- युवा कर्मचारी जिन्होंने डिप्लोमा और डिग्री प्राप्त किया हुआ है, उनके पदनाम का मुद्दा भी बहुत दिनों से लंबित है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) के प्रतिनिधि मंडल ने यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्त के नेतृत्व में भिलाई इस्पात संयंत्र के ईडी पीएंडए पवन कुमार के साथ बैठक किया। सीजीएम कार्मिक संदीप माथुर, जीएम आईआर जेएन ठाकुर, जीएम कार्मिक विकास चंद्रा, प्रबंधक कार्मिक आरके महाराणा उपस्थित थे।
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यूनियन ने मांग रखी कि इंसेंटिव स्कीम बहुत दिनों से रिवाइज नहीं हो रहा है। इसे जल्द से जल्द रिवाइज किया जाए। युवा कर्मचारी जिन्होंने डिप्लोमा और डिग्री प्राप्त किया हुआ है, उनके पदनाम का मुद्दा भी बहुत दिनों से लंबित है। इसे भी जल्द से जल्द लागू किया जाए, जिस पर प्रबंधन ने सकारात्मक आश्वस्त देते हुए जल्द ही इंसेंटिव स्कीम तथा पदनाम के मुद्दे को हल करने के लिए आश्वस्त किया।
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अब बात आई बायोमेट्रिक पर
कर्मचारियों पर बायोमेट्रिक थोपने की दिशा में प्रबंधन की नीति पर यूनियन ने प्रबंधन का पक्ष जानना चाहा, जिसपर प्रबंधन ने यूनियन को जानकारी दिया कि बायोमेट्रिक से अभी ठेका श्रमिकों के हाजिरी को ठीक कर उनके वेतन को सही करने के दृष्टि से ठेका श्रमिकों का फोटो खींचा जा रहा है। और साथ ही नियमित कर्मचारियों के भी आरएफआईडी कार्ड बनाया जा रहा है। जिससे नियमित कर्मियों को नया गेटपास वितरित किया जाए।
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इस प्रक्रिया में लगभग तीन माह लगेगा
नियमित कर्मचारियों के बायोमेट्रिक लागू करने के लिए अभी किसी प्रकार का कोई सर्कुलर या आदेश जारी नहीं किया गया है। जिस पर यूनियन के प्रतिनिधियों ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि तीन कर्मचारी सड़क दुर्घटना में मारे गए तथा एक कर्मचारी संयंत्र के दुर्घटना में मृत हुए, उसके बावजूद छः माह से ज्यादा हो गया सेफ्टी की सेंट्रल समिति की बैठक नहीं बुलाई गई है।
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करोड़ों की चोरी, सेफ्टी पर ध्यान दें, किसको पहुंचेगा लाभ
कर्मचारियों के सुरक्षा के दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है। संयंत्र में लगातार करोड़ों की चोरी हो रही है, पर इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया। परंतु बायोमेट्रिक के नाम पर एक निजी कंपनी के लाभ वाले काम में प्रबंधन की तत्परता कई संदेह को जन्म देती है।
यूनियन ने बैठक में इस बात को प्रमुखता से रखा कि सबसे पहले कर्मचारियों के 39 महीने के एरियर, उनके आवास, सुविधा, अस्पताल की सुविधा, कैंटीन, रेस्ट रूम, पीने के पानी की सुविधा को ठीक किया जाए, उसके बाद ही बायोमेट्रिक या आरएफआईडी लगाने की दिशा में कार्यवाही हो।
बायोमेट्रिक बिगाड़ सकता है लोकसभा चुनाव का समीकरण
बैठक में यूनियन ने प्रबंधन से कहा कि छत्तीसगढ़ में भिलाई इस्पात संयंत्र मुख्य उद्योग है, जिसमे सबसे ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है। इसलिए ठीक लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रबंधन का कोई भी ऐसा निर्णय जो चुनाव को प्रभावित करता हो, न किया जाए। विधानसभा चुनाव के ठीक पूर्व संयंत्र में आरएफआईडी लगाने की घोषणा की गई थी और उसे इस ढंग से प्रचारित किया गया कि केंद्र की वर्तमान सरकार के आदेश से ऐसी प्रक्रिया करवा रही है।
इस कारण कर्मचारियों में बहुत गलत संदेश गया। और दुर्ग लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी सभी सीटों में प्रचंड बहुमत से जीती, परंतु भिलाई विधानसभा न जीत सकी। और इसका असर सांसद के चुनाव क्षेत्र में भी रहा। और वहा का रिजल्ट भी प्रतिकूल रहा।
कुछ ही माह में लोकसभा चुनाव होना है। इसके पूर्व पुनः ऐसा ही माहौल बनाया जा रहा है कि केंद्र सरकार के दवाब में आरएफआईडी लगाया जा रहा है, जो पूर्णतः गलत है।
यूनियन मांग रखा की इस प्रकार से संयंत्र के किसी भी निर्णय को केंद्र की लोकप्रिय सरकार से जोड़ कर प्रस्तुत करने की क्या मंशा है इसकी जांच किया जाए।
ये यूनियन के पदाधिकारी रहे मौजूद।
बैठक में प्रमुख रूप से यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, शिवबहादुर सिंह, खूबचंद वर्मा, दिलेश्वर राव, सुरेश सिंह, अमित बर्मन, विमल पांडे, सुभाष महाराणा, लूमेश कुमार, राजकुमार सिंह, मनोज डडसेना, अभिषेक सिंह, नितिन कश्यप, प्रदीप सिंह, संदीप सिंह, कृष्णमूर्ति, रविशंकर सिंह, संदीप सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।