हाउस, एजुकेशन और मेडिकल के लिए लीजिए सेल सीपीएफ टॉप-अप लोन, तीसरे दिन खाते में आएगा पैसा, 5 साल में 60 इंस्टॉलमेंट में करें जमा, बचें सूदखोरों से
पहले बचत लोन जमा करने के 1 महीने बाद नया लोन मिलता था, अब तीसरे दिन कर्मचारियों के लोन का खाते में पैसा पहुंच जाता है। और बेसिक व डीए के 6 गुना के बजाय 12 गुना कर दिया गया।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के करीब 80 प्रतिशत कर्मचारी लोन पर निर्भर हैं। अकेले भिलाई स्टील प्लांट के करीब 90 प्रतिशत कर्मचारी और अधिकारी सीपीएफ लोन का सहारा लिए हुए हैं। अक्सर कई कर्मचारी सूदखोरों के चंगुल में फंस जाते हैं। पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए सूदखारों की दर पर भटकते हैं। कर्मचारियों को अब सतर्क हो जाना चाहिए। परिवार का भविष्य संकट में न डालें।
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सेल के सीपीएफ टॉप-अप लोन का सहारा ले सकते हैं। एकमुश्त मोटी रकम ले सकते हैं। पांच साल में 60 इंस्टॉलमेंट में इसे अदा करना होगा। खास यह कि कर्मचारियों को पहले से लिए गए लोन की राशि को पूरी जमा करने की जरूरत नहीं। नया लोन लेते ही यह पुराने लोन के साथ समाहित हो जाएगा। इसके बाद दोनों लोन की राशि पर ब्याज की दर और इंस्टॉलमेंट तय हो जाएगा। इसकी रिकवरी आपके वेतन से होती रहेगी। इस तरह आप सूदखोरों के चंगुल से बच सकते हैं।
सेल के कर्मचारियों के लिए शुरू हुई योजना की खास बात यह है कि बचत लोन को जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। बचत लोन को नए लोन में ही समाहित कर दिया जाता है। पहले बचत लोन जमा करने के 1 महीने बाद नया लोन मिलता था, अब तुरंत तीसरे दिन कर्मचारियों के लोन का खाते में पैसा पहुंच जाता है। और बेसिक एवं डीए का 6 गुना के बजाय 12 गुना कर दिया गया।
कर्मचारियों को पहले से मिली अधिक सुविधा
सीपीएफ में टॉप-अप यानी टेम्प्रेरी लोन की व्यवस्था है, जिसकी रिकवरी की जाती है। पहले जब तक पूरा पैसा ब्याज सहित कट नहीं जाता, तब तक दूसरा लोन लेने का अधिकार नहीं था। नई व्यवस्था टॉप-अप की शुरू की गई। इसमें यह नियम है कि आपकी जितनी भी लोन की पात्रता है, उतना लोन मिल जाएगा। साथ ही पुराना लोन भी उसी में जोड़ दिया जाएगा। दोनों को मिलाने के बाद आपके लोन पर नए सिरे से रिकवरी शुरू होगी और मंथली इंस्टॉलमेंट फिक्स कर दिया जाएगा। अधिकतम पांच साल में 60 इंस्टॉलमेंट में अदा करना होगा। मूलधन पर ही ब्याज की दर तय है। कटौती के बाद जो राशि बचेगी, उसी पर ब्याज देना होगा।
सेल के कर्मचारियों को मिलता है दो तरह का लोन
भिलाई स्टील प्लांट का सीपीएफ ट्रस्ट दो तरह से कर्मचारियों और अधिकारियों को लोन देता है। पहला रिफंडेबल लोन यानी कर्ज की राशि ब्याज के साथ वापस करनी होती है। दूसरा नॉन रिफंडेबल लोन एनआरएल, जिसमें ट्रस्ट का सदस्य जमा राशि में से निर्धारित रकम लोन के रूप में ले सकता, लेकिन उसे वापस नहीं करना होता।
की इन जरूरतों को पूरा करें इस लोन से
एनआरएल की केटेगरी में ट्रस्ट अब तक प्लाट खरीदने, मकान बनाने, मकान मेंटेनेंस, शिक्षा, शादी-ब्याह, बीमारी के इलाज के लिए लोन देता रहा है। 75% और बेसिक व महंगाई भत्ता (डीए) में से जो कम होगा, उतनी राशि एनआरएल के रूप में ले सकता है।