धमाका रायगढ़ के जिंदल प्लांट में नहीं, गुजरात के वड़ोदरा में हुआ था 2 जून को, फेक वायरल वीडियो-फोटो से बचें
अज़मत अली, भिलाई। रविवार दिन में अचानक हर किसी के मोबाइल में एक हादसे का वीडियो और फोटोग्राफ तेजी से पहुंचा। इसे शेयर करने वाले भी कम नहीं थे। कई वाट्सएप ग्रुपों और सोशल मीडिया के अन्या माध्यमों से इसे जमकर वायरल किया गया। इतना ही नहीं, एक स्थानीय समाचार पोर्टल ने इसका समाचार भी प्रसारित कर दिया। वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए सूचनाजी.कॉम ने जेएसपीएल कारपोरेट पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट से बात की। उन्होंने वीडियो को फर्जी बताया और कहा-चार साल पहले एक घटना हुई थी, जिसमें एक कर्मचारी की जान गई थी। इसके बाद से कोई भी हादसा नहीं हुआ है। जेएसपीएल की तरफ से आधिकारिक बयान भी जारी किया जाएगा। फिलहाल, जेएसपीएल के नाम पर फर्जी मैसेज वायरल करने वालों पर कार्रवाई की जएगी।

जेएसपीएल की तरफ से बयान आने के बाद सूचनाजी.कॉम ने इसकी सच्चाई के लिए गूगल सर्च किया। गूगल पर हादसे के कई वीडियो मिले। इसमें जिंदल के नाम पर वायरल वीडियो भी मिला। यह वीडियो दो जून का है। गुजरात के वड़ोदरा के नंदेसरी औद्योगिक क्षेत्र में दीपक नाइट्राइट रसायन उत्पादन संयंत्र के एक हिस्से में भीषण धमाका हुआ था। सात कर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कारखाने के आसपास रहने वाले करीब 700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था। वड़ोदरा के जिलाधिकारी आरबी बराड़ ने बयान दिया था कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आग से निकले धुएं की चपेट में आ गए सात लोगों को उपचार के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एहतियातन कारखाने के पास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले करीब 700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
इधर, वायरल वीडियो को पहले भिलाई स्टील प्लांट के नाम पर प्रसारित किया गया था। कुछ समय बाद जिंदल का नाम सामने आया। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कई वाट्सएप ग्रुपों में से शेयर किया गया। पूर्व सांसद व सीटू के राष्ट्रीय नेता तपन सेन तक वायरल वीडियो पर सक्रिय हो गए और पूछताछ तक कर डाली।
वहीं, सीटू के संगठन सचिव डीवीएस रेड्डी का कहना है कि वायरल वीडियो व फोटो 2 जून 2022 की है। इसे रायगढ़ जिंदल स्टील प्लांट की दुर्घटना के रूप में वायरल किया जा रहा है। मौजूदा समय में इस तरह के फेक न्यूज़ का चलन देखने को मिल रहा है। लोग भी ऐसे समाचारों को बिना सत्यता की जांच किए ही आगे बढ़ा देते हैं। हमें इससे बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे समाचार ना केवल अफरा तफरी मचाते हैं, बल्कि समाचारों के ऊपर से विश्वास को भी डगमगाते हैं।