भिलाई टाउनशिप में कब्जे की राजनीति का फैसला होगा सीएम भूपेश बघेल के दरबार में, कर्मचारी-अधिकारी करेंगे मुलाकात
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई टाउनशिप में कब्जे की राजनीति ने माहौल गरमा दिया है। भिलाई स्टील प्लांट का इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट कानूनी तरीका अपनाते हुए कब्जेदारों की बेदखली का अभियान चला रहा है। कर्मचारी यूनियन, आफिसर्स एसोसिएशन, बीएसपी कर्मचारी अभियान के पक्ष में खुलकर आ गए। वहीं, सियासी नफा-नुकसान को देखते हुए कुछ लोग विरोध में उतर आए।
अभियान को रोकने के लिए नगर सेवाएं विभाग पर दबाव बनाने की राजनीति एक बार फिर तेज होने जा रही है। बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू की जा रही है। इसकी भनक लगते ही बीएसपी के ट्रेड यूनियन नेताओं ने संयंत्र के अंदर गोपनीय बैठक की। सियासी दबाव बनाने की हरकत के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दरबार में हाजिरी लगाने पर सहमति बनी है। अधिकारियों के नेतृत्व में कर्मचारी नेता और कर्मचारी सीएम भूपेश बघेल के आवास पर उनसे मिलने के लिए पहुंचेंगे। पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगे।
ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है बीएसपी ने लंबे समय के बाद कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। सरकारी संपत्ति पर इस तरह से कब्जेदारों को काबिज कराने वालों का चेहरा बेनकाब करना जरूरी हो गया है। मुख्यमंत्री से मिलकर अभियान को बाधित कराने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी ताकि बीएसपी कब्जेदारों से टाउनशिप को मुक्त करा सके।
छत्तीसगढ़ सरकार भी कब्जेदारों के खिलाफ नगर निगम के माध्यम से बेदखली की कार्रवाई कराता है, लेकिन कोई विरोध नहीं किया जाता है। वहीं, भिलाई टाउनशिप में पर्दे के पीछे रहकर विरोध किया जा रहा है। अब बड़े आंदोलन की तैयारी चल रही है। इन सबको देखते हुए मुख्यमंत्री के सामने पूरे मामले को रखा जाएगा और नाम तक सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट के साथ खड़े होने लगे हैं लोग
भिलाई इस्पात संयंत्र का इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट बीएसपी की जमीन पर अवैध कब्जे कर बनाए गए दुकान, मकान को खाली करा रहा है। आम जनमानस और राजनीतिक दलों में धारणा थी कि यह कार्रवाई, कुछ दिनों में अपने आप बंद हो जाएगी। राजनीतिक दलों के दबाव में बंद करा दी जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और यह कार्यवाही लगातार बढ़ती गई।
बीएसपी कर्मियों का समर्थन मिला। शिकायतें विभाग में सीधी आने लगी। इन सबके बीच में जब एक बीएसपी कर्मी को धमकी मिलती है तो ऑफिसर एसोसिएशन और ट्रेड यूनियनों ने इस कार्यवाही का समर्थन किया, बल्कि इन्होंने पुलिस को जाकर पत्र भी दिया, जिसके बाद यह कार्रवाई और तेजी से बढ़ने लगी।
मकान-जमीन को खाली कराना जायज है, नाजायज नहीं
सीटू के संगठन सचिव टी.जोगा राव का कहना है कि एक बहुत बड़ा वर्ग है जो न बीएसपी कर्मचारी है और न ही उनकी बीएसपी की जमीन पर कोई दुकानें है। न ही कोई संपत्ति है। लेकिन वह चाहता है, उनके अवैध कब्जों को खाली नहीं कराया जाए। तो यह कैसे संभव है बीएसपी क्वार्टर में मुफ्त की बिजली-पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। बीएसपी कर्मियों को वाकई में एक होना पड़ेगा, क्योंकि यह राजनीतिक दलों को बीएसपी कर्मियों के हितों से कोई लेना देना नहीं है, उन्हें तो वोट बैंक चाहिए।
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हिंदू रक्षा मंच ने कार्रवाई का किया समर्थन
हिन्दू रक्षा मंच छत्तीसगढ़ के संयोजक मनोज ठाकरे ने भिलाई टाउनशिप के भू-माफिया और अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का समर्थन किया है। सेक्टर-6 जैसे मुख्य सेक्टर में करीब 300 झोपड़ियां अवैध बिजली-पानी का उपयोग कर रही है। नगर सेवाएं विभाग सही समय पर कार्रवाई कर रही है, जिसे जारी रखने की जरूरत है।