BMS के 32 नेताओं का दल पहुंचा केंद्रीय श्रम मंत्री के पास, सौंपा Charter of Demands, पढ़ें डिटेल

A Delegation of 32 BMS leaders Reached the Union Labour Minister and Submitted a Charter of Demands
  • बीएमएस नेताओं Fixed Term Employment से उत्पन्न समस्याओं पर अलग बैठक बुलाकर समाधान करने की मांग की।
  • असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया।

सूचनाजी न्यूज, नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख भाई मांडविया ने कहा कि “असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कवच प्रदान करना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

यह विचार उन्होंने भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध विभिन्न असंगठित क्षेत्र महासंघों और अखिल भारतीय ठेका मजदूर महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ नई दिल्ली में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में व्यक्त किए।

सुरेन्द्र कुमार पांडे-उप महामंत्री के नेतृत्व में 32 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने श्रम मंत्रालय, नई दिल्ली में मंत्री से भेंट कर असंगठित एवं ठेका श्रमिकों से संबंधित विभिन्न मांगों का मांग पत्र (Charter of Demands) प्रस्तुत किया।

ये खबर भी पढ़ें: Durgapur Steel Plant: सेल CMD Amarendu Prakash निजीकरण, अस्पताल, NJCS, बकाया एरियर पर सवाल सुने, पर जवाब नहीं दिए

15 सेक्टर के श्रमिक नेताओं का जमावड़ा

बैठक में 15 अखिल भारतीय महासंघों के प्रतिनिधि शामिल थे। इनमें ठेका मजदूर, मत्स्य, वन, बीड़ी, कृषि, प्लांटेशन, बिजली ठेका व आउटसोर्सिंग, घरेलू कामगार, फेरीवाले, निजी परिवहन, प्लेटफॉर्म कामगार, आंगनवाड़ी सेविका, आशा वर्कर, मध्यान्ह भोजन कर्मचारी, एनएचएम व 108 एम्बुलेंस कर्मचारी, निर्माण मजदूर व ईएसआईसी अस्पताल कर्मचारी महासंघ शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने 2 घंटे तक सुनी बातें

बैठक लगभग दो घंटे चली, जिसमें सार्थक व सकारात्मक संवाद हुआ। मंत्री ने सभी महासंघों की समस्याएँ ध्यानपूर्वक सुनीं और श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार के लिए नये नवोन्मेषी उपाय सुझाने का आग्रह किया।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL और नगरनार स्टील प्लांट ने अक्टूबर में किया 9114 करोड़ कैश कलेक्शन, BSP अव्वल, RSP दूसरे, BSL तीसरे नंबर पर

बैठक के प्रमुख मुद्दे:

रोजगार की सुरक्षा, वेतन की गारंटी और सामाजिक सुरक्षा के कठोर प्रावधानों का पालन

  • असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा का लाभ
  • कल्याणकारी योजनाओं के निजीकरण पर रोक
  • कार्यस्थल पर उत्पीड़न व असुरक्षा समाप्त करना
  • कल्याण पोर्टल की तकनीकी समस्याओं का समाधान
  • मनरेगा को कृषि कार्यों से जोड़ना
  • ठेका व आउटसोर्सिंग मजदूरों के शोषण पर नियंत्रण

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो एयरपोर्ट की राह में आ रहे कब्जेदारों पर चला बुलडोजर, 200 दुकानें हो रहीं ध्वस्त

15 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किया

महासचिव सचिन मेंगाळे ने कहा कि ठेका मजदूरों के रोजगार में संरक्षण को नीतिगत प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
1. देशभर के सभी श्रमिकों के लिए ₹26,000 का न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए।
2. ठेका मजदूरों पर लागू श्रम कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाए।
3. ईपीएफ व ईएसआई के अंतर्गत अधिकतम वेतन सीमा बढ़ाई जाए।
4. उद्योगों में Standing Orders लागू किए जाएं।
5. Fixed Term Employment से उत्पन्न समस्याओं पर अलग बैठक बुलाकर समाधान किया जाए।

ये खबर भी पढ़ें: निजीकरण की तैयारियों के विरोध में इंटक पहुंचा सेक्टर 9 हॉस्पिटल, पढ़ें डॉ. विनीता द्विवेदी क्या बोलीं…

Wage Code और Social Security Code पर केंद्रीय मंत्री ने ये कहा

वेतन संहिता (Wage Code) और सामाजिक सुरक्षा संहिता (Social Security Code) के क्रियान्वयन पर मंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए कहा कि श्रमिक संगठनों व नियोक्ता संगठनों के साथ चर्चा कर प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL BIG NEWS: अस्पताल, टाउनशिप, एजुकेशन, प्लांट में आउट सोर्सिंग, BSL प्रबंधन बोला-न प्रपोजल-न ही मंजूरी, तनाव मत लीजिए

90% से अधिक महिलाएं कार्यरत

घरेलू कामगारों के विषय में शर्मिला पाटिल-संयोजक, अखिल भारतीय घरेलू कामगार महासंघ, ने बताया कि यह आंदोलन 1971 में मुंबई से शुरू होकर आज पूरे देश में फैल चुका है, जिसमें 90% से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक परिस्थिति को ध्यान में रखकर घरेलू कामगारों के लिए नई नीति तैयार की जाएगी और संबंधित विषयों पर नियमित समीक्षा बैठकें होंगी।

यह पहली बार है कि असंगठित क्षेत्र के इतने बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक आयोजित की गई है, जिससे सरकार का श्रमिक कल्याण के प्रति समन्वयपूर्ण व संवेदनशील दृष्टिकोण स्पष्ट होता है। इससे देशभर के करोड़ों कामगारों में न्याय की नई उम्मीद जगी है।

ये खबर भी पढ़ें: Welfare Walk-Care and Connect: बीएसएल की ईडी एचआर एक्टिव, कर्मचारियों के बीच अधिकारी, अब लेते रहेंगे फीडबैक, सुधरेगी व्यवस्था