बिल भुगतान में 20 दिन का समय लग जाता है, जिसका खामियाजा श्रमिकों को भुगतना पड़ता है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र कांट्रेक्टर एंड लेबर वेलफेयर सोसाइटी (Bhilai Steel Plant Contractor and Labor Welfare Society) की जनरल बॉडी मीटिंग बैठक इंडियन कॉफ़ी हॉउस में हुई। इस बैठक का मुख्य उदेश्य संयंत्र में कार्यरत लगभग 27000 ठेका श्रमिकों के दुर्घटना बीमा को लेकर मंथन करना था।
10 लाख के दुर्घटना बीमा (Accident Insurance) को लेकर हो रही समस्याओं को दूर करने की रणनीति बनाई गई। वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बीएसपी प्रबंधन ठेका श्रमिकों के भविष्य के साथ खिलवाड कर रहा है। एक ओर संयंत्र मे लागू सारे क़ानून केंद्र सरकार के द्वारा निर्धारित मापदंडो के अनुसार है, परन्तु विडंबना है कि मजदूरों वेतन राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित दर पर किया जा रहा है।
इसके कारण ठेका श्रमिकों को प्रति माह 5000 से 10000 रूपये की आर्थिक क्षति हो रही है। ठेका प्रकोष्ठ द्वारा आईआर क्लियरेंस प्रदान करने में 7-10 दिन का समय लगा दिया जाता है। वित्त विभाग 10 दिन लगा देते है। कुल मिलाकर ठेकेदार को बिल भुगतान होने पर लगभग 20 दिन का समय लग जाता है, जिसका खामियाजा श्रमिकों को भुगतना पड़ता है।
अतः दोनों ही मामलो में यह समय सीमा अधिकतम 5-5 दिन होना चाहिए, क्योंकि ठेकेदार सभी प्रकार के भुगतान करने के पश्चात् ही आईआर विभाग में अनापत्ती प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया जाता है। हर माह नियत समय पर बीएसपी के कर्मियों की तरह ठेका श्रमिकों को वेतन भुगतान के लिए ठेकेदारों को भी समयानुसार भुगतान बीएसपी प्रबंधन द्वारा होना चाहिए।
5 दिन में ठेकेदाररों को बिल का भुगतान हो
सोसायटी के पदाधिकारियों ठेका श्रमिकों की आर्थिक बदहाली के लिए प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए मांग की गई कि आईआर क्लियरेंस और वित्त विभाग से अधिकतम कुल 10 दिनों मे आईआर के लिए 5 दिन और वित्त विभाग हेतु 5 दिन के समय अवधि में ठेकेदारों को बिल का भुगतान हो।
मजदूरों को बीएसपी दे खाली मकान
साथ ही ठेका मजदूरों को बेहतर त्वरित चिकित्सा एवं आवास की समस्याओ पर भी मंत्रणा हुई। सभी सदस्यों ने मांग की है कि टाउनशिप में लगभग 5000 रिक्त आवास है। ऐसे आवासो को वास्तविक जरुरतमंद ठेका श्रमिकों को दिया जाए। उन्हें आवंटित किया जाए। वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने ईएसआई (ESIC) के अंतर्गत ठेका श्रमिकों को भिलाई इस्पात संयंत्र के अस्पतालों से भी इलाज की सुविधा प्रदान करने की मांग की गई।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली में खामी
भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के नियमित कर्मचारियों में भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली को लेकर रोष व्याप्त है, क्योंकि वर्तमान में जो बायोमेट्रिक मशीन लगे हुए है। इन मशीनों मे गलत उपस्थिति दर्ज हो रही है। पालियों के बदली होने पर गलत जानकारी मशीन मे दर्ज हो रही है। इस मुद्दे को श्रमिक यूनियन ने भी उठाया है तथा इसकी शिकायत भी दर्ज की गई है।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी
लगातार लाभ कमाने वाली संयंत्र में सेफ्टी मानक (Safety Standard) को अनदेखा किया जा रहा है। संयंत्र में लगातार हो रही दुर्घटनाओं के कारण ठेका श्रमिक अकाल काल की गर्त में समा रहे हैं। संयंत्र में कई जगह हादसे हो चुके हैं। गैलरी भी गिर चुकी है। सुरक्षा प्रथम केवल नारों में नहीं, वास्तविकता में होना चाहिए।
अघोषित हड़ताल की गर्त में बीएसपी
वर्तमान में बायोमेट्रिक उपस्थिति (Biometric Attendance) नहीं होने के कारण क्लियरेन्स नहीं देने के कारण बिल का भुगतान नहीं हो रहा, जिसके फलस्वरूप श्रमिकों का भी भुगतान नहीं हो पाएगा। इससे विस्फोटक स्थिति उतपन्न हो जाएगी और काम बंद की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। संयंत्र अघोषित हड़ताल (Undeclared Strike) की गर्त में चला जाएगा, क्योंकि वर्तमान मे अधिकतम विभाग का उत्पादन ठेका श्रमिकों द्वारा किया जाता है।
समस्या का जनक बीएसपी
ठेकेदारों ने कहा-इन सभी समस्या का जनक बीएसपी प्रबंधन है। इस बैठक मे प्रमुख रूप से सोसायटी के अध्यक्ष सीजू एन्थोनी, कार्यकारी अध्यक्ष त्रिलोकी सिंह, महामंत्री हितेश भाई पटेल, उपाध्यक्ष धीरज शुक्ला, नवीन सिंह, सचिव राजेश अग्रवाल आदि सैकड़ों की संख्या मे सोसायटी के सदस्य उपस्थित थे।