आत्महत्या करने ट्रेन के सामने कूदी महिला, फिल्मी स्टाइल में दौड़ते हुए बचाई जान, तीन ट्रेनों के लगे थे इमरजेंसी ब्रेक
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। परिवारिक तनाव से त्रस्त एक महिला अपनी जान देने के लिए रेलवे ट्रैक पर खड़ी हो गई। सामने से ट्रेन आ रही थी। ट्रेन की रफ्तार धीमी थी, इसलिए लोगों को भी उसकी जान बचाने का मौका मिल गया। फिल्मी स्टील में दौड़ते हुए महिला को रेलवे ट्रैक से खींचकर बाहर किया गया। महिला और ट्रेन के बीच महज सात फीट की दूरी ही थी। जान देने पर उतारू महिला भी हाथ छुड़ाकर रेलवे ट्रैक पर लेटने की जिद करती रही। महिला को समझाकर वहां से हटाया गया।
हाइवे पेट्रोलिंग को इसकी सूचना दी गई ताकि महिला को उसके घर तक छोड़ा जा सके। महिला को पुलिस अपने साथ ले गई। भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर यह घटना हुई है। सेक्टर-7 स्थित मुकेश मेडिकल स्टोर के संचालक मुकेश राजपूत व रेल कर्मी टिंकू वर्मा दौड़ते हुए महिला की जान बचाई है।
मुकेश राजपूत ने सूचनाजी.कॉम से बताया कि शुक्रवार सुबह सवा सात बजे स्टेशन के समीप शिव मंदिर पर वह जल चढ़ाने के लिए गए थे। वहां अचानक से एक मालगाड़ी ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। आवाज सुनकर चौंक पड़े। कुछ समझ में नहीं आया। इसके बाद दानापुर और साउथ बिहार एक्सप्रेस ने भी इमरजेंसी ब्रेक लगाया। दोनों ट्रेनों के लोको पायलट उतरकर महिला को हटाने के बाद ट्रेन लेकर आगे बढ़े थे। तब तक लोको पायलट ने भिलाई नगर स्टेशन मास्टर को इस घटना की जानकारी दे दी।
रेलवे हरकत में आया और कर्मचारी टिंकू वर्मा को मौके पर पहुंचने के लिए बोला गया। शिव मंदिर में टिंकू ने मुकेश को जानकारी दी। इसके बाद अंडरब्रिज की तरफ दोनों दौड़ पड़े। सामने से एक मालगाड़ी आ रही थी। रेलवे लाइन पर महिला और पीछे से दो लोगों को दौड़ते देख मालगाड़ी के लोको पायलट ने समझदारी दिखाई और स्पीड को धीमी करना शुरू कर दिया था। तब तक मुकेश और टिंकू ने महिला को रेलवे लाइन से बाहर खींच लिया था।
करीब एक किलोमीटर दूर अंडरब्रिज तक दौड़ते हुए दोनों लोग गए थे। इसी बीच भगत की कोठी का भी सिग्नल हो चुका था। मुकेश राजपूत का कहना है कि महिला एक संभ्रांत और अच्छे घर की थी। पूछताछ में महिला ने खुद को रामनगर पांच रस्ता चौक का निवासी बताया। इसके तीन बेटे-बहू है। परिवार में झगड़े की वजह से वह ऐसा करने पहुंची थी।