SAIL के स्टील पर टिका है मिज़ोरम में 51 किलोमीटर लंबा बैराबी-सैरांग रेलवे प्रोजेक्ट, BSP, BSL, DSP, ISP, RSP का योगदान

51-km Bairabi-Sairang Railway Project in Mizoram is built on SAIL Steel, with Contributions from BSP, BSL, DSP, ISP, and RSP
  • सेल ने पूर्वोत्तर भारत में ऐतिहासिक रेल संपर्क को सशक्त बनाया बैराबी-सैरांग परियोजना।
  • भिलाई इस्पात संयंत्र से लगभग 10,000 मीट्रिक टन उच्च-श्रेणी के आर-260 प्राइम रेल की आपूर्ति की है।

सूचनाजी न्यूज, नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी इस्पात उत्पादक और महारत्न कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने मिज़ोरम में 51 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना के लिए लगभग 15,000 मीट्रिक टन उच्च-गुणवत्ता वाले इस्पात उत्पादों की आपूर्ति की है।

इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजना का उद्घाटन भारत के माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 सितंबर, 2025 को किया था।
इस परियोजना के लिए, सेल ने अपने प्रमुख भिलाई इस्पात संयंत्र से लगभग 10,000 मीट्रिक टन उच्च-श्रेणी के आर-260 प्राइम रेल की आपूर्ति की है। इसके अतिरिक्त, सेल ने अपने बोकारो, राउरकेला, भिलाई, दुर्गापुर और बर्नपुर इस्पात संयंत्रों से प्लेट, टीएमटी और स्ट्रक्चरल स्टील सहित लगभग 5,000 मीट्रिक टन अन्य आवश्यक इस्पात उत्पादों की आपूर्ति की है।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL Annual General Meeting: बिजनेस प्लान, संभावनाएं, Shareholders पर AGM में सीएमडी अमरेंदु प्रकाश ने कही बड़ी बातें

बैराबी-सैरांग परियोजना देश के हर क्षेत्र के साथ संपर्क को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह व्यापक आपूर्ति राष्ट्र निर्माण में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में सेल की स्थिति को रेखांकित करती है, जो महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक मजबूती और गुणवत्ता प्रदान करती है।

></a>
<a href=></a>
<a href=></a>


</div>

<p>सेल बुनियादी ढांचे, रेलवे, बिजली, जलविद्युत परियोजनाओं और सीमा संपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों के लिए इस्पात की आपूर्ति करके पूर्वोत्तर भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।</p>
<p><a href=ये खबर भी पढ़ें: SAIL Bonus: आरएसपी की मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक ने टाटा के तर्ज पर 40 हजार से अधिक बोनस की मांग की, पुराना फॉर्मूला करें कैंसिल

बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना में इसका योगदान भारत की ऐतिहासिक बुनियादी ढांचा पहलों – जिनमें चिनाब रेलवे पुल, जिरीबाम-तुपुल-इम्फाल ब्रॉड गेज परियोजना, अटल सुरंग, बांद्रा-वर्ली सी लिंक, और ढोला सादिया और बोगीबील पुल आदि शामिल हैं-को शक्ति प्रदान करने में सेल की स्थायी विरासत को और मजबूत करता है।

ये खबर भी पढ़ें: CITU Election 2025: भिलाई स्टील प्लांट के प्लेट मिल का सम्मेलन, इन कर्मचारियों को मिली जिम्मेदारी