बरसात का पानी भिलाई स्टील प्लांट नहीं होने देगा बर्बाद, पढ़िए खास प्लानिंग

Bhilai steel plant will save monsoon water, read Special planning
  • भिलाई स्टील प्लांट में हर माह एक नए काम की सौगात।
  • भिलाई इस्पात संयंत्र की वर्षा जल संचयन पहल। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai Steel Plant), इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में देश का एक प्रमुख नाम होने के साथ-साथ पर्यावरणीय चेतना और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बनकर उभर रहा है।

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Vansh Bahadur

संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग (टीएसडी) द्वारा जल संकट की संभावनाओं और भविष्य की जल-संवेदनशील आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) की दिशा में एक वैज्ञानिक, व्यावहारिक और योजनाबद्ध पहल की जा रही है, जो कि पर्यावरणीय संरक्षण को नया आयाम देने का कार्य कर रही है।

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इसी क्रम में 4 जुलाई 2025 को सेक्टर-6 स्थित टेनिस कॉम्प्लेक्स में एक नवीन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार उपस्थित रहे। उनके साथ मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) संदीप माथुर एवं मुख्य महाप्रबंधक (टीएसडी एवं सीएसआर) उत्पल दत्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

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इस प्रणाली की स्थापना महाप्रबंधक (टीएसडी) विष्णु पाठक, सहायक महाप्रबंधकगण सरोज झा, निखिलेश मिश्रा, कमरुदीन व उप प्रबंधक संजीव सारस्वत, और उनकी टीम के अथक परिश्रम का परिणाम है, जिसे समारोह में सराहा गया। इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया गया, तथा तत्पश्चात अतिथियों ने सेक्टर-10 स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में स्थापित नवीनीकृत जल संचयन प्रणाली का अवलोकन भी किया।

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उद्घाटन समारोह में अपने वक्तव्य में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार ने “हर माह एक नया काम” जैसे नवाचार को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए नगर सेवाएं विभाग के प्रयासों की सराहना की और कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना हम सबका धर्म है, और ऐसे प्रयासों के माध्यम से ही हम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा एवं संचय कर सकते हैं।

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इस अवसर पर नगर सेवाएं विभाग के महाप्रबंधक शिखा दुबे, महाप्रबंधक केके. यादव, महाप्रबंधक एबी निवास, महाप्रबंधक आरके साहू आदि उपस्थित रहे और उन्होंने इस अभिनव प्रयास की सराहना की।

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उल्लेखनीय है कि इस वर्षा जल संचयन प्रणाली का मूल उद्देश्य टाउनशिप में वर्षा के जल को वैज्ञानिक ढंग से एकत्र कर उसे घरेलू आपूर्ति के बजाय बागवानी, सड़क सफाई, मैदान सिंचाई तथा भूजल पुनर्भरण जैसे वैकल्पिक कार्यों में प्रयुक्त करना है, जिससे न केवल जलदबाव में कमी आती है, बल्कि शहरी बाढ़ की संभावनाएं भी घटती हैं।

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भिलाई की औसत वार्षिक वर्षा (1188 मिमी), छतों के बहाव गुणांक (0.85), और अधिकतम वर्षा समयावधि (20 मिनट में 25 मिमी) जैसे तकनीकी तथ्यों के आधार पर टीएसडी द्वारा इस प्रणाली का डिज़ाइन किया गया है।

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सभी स्थलों पर फिल्ट्रेशन चैंबर, तलछट टैंक और परकोलेशन पिट्स की संरचना तैयार की गई है, जिनके माध्यम से एकत्र जल या तो पुनः उपयोग के लिए संग्रहित किया जाता है या भूजल पुनर्भरण हेतु ज़मीन में प्रवाहित किया जाता है।

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नगर सेवाएं विभाग की यह परियोजना अब तक भिलाई टाउनशिप के कई महत्वपूर्ण स्थलों पर प्रभावी ढंग से संचालित हो रही है, जिनमें इएमएमएस सेक्टर-6 में प्रतिवर्ष लगभग 5600 क्यूबिक मीटर, सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-10 में 3807 क्यूबिक मीटर, लॉन टेनिस कोर्ट में 2605 क्यूबिक मीटर और ज़ोनल कार्यालय सेक्टर-4 में 1570 क्यूबिक मीटर वर्षा जल का संचयन किया जा रहा है।

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नगर सेवाएं विभाग के जल संरक्षण के इस पहल ने न केवल जलापूर्ति प्रणाली पर बोझ को कम किया है, बल्कि टाउनशिप के नागरिकों में जल-जागरूकता और संरक्षण भावना को भी मज़बूती प्रदान की है। इन प्रणालियों की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जा रही है ताकि हर नागरिक इसकी उपयोगिता को अनुभव कर सके।

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भविष्य को ध्यान में रखते हुए नगर सेवाएं विभाग का उद्देश्य है कि हर सार्वजनिक भवन, विद्यालय, कार्यालय परिसर और नई परियोजना में वर्षा जल संचयन प्रणाली को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए, तथा इसे परिदृश्य सिंचाई, जैव विविधता संरक्षण और हरित विकास परियोजनाओं से भी जोड़ा जाए, ताकि एक संतुलित और जल-संवेदनशील पर्यावरण का निर्माण हो सके।

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