- बीएसएल द्वारा बोकारो में सर्कुलर वाटर इकोनॉमी को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम।
- लगभग 4000-5000 घन मीटर प्रति घंटा कम जल दामोदर नदी से लिया जाएगा।
- 30 एमजीडी एसटीपी और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सुविधा के क्रियान्वयन के साथ, बोकारो टाउनशिप झारखंड का पहला ऐसा नगर बन जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो इस्पात संयंत्र जल संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करने जा रहा है। संयंत्र द्वारा बोकारो टाउनशिप में 30 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) क्षमता वाले अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना की जा रही है।
यह परियोजना सर्कुलर वाटर इकोनॉमी को साकार करने और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बीएसएल की एक ऐतिहासिक पहल है। वर्तमान में बीएसएल अपने औद्योगिक कार्यों और टाउनशिप में घरेलू उपयोग हेतु लगभग 39 एमजीडी पेयजल की आपूर्ति करता है। संयंत्र और टाउनशिप से उत्पन्न लगभग 30 एमजीडी सीवेज एवं अपशिष्ट जल के वैज्ञानिक शोधन, पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह परियोजना आरंभ की जा रही है।
यह एसटीपी सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर (SBR) तकनीक पर आधारित होगा, जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुरूप होगा। इसमें सीवेज जल के कुशल संग्रहण, शोधन एवं पुनः उपयोग हेतु आधुनिक अवसंरचना विकसित की जाएगी।
शुद्ध किया गया जल दामोदर नदी से लिए जा रहे रॉ जल से भी बेहतर गुणवत्ता का होगा, जिसे इस्पात निर्माण प्रक्रिया में पुनः प्रयुक्त किया जाएगा। यह परियोजना हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (HAM) के तहत लागू की जाएगी, जिससे दीर्घकालिक संचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी अनुभवी एजेंसियों के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। इस परियोजना का वर्क ऑर्डर वर्तमान वित्तीय वर्ष के भीतर जारी किए जाने की संभावना है, जिससे इसके शीघ्र क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा।
परियोजना पूर्ण होने पर बीएसएल में जल संरक्षण, पर्यावरणीय अनुपालन और स्वच्छता के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे संयंत्र की रॉ जल पर निर्भरता घटेगी तथा लगभग 4000-5000 घन मीटर प्रति घंटा कम जल दामोदर नदी से लिया जाएगा, जिससे लगभग 50 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की बचत होगी।
यह पहल स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन तथा नमामि गंगे जैसे राष्ट्रीय अभियानों की भावना के अनुरूप है। इसके साथ ही, लंबे समय से प्रतीक्षित म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना भी शीघ्र ही बोकारो स्टील टाउनशिप में स्थापित की जाएगी।
30 एमजीडी एसटीपी और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सुविधा के क्रियान्वयन के साथ, बोकारो टाउनशिप झारखंड का पहला ऐसा नगर बन जाएगा, जहाँ इस क्षमता की इतनी उन्नत पर्यावरणीय सुविधाएँ एक साथ उपलब्ध होंगी।
इन सभी पहलों के माध्यम से बोकारो इस्पात संयंत्र अपनी सतत विकास, जल संरक्षण, पर्यावरणीय मानकों के अनुपालन और आत्मनिर्भरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सशक्त रूप से अभिव्यक्त कर रहा है. यह प्रयास बीएसएल को एक ईको-एफिशिएंट, जिम्मेदार और भविष्य उन्मुख संगठन के रूप में और भी सशक्त बनाएगा।












