सभी पेंशनर्स को आयुष्मान कार्ड जारी करने की मांग।
बीएनसी मिल्स राजनांदगांव, फेरो स्क्रैप लिमिटेड, बीएसपी, एनएमडीसी, एमपीएसआरटीसी, एचएससीएल, सेंचुरी सीमेंट, बालको, एनटीपीसी, मार्कफेड के प्रतिनिधि पहुंचे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। पेंशन को लेकर राहत मिलती नहीं दिख रही है। नीति स्पष्ट न होने से पेंशनर्स परेशान हो रहे हैं। केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए हर दरवाजे पर हाजिरी लगा रहे हैं। दुर्ग के सांसद विजय बघेल से मुलाकात करने भी पहुंचे। राष्ट्रीय संघर्ष समिति फॉर ईपीएस 95 पेंशनर्स की लगभग एक घंटे तक बैठक हुई।
राष्ट्रीय संघर्ष समिति फॉर ईपीएस 95 पेंशनर्स छत्तीसगढ़ राज्य के अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी की अगुवाई में लगभग पचास सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया। ये सदस्य विभिन्न विभागों जैसे बीएनसी मिल्स राजनांदगांव, फेरो स्क्रैप लिमिटेड, बीएसपी, एनएमडीसी, एमपीएसआरटीसी, एचएससीएल, सेंचुरी सीमेंट, बालको, एनटीपीसी, मार्कफेड इत्यादि संस्थाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
ईपीएस 95 के न्यूनतम पेंशन के ऊपर गंभीरता से प्रकाश डालते हुए एलएम सिद्दीकी ने बताया कि 16 नवंबर 1995 से सन 2013 तक कोई न्यूनतम पेंशन निर्धारित नहीं था और अधिकांशतः सेवानिवृत्त साथियों को मात्र सौ रुपए से लेकर 500 रुपए महीना तक पेंशन मिलता था। सन 2013 से न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपए निर्धारित किया गया, जिसमें आज तक कोई वृद्धि नहीं की गई।
यहां तक कि भगत सिंह कोश्यारी कमेटी की सन 2013 की सिफारिशों को भी नजरंदाज कर दिया गया है, जिसमें उन्होंने न्यूनतम पेंशन को तीन हजार रुपए करने और इसे डीए से लिंक करने को कहा था। अगर उन सिफारिशों को लागू किया गया होता तो आज पेंशनर्स का न्यूनतम पेंशन कम से कम दस हजार रुपए होता।
अतः, न्यूनतम पेंशन को एक हजार रुपए से बढ़ाकर साढ़े सात हजार रुपए किया जाना चाहिए और इसे अनिवार्यतः डीए से लिंक किया जाना चाहिए, क्योंकि महंगाई के इस जमाने में मात्र एक हजार रुपए महीने के पेंशन में पति-पत्नी यानी दो लोगों का गुजारा लगभग असम्भव है।
विधवा पेंशन को 50 प्रतिशत देना भी अमानवीय है। पेंशनर की मृत्यु के बाद, उसकी पत्नी/पत्नी को सौ प्रतिशत पेंशन जारी रहने पर जोर दिया गया, क्योंकि पेंशन कोष में तो मृतक का अंशदान उपलब्ध है।
ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया, क्योंकि आर्थिक बदहाली के चलते वे अपना उचित इलाज नहीं करवा पाते और कई बार समय पूर्व दम तोड देते हैं। इसलिए सभी पेंशनर्स को आयुष्मान कार्ड जारी किया जाना चाहिए।
बहुत से सेवानिवृत्त साथी ईपीएस 95 के लिए ऑप्शन नहीं दे पाए थे, इसलिए एक विशेष मामला मानते हुए, उन सभी को भी एक उचित पेंशन की रकम दी जाए। सांसद विजय बघेल ने सभी बिंदुओं को ध्यानपूर्वक सुना और सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी समस्याओं को बिंदूवार लोक सभा में उठाएंगे। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि सन 2013 में निर्धारित किया गया न्यूनतम पेंशन आज भी मात्र एक हजार रुपए कैसे हो सकता है? उन्होंने आगे कहा कि आयुष्मान कार्ड सभी पेंशनर्स को देना संभव प्रतीत नहीं होता, लेकिन उसका कोई ऑल्टरनेटिव व्यवस्था के लिए वे अवश्य चर्चा करेंगे।