सेल और सरकार के खिलाफ सभी यूनियनों ने मिलाया हाथ, बोकारो में उतरे सड़क पर

  • बोकारो स्टील प्लांट की ट्रेड यूनियनों ने अगस्त क्रांति दिवस पर एकजुटता दिखाई। मजदूरों के मुद्दे पर आवाज उठाई।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और सेल व आरआइएनएल के कर्मचारियों के मुद्दे को लेकर बोकारो स्टील प्लांट में प्रदर्शन किया गया। सेल, आरआईएनएल (RINL)के मजदूरों के वेज रिवीजन, 39 महीने की एरियर, ठेका मजदूरों के वेज रिवीजन के लिए 9 अगस्त क्रांति दिवस पर ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा ने जुलूस निकाला।

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मजदूर जुलूस नया मोड़ से चलकर गांधी चौक पर एक आम सभा में तब्दील हो गया। अध्यक्षता आईडी प्रसाद ने किया। सभा को संबोधित करते हुए घटक के नेताओं ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार मजदूरों किसानों छात्रों नौजवानों और आम जनता पर लगातार हमलाबार रही है। आज देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दी गई है।

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Shramik Day

सामाजिक ताना-बाना को तोड़ा जा रहा है। देश की तमाम वैधानिक संस्थाओं की आजादी को कमजोर कर दिया गया है। देश के संविधान की मूल भावनाओं पर चोट किया जा रहा है। देश के मजदूर किसान का हित भाजपा सरकार के एजेंडे से बाहर है, उनके एजेंडे में सिर्फ और सिर्फ बड़े-बड़े कॉर्पोरेट घराने, पूंजी पतियों का हित हो रहा है।

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यही कारण है कि आज आधे भारत की संपत्ति 21 अरबपतियों के पॉकेट में है। राष्ट्रीय संपत्ति, सार्वजनिक उद्योग और वित्तीय संस्थाओं को कौड़ी के भाव में मोदी सरकार अपने चहेते उद्योगपतियों को दे रही है।

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श्रमिक नेताओं ने कहा-सरकार अपनी मजदूर विरोधी नीतियों के कारण मजदूरों के पक्ष में कोई हस्तक्षेप नहीं करती। मजदूरों की बुनियादी और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप नहीं करती आज ठेका प्रणाली को तेज गति से बढ़ावा दिया जा रहा है अनिश्चित श्रम बल के रूप में अप्रेंटिस प्रशिछू प को बहाल किया जा रहा है।

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फिक्स्ड टर्म रोजगार अपनाया जा रहा है और आउटसोर्स की प्रथा तेजी से लागू की जा रही है और इस प्रकार के मजदूरों को श्रम कानूनों से वंचित किया जा रहा है। श्रम कानून को समाप्त कर चार लेबर कोर्ट लाया जा रहा है। इसके खिलाफ मजदूरों का संघर्ष लगातार जारी है।

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इस्पात मजदूरों का वेज रिवीजन आधा अधूरा पड़ा हुआ है। 39 महीने का एरियर अभी तक बकाया है। पर्क के एरियर के भुगतान नहीं हो रहा। वेतन समझौता का उल्लंघन कर ग्रेच्युटी पर सीलिंग लगा दिया गया है। नाइट शिफ्ट एलाउंस जैसे मुद्दे अभी तक अधूरे पड़े हुए हैं। ठेका मजदूर जो इस्पात उत्पादन के रीढ़ हैं, उनकी मजदूरी और सुविधा बढ़ाना नहीं चाहती, जिससे इनका वेज रिवीजन अभी तक लटका हुआ है। और यह गरीब मजदूर प्रबंधन और ठेकेदार के शोषण के शिकार हो रहे हैं। आंदोलन करने पर इस्पात कर्मियों को श्रम नियम का उल्लंघन कर ट्रांसफर कर दिया जाता है।

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श्रमिक नेताओं ने कहा कि यह सब केंद्र की मजदूर विरोधी नीति के कारण से हो रहा है, उसके खिलाफ संघर्ष को तेज करना होगा। 10 अगस्त 2023 को रांची राज्य भवन पर महापड़ाव में हजारों की संख्या में भाग लेंगे।

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जुलूस में बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक) के वीरेंद्र नाथ चौबे, बोकारो इस्पात कामगार यूनियन एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह, सत्येंद्र कुमार, इस्पात मजदूर मोर्चा (सीटू) के बीडी प्रसाद, आरके गोराई, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस) के राजेंद्र सिंह, सेंट्रल ऑफ स्टील वर्कर्स (एक्टू) के देव दीप सिंह दिवाकर, जेएन सिंह, बोकारो स्टील सेंटर वर्कर्स यूनियन (एआईयूटीयूसी) के मोहन चौधरी, सुभाष प्रमाणिक तथा बोकारो कर्मचारी पंचायत (एचएमएस) के रमाकांत वर्मा ने संबोधित किया।