहीं थकते थे। जग जाहिर है कि सेल प्रबंधन अपने कर्मचारियों का शोषण करने में पीएचडी की उपाधि हासिल की हुई है।’

CGM और ED के पदों की संख्या बढ़ रही बेतहाशा

सरकार और सेल प्रबंधन को कोसने का सिलसिला आगे भी जारी रहा। एक कर्मचारी ने लिखा-‘इन दिनों SAIL में अधिकारियों की जिम्मेदारी और उन पर दबाव इतना ज्यादा बढ़ गया है कि CGM और ED के पदों की संख्या को बेतहाशा बढ़ाने की कवायद शुरू हो चुकी है। उदाहरण के तौर पर Hospital में जहां CMO के पद को ED में बदल दिया गया। CGM और ED के पद सृजित किए जा रहे हैं। इसका सीधा संबंध कंपनी के पैसों का अधिकतम बंदरबांट से है। Fund की कमी, कंपनी की माली हालत, इस्पात क्षेत्र में मंदी इत्यादि कारक तो सिर्फ गैर अधिकारियों को उनका वाजिब हक देने के दौरान देखा जाता है। इसका पतन भी उसी अंदाज में होगा, जब निजीकरण तेजी से SAIL को अपने चपेट में लेगी।’

कोई ऐसा नहीं, जो गाली देता नहीं

इधर-सोशल मीडिया पर गाली-गलौज होने के कारण बताते हुए एक कर्मी ने लिखा-‘आज कोई भी सेलकर्मी नहीं होगा, जिसके मन में सेल प्रबंधन के लिए सिर्फ और सिर्फ गाली ही न निकलती हो। ऐसी कोई कंपनी नहीं होगी, जिसके कर्मचारी अपने प्रबंधन से इस कद्र शोषित हुए होंगे। सेल प्रबंधन का बस चले तो सेलकर्मियो को सांस लेने में भी प्रतिबंध लगा दे।’

अपने लिए सारे नियम-कानून बनाता है सेल प्रबंधन

सेल प्रबंधन की नीतियों और कर्मचारियों के बकाया पर भड़ास निकालते हुए एक कर्मचारी ने मर्माहत होकर लिखा-‘प्रबंधन अपने लिए सारे नियम क़ानून को बना लेती है। पर्क्स का एरियर तक ले लिए। बिना किसी शर्त के 15/35/9 ले लिया…और लागू भी हो गया। और हम जहां थे, वहां से भी पीछे और पीछे हो गए है…। रोज नए-नए नियम लगा कर पैसे कटे जा रहे हैं। केवल इनको अपनी चिंता है। ये लोग दोनों हाथ से सेल को लूट रहे है। सेल के मालिक बन कर बैठे हुए हैं।’

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