39 माह का एरियर्स हक है भीख नहीं, सर्कुलर जारी कर नहीं कर सकते इसे खत्म…
39 माह के एरियर्स पर उठे प्रश्न पर सीटू पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि बेसिक व डीए के डिफरेंस को प्राप्त करना कर्मियों का वैधानिक अधिकार है। इस पर किसी भी प्रकार का टालमटोल सिरे से अस्वीकार्य है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सीटू की टीम इस्पात भवन के कर्मचारियों के बीच शनिवार को पहुंची। यह संयंत्र का वह विभाग है, जहां पर रूल्स, पर्सनल, विजिलेंस, लॉ, सीएंडआईटी, मार्केटिंग, एलएंडए, इनकॉस सहित संयंत्र को संचालित करने वाले लगभग सभी विभागों का मुख्यालय है। रूल्स एवं पर्सनल के सभी सर्कुलर यहीं से जारी होते हैं। ऐसे विभाग में कार्य करने वाले कर्मियों के बीच सीटू ने अपनी बातों को रखा। उनके द्वारा पूछे गए हर सवाल का जवाब दिया।
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ईमानदार-स्वच्छ छवि ही कर्मियों की प्राथमिकता-सीटू
सहायक महासचिव एसएसके पनिकर ने बताया कि इस्पात भवन भ्रमण के दौरान कर्मियों ने ईमानदार एवं स्पष्टवादी श्रम संगठन सीटू के प्रति अपने संपूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि चुनावी माहौल को देखते हुए कुछ यूनियनें प्रतिदिन नए-नए जुमले ला कर संयंत्र कर्मियों की समझदारी पर प्रश्न खड़ा करना चाहते हैं, उन यूनियनों को यह समझना चाहिए कि काठ की हांडी का बार-बार उपयोग नहीं किया जा सकता है।
39 माह का एरियर्स वैधानिक अधिकार है कर्मियों का
39 माह के एरियर्स पर उठे प्रश्न पर सीटू पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि बेसिक व डीए के डिफरेंस को प्राप्त करना कर्मियों का वैधानिक अधिकार है। इस पर किसी भी प्रकार का टालमटोल सिरे से अस्वीकार्य है। प्रबंधन इस पैसे को नहीं देने के लिए तरह-तरह के तर्क दे रहा है। इस्पात मंत्रालय से भी जारी हुए सर्कुलर में इस बात को दर्ज किया गया कि 39 महीने का एरियर देने की आवश्यकता नहीं है, किंतु सीटू की समझ स्पष्ट है कि यह हक का पैसा है। इसलिए कोई सर्कुलर जारी करके खत्म नहीं किया जा सकता है।