- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)।
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई), प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम)।
- केन्द्रीय एवं राज्य स्तर की कल्याण योजनाओं की श्रृंखला के साथ जोड़ा जाए।
- जीवन बीमा, स्वास्थ्य लाभ, पेंशन, आवास, शिक्षा तथा अन्य लाभों के लिए सामाजिक सुरक्षा का कवरेज दिया जाए।
- मंत्रालय प्रवासी श्रमिकों, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों और बीड़ी/सिने/गैर-कोयला खदान श्रमिकों सहित असंगठित श्रमिकों का कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) की सचिव सुमिता डावरा ने आज नई दिल्ली में मंत्रालय के अधीन एक संगठन, श्रम कल्याण महानिदेशालय (Directorate General of Labour Welfare) (डीजीएलडब्ल्यू) द्वारा उठाए गए विभिन्न कल्याणकारी उपायों की प्रगति से संबंधित एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर डीजीएलडब्ल्यू और श्रम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इस बैठक में मौजूदा केन्द्रीय एवं राज्य योजनाओं के तहत प्रवासी श्रमिकों, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों (बीओसीडब्ल्यू) और बीड़ी/सिने/गैर-कोयला खदान श्रमिकों सहित असंगठित श्रमिकों के लाभ के लिए उठाए गए विभिन्न कल्याणकारी उपायों की समीक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
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असंगठित श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने पर ध्यान केन्द्रित करने की बात पर प्रकाश डालते हुए, श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव ने निर्देश दिया कि एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)/मैनुअल को दिशानिर्देशों के रूप में विकसित किया जाए, जिसमें असंगठित श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों को शामिल किया जाए।
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और उन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई), प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) आदि जैसी विभिन्न केन्द्रीय एवं राज्य स्तर की कल्याण योजनाओं की श्रृंखला के साथ जोड़ा जाए, जिसके तहत उन्हें जीवन बीमा, स्वास्थ्य लाभ, पेंशन, आवास, शिक्षा तथा अन्य लाभों के लिए सामाजिक सुरक्षा का कवरेज दिया जा सके।
हाल ही में शुभारंभ किए गए बीओसीडब्ल्यू प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पोर्टल (BOCW Management Information System Portal) के लाभों पर जोर देते हुए, श्रीमती डावरा ने कहा कि इसका उद्देश्य बीओसी श्रमिकों का कल्याण सुनिश्चित करना है और पोर्टल इसे पूरा करने के एक साधन के रूप में कार्य करता है। इस पोर्टल पर किए गए पंजीकरणों की प्रगति पर राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के साथ अनुवर्ती कार्रवाई और विभिन्न केन्द्रीय एवं राज्य स्तर की कल्याण योजनाओं तक श्रमिकों की पहुंच के लिए बीओसीडब्ल्यू उपकर के फंड उपयोग सहित श्रमिकों के विवरण को अद्यतन करने पर जोर दिया गया।
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श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव ने विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला
70 वर्ष और उससे अधिक आयु के बीड़ी/सिने/गैर-कोयला खदान श्रमिकों को आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के स्वास्थ्य संबंधी लाभों के तहत लाना।
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बीओसीडब्ल्यू उपकर निधि का उपयोग करके बीओसी श्रमिकों को विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु राज्य बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों के साथ काम करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण को मजबूत करना।
असंगठित श्रमिकों के लिए एकमुश्त समाधान के रूप में विभिन्न योजनाओं तक पहुंच को संभव करने के लिए मंत्रालय के ई-श्रम पोर्टल के साथ बीओसी श्रमिकों के डेटा के एकीकरण में तेजी लाने के लिए राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के साथ अनुवर्ती कार्रवाई।
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श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) की सचिव ने विभिन्न राज्यों में तैनात कल्याण आयुक्तों को राज्य सरकारों के साथ नियमित बातचीत करने का निर्देश दिया, जिसका अंतिम उद्देश्य अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों तक केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच का विस्तार करना है।
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मंत्रालय द्वारा राज्यों में तैनात श्रम कल्याण आयुक्तों के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम 21 से 22 अक्टूबर, 2024 तक उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित वी.वी. गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में उपरोक्त मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और उपयुक्त रणनीति विकसित की जाएगी।
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