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SAIL बोनस पर Bokaro Steel Plant से आ रही ये खबर, कोक ओवन में हंगामा

SAIL बोनस पर Bokaro Steel Plant से आ रही ये खबर, कोक ओवन में हंगामा
  • ग्रेच्युटी पर से सीलिंग समाप्त करने, वेतन समझौता आंदोलन में भागीदारी के कारण बोकारो स्टील प्लांट से बाहर ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों की वापसी की उठी आवाज।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल कर्मचारियों (SAIL Employees) के बोनस को लेकर जमीनी लड़ाई जा रही है। बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) से एक बड़ी खबर आ रही है। संयुक्त यूनियन के बैनर तले एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया गया है।

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पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा (Trade Union United Front) के चारों घटक के नेताओं ने प्लांट के कोक अवन में आंदोलन के तीसरे चरण में जगरूकता के लिए प्रदर्शन किया। 40500 से ज्यादा बोनस का भुगतान करने की मांग की। 39 माह का एरिया का भुगतान जल्द करो,पर्क्स एरियर का भुगतान अप्रैल 2020 से करने की मांग की गई।

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नाइट शिफ्ट एलाउंस (Night Shift Allowance), मकान भाड़ा भत्ता यदि में बढ़ोतरी अभिलंब करने, ठेका मजदूरों का वेज रिवीजन के साथ-साथ जॉब सिक्योरिटी एवं अन्य सुविधा मुहैया कराने की आवाज उठाई गई।

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आरआईएनएल (RINL) के मजदूरों को भी वेज रिवीजन का भुगतान एवं पे स्केल लागू करने, ग्रेच्युटी पर से सीलिंग समाप्त करने, वेतन समझौता आंदोलन में भागीदारी के कारण बोकारो स्टील प्लांट से बाहर ट्रांसफर किए गए मजदूरों को अभिलंब वापस लाने, हाउस पर 50% इनकम टैक्स रिबेट मजदूरों को भी देने की वकालत की गई।

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प्रदर्शन में शामिल श्रमिक नेताओं ने कहा-जब तक हमारी मांगों  पर विचार कर पूरा नहीं किया जाता, तब तक लडाई जारी रहेगी। सभा की अध्यक्षता क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ एचएमएस के नेता राजेंद्र सिंह ने किया।

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वक्ताओं ने कहा जब भी मजदूरों को बोनस देने की बात आती है  तो सेल प्रबंधन (SAIL Management)  नए-नए हथकंडे अपनाती है, ताकि कम से कम पैसा मजदूरों को मिल सके। सेल प्रबंधन बिल्कुल ही संवेदनहीन हो चुका है।

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सेल के इतिहास में यह पहली बार ऐसा हुआ है कि इस्पात मजदूरों के वेज रिवीजन (Wage Revision) पर मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग बने हुए 2 साल गुजर गए। परंतु अभी तक एग्रीमेंट नहीं हो सका, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही साथ नाइट शिफ्ट एलाउंस के साथ दूसरे अलाउंस पर फैसला अभी तक नहीं हो सका है।

प्रबंधन एक तरफा फैसला कर ग्रेच्युटी पर सीलिंग लगाती है। पूरी तरह तानाशाही हुकूमत चलाना चाहती है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि उत्पादन तथा उत्पादकता में बराबर के हकदार ठेका मजदूर जिनका वेज रिवीजन, गेट पास की सुरक्षा अन्य सुविधाओं पर फैसला नहीं करना चाहती।

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ठेकेदार को लूट की छूट दे रखी है। दूसरे तरफ अपने अधिकारियों को देने के लिए पीआर के नाम पर खुली छूट दे रखी है। लाखों रुपया खर्च करने में किसी तरह का बोझ नहीं आता है। जबकि मजदूरों को देने के समय घाटा का रोना रोया जाता है।

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नेताओं ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते बोनस और वेज रिवीजन का बकाया एरियर पर फैसला किया जाए।

प्रदर्शन में मुख्य रूप से इंटक के बिरेंद्र नाथ चौबे, बीएन उपाध्याय, एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह, अजय कुमार, अबु नसर, सीटू के आरके गोराई, दिनेश  प्रसाद, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ HMS के राजेंद्र सिंह, अरुण कुमार मौजूद रहे।

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