- इंटक, सीटू, बीएमएस, एटक, एक्टू, लोइमू, स्टील वर्कर्स यूनियन, इस्पात श्रमिक मंच के पदाधिकारियों के मोर्चा संभाला।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। मनमाफिक सेल बोनस (SAIL Bonus) न मिलने से नाराज कर्मचारियों ने हड़ताल से पहले प्रदर्शन शुरू कर दिया है। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारियों ने एनजेसीएस यूनियन (NJCS Union) के बैरन तले मुर्गा चौक पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इंटक, सीटू, बीएमएस, एटक, एक्टू, लोइमू, स्टील वर्कर्स यूनियन, इस्पात श्रमिक मंच के पदाधिकारी जुटे।
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शाम 5 बजे से यूनियन नेता झंडा-बैनर लेकर मुर्गा चौक पर पहुंच चुके थे। बीएसपी आइआर विभाग (BSP IR Department) और पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया था। सेल प्रबंधन (SAIL Management) पर आक्रोशित कर्मचारी सड़क पर बैठ गए। रास्ता जाम कर दिया था। ड्यूटी से निकले कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए और बोनस के हक में नारेबाजी करते दिखे। घर जाने से पहले सड़क पर ही बाइक को खड़ी कर दिया, जिससे रास्ता जाम हो गया।
प्रदर्शन के दौरान इंटक से वंश बहादुर सिंह, बीएमएस से प्रदीप पाल, सीटू से जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी, विजय जांगडे, डीवीएस रेड्डी, टी जोगा राव, एचएमएस से प्रमोद कुमार मिश्र, एक्टू से बृजेंद्र तिवारी, स्टील वर्कर्स यूनियन से नंद किशोर गुप्ता, इस्पात श्रमिक के शेख महमूद, राजेश अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
यूनियन नेताओं (Union Leaders) ने कहा-हम सभी जानते हैं कि प्रबंधन के गैर-सहमति वाले दृष्टिकोण के आधार पर 21 अक्टूबर, 2021 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। उसके बाद बकाया भुगतान, अन्य भत्ते, ठेका श्रमिकों के मुद्दे और आरआईएनएल को लाभ के विस्तार आदि के संबंध में उक्त समझौता ज्ञापन की मूल भावना को लागू नहीं किया गया है।
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सभी ट्रेड यूनियनें 39 महीने के बिना शर्त एरियर, 1-01-2022 से सभी श्रमिकों को एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि, एचआरए और डीएएसए सहित सभी भत्तों का निपटान, आरआईएनएल में नए वेतन का कार्यान्वयन, ठेका श्रमिकों की मांगों और समझौते को अंतिम रूप देने से संबंधित अन्य सभी के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं।
लेकिन बुनियादी ज्वलंत मुद्दों को सुलझाने में प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं दिखी। ऐसा प्रतीत होता है कि श्रमिकों के हितों और उनकी जायज मांगों के मुद्दों पर जानबूझकर निष्क्रियता सेल प्रबंधन की औद्योगिक संबंध रणनीति का केंद्र बन गई है।
वार्षिक बोनस पर चर्चा करते समय यह और स्पष्ट हो गया है। 17 अक्टूबर 2023 को सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने एकजुट होकर भ्रामक फार्मूले को खारिज कर दिया, इसके बावजूद प्रबंधन ने खारिज किए गए फार्मूले से प्राप्त कुछ राशि का एकतरफा वितरण किया। फिर 1 अक्टूबर 2024 को सभी भाग लेने वाले ट्रेड यूनियनों ने वार्षिक बोनस पर बातचीत शुरू करने के लिए 40,500 रुपये की अंतिम राशि रखी, लेकिन प्रबंधन के अहंकारी और अड़ियल रुख के कारण बैठक अनिर्णायक तरीके से समाप्त हो गई।
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अब प्रबंधन के निरंकुश रवैये ने सभी सीमाओं को पार कर लिया है और द्विपक्षीय चर्चा की स्थापित संस्कृति का उल्लंघन करते हुए एकतरफा वार्षिक बोनस वितरित करने का फैसला किया है। जबकि अधिकारियों को भत्ते पर बकाया भुगतान के मामले में प्रबंधन ने सकारात्मक रुख अपनाया और 326.02 करोड़ रुपये के Q1 लाभ में से 309 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसके अलावा प्रबंधन द्वारा अधिकारियों के लिए घर के भत्तों के कारण पचास प्रतिशत कर का भुगतान किया जा रहा है।
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