- 14 अक्टूबर को औद्योगिक संबंध विभाग के महाप्रबंधक जेएन ठाकुर से सीटू नेताओं ने मुलाकात की थी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने एक बड़ा काम करा दिया है। बीएसपी प्रबंधन की घेराबंदी का असर यह हुआ कि अब जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय के चार कर्मचारी, सभी रिकार्ड सहित सेक्टर 9 हॉस्पिटल को सौंप दिया गया है।
पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के एजीएम रमेश गुप्ता सेक्टर 8 कार्यालय में बतौर रजिस्ट्रार कामकाज देखते थे। अब सेक्टर 9 हॉस्पिटल की डिप्टी मैनेजर शैला श्रीवास्तव रजिस्ट्रार के रूप में चार्ज ले चुकी हैं। फिलहाल, वह हॉस्पिटल में रिकार्ड सेक्शन में कार्यरत हैं। पीएचडी के एजीएम रमेश गुप्ता अब इस जिम्मेदारी से मुक्त हो गए हैं।
कर्मचारी यूनियन सीटू जन्मृ-मृत्यु पंजीयन कार्यालय के कामकाज को लेकर लगातार सवाल उठा रही थी। कर्मचारियों-अधिकारियों को होने वाली दिग्गतों की ओर प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराया था। 14 अक्टूबर को औद्योगिक संबंध विभाग के महाप्रबंधक जेएन ठाकुर से महासचिव जेपी त्रिवेदी, उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी, केवेंद्र सुंदर ने मिलकर विस्तार से चर्चा की थी। सूचनाजी.कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था। बीएसपी प्रबंधन हरकत में आया और तत्काल चार्ज हैंडओवर कर दिया गया है।
जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय से जुड़े आंकड़े
1959 में रजिस्ट्रार आफिस बना था।
नगर निगम बनने के बाद सिर्फ सेक्टर 9 में जन्मे बच्चों का पंजीयन यहां होने लगा।
हर दिन 20-25 जन्म-मृत्यु का पंजीयन होता है।
1958 से रिकॉर्ड यहां उपलब्ध है।
भिलाई में कहीं भी जन्में बच्चों का रिकॉर्ड यहीं रखा है।
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स्थाई रजिस्ट्रार नियुक्त करने की मांग पूरी
सेक्टर 8 जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय को सेक्टर 9 हॉस्पिटल के पुराने कॉफी हाउस में शिफ्ट किया गया है। सीटू नेताओं ने कहा था कि कर्मियों के लिए समस्याओं का अंबार के बावजूद यह एक जनता से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवाओं का अतिसंवेदनशील विभाग हैं। यहाँ बड़ी संख्या में लोग प्रमाण पत्र हेतु आते हैं।
जहाँ पूर्ण रूप से स्थाई रजिस्ट्रार की आवश्यकता थी। किंतु वर्तमान में रजिस्ट्रार इस कार्यालय में स्थाई रूप से बैठते नहीं है, क्योंकि उक्त रजिस्ट्रार के पास चार पांच अन्य विभाग का प्रभार दिया गया था। इसीलिए जन्म मृत्यु पंजीयन कार्यालय हेतु स्थाई रजिस्ट्रार नियुक्त करने की मांग की गई थी।
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जन्म मृत्यु सम्बन्धी सभी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किया जाए
सीटू नेताओं ने कहा-वहां रखे हुए जन्म मृत्यु से सम्बंधित लगभग लाखों महत्वपूर्ण रिकार्ड जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए इन रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन करने की अतिआवश्यकता है, क्योंकि इस विभाग में बनने वाले प्रमाण पत्र लोगों के जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी एक अत्यन्त महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिस पर प्रबंधन को तुरंत संज्ञान लेना होगा।












