- सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में 9 अक्टूबर 2018 को कोक ओवन गैस पाइप लाइन को डी-ब्लैंकिंग के दौरान हुई दुर्घटना में 14 कर्मचारियों-अधिकारियों की जान चली गई थी।
अज़मत अली, भिलाई। 9 अक्टूबर 2018…। सेल भिलाई स्टील प्लांट के लिए यह स्याह तारीख है। एक साथ 11 और इलाज के दौरान 3 लोगों ने दम तोड़ा था। ऐसा 14 मौत का मंजर…ऐ, ऊपरवाले दोबारा किसी को न दिखाना।
कोक ओवन गैस पाइपलाइन मेंटेनेंस कार्य के दौरान ऐसा धमाका हुआ था, जिसकी गूंज आज भी घरों में सुनी जा रही है। मातम छाया हुआ है। किसी ने बेटा, किसी ने पति खोया। कोई पापा के बगैर जिंदगी काट रहा तो किसी का सुहाग ही उजड़ गया।
हर साल की तरह इस बार भी 9 अक्टूबर की तारीख आई, आंखों में आंसू लाई। बीएसपी गैस कांड की बरसी पर प्लांट से पीड़ितों के घर तक मातम छा गया। शोक संवेदना व्यक्त की गई।
तत्कालीन सीईओ एम.रवि भी इस हादसे को याद कर भावुक हो गए। बोले-मैं कैसे भूल सकता हूं, उस मंजर को…। अध-जली लाश को अपने हाथों से उठाया हूं। सीजीम सेफ्टी पांडियाराजा भी लाश को उठवा रहे थे। पीड़ित परिवार के दर्द को कोई कम नहीं कर सकता। भगवान उनके कष्ट को दूर करे।
हादसे में जान गंवाने वाले कार्मिकों के नाम
हादसे में अकील अहमद, संजय चौधरी, उदय पांंडेय, इंद्रमण दुबे, गणेश राम, विश्वनाथ राजपूत, नरेंद्र पटेल, मलखम सिंह, केशव राम, देव नारायण तारम, डीके चौहान, डीके मौर्य, दुर्गेश राठौर, सत्य विजय। बता दें कि कर्मचारियों की लाश इस कद्र जल चुकी थी कि पहचान करना मुश्किल था। डीएनए के जरिए शवों की शिनाख्त हो सकी थी। एक कर्मचारी इतना जल चुका था कि कमर का हिस्सा ही शेष बचा था।
भयानक धमाके से सबकुछ हुआ था तबाह
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में 9 अक्टूबर 2018 को कोक ओवन गैस पाइप लाइन को डी-ब्लैंकिंग के दौरान हुई दुर्घटना में 14 कर्मचारियों-अधिकारियों की जान चली गई थी। धमाका और आग की वजह से संयंत्र के ईएमडी और अग्निशमन विभाग के कुल 14 कार्मिक शहीद हो गए थे। ऊर्जा प्रबंधन विभाग में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में संयंत्र बिरादरी के सदस्यों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
एम. रवि को छोड़ 22 अधिकारियों की थी साइन
बीएसपी में जिस स्थान पर हादसा हुआ था। वहां, पाइपलाइन पहले बिछा दी गई थी। गैस आगे नहीं न जाने पाए, इसके लिए ब्लैंक लगाया था। कोक ओवन और ब्लास्ट फर्नेस की गैस को प्रवाहित करने के लिए डी-ब्लैंकिंग करना था। इसी कार्य के दौरान चिंगारी निकली और गैस से धमाका हुआ था। ईएमडी और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी और अधिकारी चपेट में आए थे।
डी-ब्लैंकिंग के कार्य के लिए तत्कालीन ईडी वर्क्स पीके दास समेत अलग-अलग विभागों के 22 अधिकारियों की साइन से ऑर्डर जारी हुआ था, जिस पर तत्कालीन सीईओ एम. रवि की साइन नहीं थी। उन्हें इस कार्य की जानकारी तक नहीं थी। हादसे के बाद उनके विरोधियों के हाथ ऐसा मौका लगा, जिसको जमकर भुनाया गया। हादसे के बाद एम.रवि, टी. पांडियाराजा, एनर्जी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के डीजीएम नवीन कुमार सस्पेंड किए गए थे। वहीं, फैक्ट्री एक्ट के तहत ईडी वर्क्स मालिक होते हैं। जो बाल-बाल बच गए।